अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्लीवासियों को नववर्ष पर बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने दिल्ली के लोगों को बड़ी राहत देते हुए बिजली बिलों पर लगे सरचार्ज में काफी कमी कर दिया है। पावर पर्चेज एडजस्टमेंट चार्ज (पीपीएसी) की दरें जो पहले बीआरपीएल के लिए 35.83 फीसद, बीवाईपीएल के लिए 38.12 फीसद और टीपीडीडीएल के लिए 36.33 फीसद थीं, अब उसे घटाकर क्रमशः 18.19 फीसद, 13.63 फीसद और 20.52 फीसद कर दी गई हैं। इस कमी के बाद दिल्ली के सभी उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में कमी आएगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी बिजली मंत्रालय भी संभालती हैं। उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी की ईमानदार और जनता- केन्द्रित सरकार की वजह से संभव हो पाया है।
मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने हमेशा उपभोक्ताओं को अधिकतम बिजली दरों में बढ़ोतरी से बचाने को प्राथमिकता दी है, ताकि बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम्स) दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें। डीईआरसी, जो पावर पर्चेज कॉस्ट एडजस्टमेंट चार्ज को लागू करने के लिए एकमात्र अधिकार प्राप्त है, अपनी ‘टैरिफ रेगुलेशंस 2017’ के तहत काम करता है। इस नियमावली में पीपीएसी से संबंधित प्रक्रिया, आवधिकता, रूपरेखा, मंजूरी, वसूली और समायोजन के सभी विवरण तय किए गए हैं।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि यह केवल बिजली आपूर्ति श्रृंखला के सही प्रबंधन और पूर्व-योजना के जरिए ही दिल्ली सरकार हासिल कर पाई है। उन्होंने यह भी बताया कि पड़ोसी शहरों जैसे नोएडा और गुरुग्राम में न केवल बिजली की दरें अधिक हैं, बल्कि गर्मी के मौसम में बार-बार बिजली कटौती भी होती है। वहीं दिल्ली में लोग 24 घंटे बिजली की आपूर्ति का आनंद लेते हैं और हमारी नीतियों के कारण कई मामलों में उनकी बिजली बिल भी शून्य होते हैं।
पीपीएसी क्या है?
पीपीएसी (पावर पर्चेज एडजस्टमेंट चार्ज) एक अतिरिक्त शुल्क है जो बिजली बिलों में जोड़ा जाता है, ताकि बिजली खरीदने की लागत में आए बदलाव को कवर किया जा सके। यह बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को उन अतिरिक्त खर्चों को वसूलने में मदद करता है जो अचानक होने वाली घटनाओं जैसे ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव, ट्रांसमिशन चार्जेस, या मौसम और बाजार की परिस्थितियों के कारण होते हैं, जिन्हें सालाना टैरिफ योजना के दौरान सही से अनुमानित नहीं किया जा सकता। इसलिए, जब खर्चों में वृद्धि होती है, तो डिस्कॉम्स पीपीएसी लगाकर इन बढ़े हुए खर्चों को समायोजित करती हैं।
दिसंबर 2024 तक, दिल्ली डिस्कॉम के लिए डीईआरसी द्वारा मंजूर किए गए पीपीएसी की दरें इस प्रकार थीं:
बीआरपीएल: 35.83
फीसदबीवाईपीएल: 38.12
फीसदटीपीडीडीएल: 36.33 फीसद
30 अक्टूबर 2024 और 20 दिसंबर 2024 के आदेशों के अनुसार, डीईआरसी ने पीपीएसी की दरें घटाकर कम कर दी हैं:
बीआरपीएल: 18.19
फीसदबीवाईपीएल: 13.63
फीसदटीपीडीडीएल: 20.52 फीसद
*2024 की गर्मियों में पीपीएसी क्यों अधिक था?*
2024 की गर्मियों में, भीषण गर्मी पड़ने के कारण दिल्ली में बिजली की मांग में काफी वृद्धि देखी गई। 24 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, डिस्कॉम ने प्रचलित बाजार दरों पर बिजली खरीदी, जिससे पीपीएसी में वृद्धि हुई।इसके अतिरिक्त, अक्टूबर 2023 में केंद्र सरकार ने सभी थर्मल पावर प्लांट्स को घरेलू कोयले के साथ आयातित कोयले का मिश्रण जारी रखने का निर्देश दिया ताकि कोयले की आपूर्ति में कमी और बिजली की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। आयातित कोयले का मिश्रण फीसद से बढ़ाकर 6 फीसद कर दिया गया, जिससे बिजली उत्पादन कंपनियों के खर्चों में बढ़ोतरी हुई। इसका असर बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा बिजली खरीदने की लागत पर भी पड़ा।
*दिसंबर 2024 में पीपीएसी कम होने का कारण*
आमतौर पर सर्दियों में बिजली की मांग और खपत गर्मियों की तुलना में कम हो जाती है, जिससे बिजली उत्पादन कंपनियों से बिजली की खरीद कम होती है और कुल बिजली खरीद लागत कम हो जाती है। आयातित कोयले के मिश्रण का अनुपात भी अक्टूबर 2024 के मध्य तक 4 फीसद (पहले 6 फीसद से) तक कम कर दिया गया था। 15 अक्टूबर 2024 के बाद, आयातित कोयले के मिश्रण की आवश्यकता को पूरी तरह से हटा दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन लागत में काफी कमी आई और उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल कम हो गए।
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