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नई दिल्ली: बीजेपी के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने बिहार प्रदेश भाजपा कार्य समिति को आगामी विधानसभा चुनाव में विजय का मंत्र दिया।

नई दिल्ली/ अजीत सिन्हा 
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज रविवार को बिहार प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक को संबोधित किया और पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में विजय का मंत्र दिया। ज्ञात हो कि भाजपा की दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक कल से शुरू हुई है। आज की बैठक में पटना में मंच पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी, बिहार सरकार में मंत्री नंद किशोर यादव, प्रेम कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, बिहार भाजपा के संगठन महामंत्री नागेन्द्र सहित कई वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे तो वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस वर्चुअली इस बैठक से जुड़े। दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मंच पर केंद्रीय मंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद ,केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह,अश्विनी चौबे,केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय और आर के सिंह भी उपस्थित थे।

नड्डा ने बिहार को जन्मभूमि बताते हुए कहा कि बिहार की पावन धरती गुरु गोविंद सिंह, भगवान् महावीर और महात्मा बुद्ध की भूमि है। यह राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर और फणीश्वर नाथ ‘रेणु जी की भूमि है। बिहार ने मुश्किल परिस्थितियों में देश को आगे बढ़ने की राह दिखाई और लोकतंत्र की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई। राष्ट्र के राजनीतिक,सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान में बिहार का योगदान अविस्मरणीय योगदान दिया है। बिहार की सामाजिक और राजनीतिक चेतना हमेशा से सर्वोत्कृष्ट रही है। चाहे चंपारण सत्याग्रह हो या लोकनायक जयप्रकाश नारायण का आंदोलन, बिहार ने हमेशा जन-जागरण की अलख जगाई है। ऐसी पावन भूमि को मैं नमन करता हूँ। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बार हमारे सामने कोविड-19 संक्रमण, बाढ़ की विभीषिका जैसी कठिन चुनौतियां है और बिहार में विधान सभा के चुनाव भी हैं। हमने कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ी है और बाढ़ की विभीषिका से भी जान-माल की सुरक्षा की है। जहां तक कोरोना का सवाल है तो हमें इस बात का गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की 130 करोड़ जनता को साथ लेकर कोविड-19 के संक्रमण के खिलाफ रणनीति के साथ जो लड़ाई लड़ी है, यह दुनिया में एक मिसाल है। इस कठिन काल में दुनिया के सामर्थ्यवान और प्रभावी स्वास्थ्य सुविधाओं वाले देश भी कोविड से लड़ाई में लड़खड़ा गए लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आगे बढ़ कर देश का नेतृत्व किया और समय पर साहसिक निर्णय लेते हुए लॉकडाउन का निर्णय लिया और न केवल देश की 130 करोड़ जनता की सुरक्षा की बल्कि अर्थतंत्र को भी नई दिशा दी। साथ ही, लॉकडाउन में देश को कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया।

नड्डा ने कहा कि लॉकडाउन लगाते समय देश में एक भी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल नहीं था जबकि 1500 से अधिक डेडिकेटेड हॉस्पिटल और 12.50 लाख डेडिकेटेड बेड व 50,000 से अधिक आईसीयू बेड हैं। आज देश में 2000 से अधिक टेस्टिंग फेसिलिटी सेंटर हैं जिसके माध्यम से आज हमारी टेस्टिंग कैपिसिटी 10 लाख प्रतिदिन से अधिक हो गई है। आज हमारी रिकवरी रेट 74% से अधिक हो गई है। पहले हम पीपीइ किट और फेस मास्क के आयात पर निर्भर थे जबकि आज हम दुनिया के अन्य देशों को निर्यात कर रहे हैं। बिहार ने भी कोविड-19 के खिलाफ अच्छा कार्य किया है। आज बिहार में रिकवरी रेट 73% से अधिक है, संक्रमण की पॉजिटिविटी दर है। बिहार ने डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग में भी अच्छा काम किया है। अब राज्य में एक लाख टेस्टिंग पर डे हो रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने लॉकडाउन के समय देश की आम जनता के लिए एक के बाद एक कई लोक-कल्याणकारी निर्णय लिए। 1.70 लाख करोड़ रुपये के गरीब कल्याण पैकेज और 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत को इम्प्लीमेंट किया गया। देश के 80 करोड़ लोगों के लिए मार्च से लेकर नवंबर तक के मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई। देश की 20 करोड़ महिला जन-धन खाताधारकों के खाते में 500 रुपये की तीन किस्तें डाली गई। दिव्यांग, विधवाओं और बुजुर्गों को 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। 8 करोड़ गरीब माताओं को तीन मुफ्त सिलिंडर दिए गुए और देश के 12 करोड़ से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि की पांचवीं और छठी क़िस्त दी गई। एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपये के कोलेटरल फ्री लोन की व्यवस्था की गई जिसमें से लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये सेंक्शन भी हो चुके हैं। कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड रखा गया है।
लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स के लिए दस – दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता जारी की गई है। लगभग ढाई करोड़ किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड जारी किये गए हैं। प्रधानमंत्री ने स्थानीय उत्पादों को ग्लोबल बनाने के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’अभियान की शुरुआत की। हमें भी बिहार के मखाना उद्योग, मधुबनी पेंटिंग, टिकुली कला, सिल्क उद्योग, शहद और लीची के लिए वोकल फॉर लोकल बनना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 50,000 करोड़ रुपये की लागत से गरीब रोजगार अभियान की शुरुआत भी बिहार से ही की थी। इसमें बिहार के 32 जिले शामिल हैं। इस के तहत साल में 125 दिनों तक रोजगार उपलब्ध कराने की योजना है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री जी ने लाल किले की प्राचीर से डिजिटल हेल्थ मिशन एवं डिजिटल हेल्थ केयर की शुरुआत की है। 1986 के बाद पहली बार देश में नेशनल एजुकेशनल पॉलिसी लागू की गई है। सच्चे अर्थों में यह आजाद भारत की आजाद नेशनल एजुकेशनल पॉलिसी बनी है। इससे शिक्षा में इक्वलिटी आएगी। इसमें स्थानीय भाषाओं को महत्व दिया गया है। इससे अब स्थानीय भाषाओं में भी छात्र सभी परीक्षाएं दे सकेंगे। नई नेशनल एजुकेशनल पॉलिसी कंसेप्ट बेस्ड एजुकेशन को बढ़ावा देगी जिससे शिक्षा में गहराई आएगी।

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