अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: थाना कनॉट पैलेस ने आज फर्जी कंपनी बना कर लोगों के करोड़ों रूपए ठगने वाले दो घोटालेबाज को गिरफ्तार किया हैं। गिरफ्तार किए गए दोनों घोटालेबाजों के खिलाफ कनॉट पैलेस थाने में चार मुकदमें में दर्ज हैं जिसमें धोखाधड़ी, साजिश के तहत फर्जी बाड़ा करने, जाल साजी व अन्य कई धाराओं को इस्तेमाल की गई हैं। पुलिस ने गिरफ्तार किए जाने के बाद इन चारों मुकदमें के सुलझाने का दावा किया हैं।
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए धोखेबाजों का नाम विक्रम सक्सेना, निवासी प्रशांत गोल्फ एस्टेट,सहस्त्रधारा रोड , देहरादून , उत्तराखंड , उम्र 34 साल, मुद्रित कुमार उर्फ़ मिथिला भटनागर,निवासी इंद्रप्रस्थ कालोनी, तैराकी पुल, दिल्ली रोड , सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, उम्र 38 साल हैं उपरोक्त कथित व्यक्तियों ने आवेदकों को डीएसआईआईडीसी की वेबसाइट से पीड़ितों का विवरण एकत्र करके धोखा दिया है, जिन्होंने वर्ष 1996 में औद्योगिक भूखंडों के लिए आवेदन किया था।
तब उन्होंने पीड़ितों के कर्मचारियों के रूप में प्रतिरूपण करने वाले पीड़ितों से संपर्क किया। DSIIDC उनके निवासों या कार्यालयों का दौरा करके। उन्हें विश्वास में लेकर, आमतौर पर उन्हें कॉफ़ी हाउस, कनॉट प्लेस में कई बैठकों के लिए बुलाते हैं, जो DSIIDC कार्यालय के पास है। फर्जी आवंटन पत्र दिखाकर उन्होंने पैसे लिए डिमांड ड्राफ्ट और कैश दोनों में। डीडी को DSIDC के नाम से लिया गया था, जो विक्रम सक्सेना द्वारा स्थापित एक नकली कंपनी थी।