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पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज आयोजित प्रेस वार्ता में क्या कहा , जानने के लिए आवश्य पढ़े

अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद रवि शंकर प्रसाद ने आज बिहार प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और पिछले 20 साल से (12 साल गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और विगत 8 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री के रूप में) नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस, वामपंथी पार्टियों, राजद और कांग्रेस की अन्य सहयोगी पार्टियों द्वारा दुर्भावना वश जो झूठा दुष्प्रचार चलाया जा रहा है, आज सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से उनकी एक और करारी हार हुई है।

प्रसाद ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जाकिया जाफरी की याचिका के मामले में आज देश की सर्वोच्च अदालत का एक ऐतिहासिक फैसला आया है जिसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ रची गई साजिशों को एक बार और बेनकाब कर दिया है। जाकिया जाफरी और तथाकथित समाज सेवा का चोला ओढ़े तीस्ता सीतलवाड़ ने गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री हमारे लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी की भूमिका की जांच के लिए याचिका दाखिल की थी।

वह भी तब, जब इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी एसआईटी ने, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने और हाईकोर्ट ने भी मैराथन जांच, पूछताछ और सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खलाफ पूर्वाग्रह एवं वैमनस्यता से ग्रसित होकर एक कॉटेज इंडस्ट्री पिछले 20 वर्षों से लगातार साजिशें रच रही है लेकिन वे अपने इस बदनाम इरादे में बार-बार असफल हुए हैं। दर्जनों जांच एजेंसियों के माध्यम से तत्कालीन मुख्यमंत्री और हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को परेशान किया जाता रहा लेकिन उन्होंने हमेशा उनका सामना किया और हर बार उन्हें हर जांच एजेंसी द्वारा क्लीन चिट मिली।

प्रसाद ने कहा कि 26 फरवरी 2002 को अयोध्या से अहमदाबाद जाने के लिए साबरमती एक्सप्रेस में सवार कारसेवकों पर गोधरा में हमला हुआ और इसमें लगभग 59 कारसेवकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई थी। उसके बाद एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। उस वक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वनामधन्य लालू यादव रेल मंत्री थे। उन्होंने बिहार विधान सभा चुनाव को देखते हुए यू सी बनर्जी के नेतृत्व में एक जांच आयोग बनाया जिसने बिना जांच के प्रायोजित राजनीतिक स्वार्थ के तहत पूरी घटना को राजनीतिक चश्मे से देखा और गोधरा में हुई कारसेवकों की निर्मम हत्या में बाहर से हुए हमले को ही नकार दिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गोधरा के बाद हुए दंगे में 9 मामलों की जांच के लिए पूर्व सीबीआई निदेशक आर के राघवन की अध्यक्षता में जांच के लिए एक एसआईटी बनाई गई। इस एसआईटी में गुजरात से किसी भी अधिकारी या न्यायाधीश को शामिल नहीं किया गया ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। जाकिया जाफरी और तीस्ता सीतलवाड़ ने इसमें नरेन्द्र मोदी की भूमिका की भी जांच करने की मांग की। एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सभी मामलों की जांच की। मुख्यमंत्री रहते हुए नरेन्द्र मोदी से एसआईटी ने 9 घंटों तक पूछताछ की। हमारे एक भी कार्यकर्ता ने जांच का विरोध नहीं किया। आज जब एक स्पष्ट भ्रष्टाचार के मामले में ईडी राहुल गाँधी से पूछताछ कर रही है तो कांग्रेस के दोनों मुख्यमंत्री दिल्ली में धरना दे रहे हैं और कांग्रेस नेतृत्व की शह पर कांग्रेस कार्यकर्ता अराजकता फैला रहे हैं। एसआईटी ने मैराथन जांच और पूछताछ के बाद नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट दे दी। इसके खिलाफ कांग्रेस, वामपंथी पार्टियों, तथाकथित लिबरल गैंग ने गवाही दी लेकिन मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने भी इसे रिजेक्ट कर दिया। नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ ये गैंग पहले हाईकोर्ट गया। गुजरात हाईकोर्ट ने भी उनकी दलीलों को रिजेक्ट किया। फिर ये लोग सुप्रीम कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद 9 दिसंबर 2021 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।nवरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि आज जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, वह कई मायनों में ऐतिहासिक है। सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने निर्णय जो दो-तीन बातें महत्वपूर्ण रूप से कही है, वह स्पष्ट रूप से कॉटेज गैंग की साजिशों का पर्दाफाश करती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि इस अपील में कोई मेरिट नहीं है, इसलिए इस अपील को ख़ारिज किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि the proceedings have been pursued for last 16 years to keep the pot boiling, obviously for
ulterior design अर्थात् पिछले 16 वर्षों से इस मामले को जिंदा रखने के लिए और इसे अलग रंग देने के लिए ऐसा किया गया है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा – “it appears to us that a coalesced effort of the of disgruntled officials of the State of Gujarat along with others was to create sensation by making revelations which were false to their own knowledge” (हमें ऐसा प्रतीत होता है कि ये अपील
गुजरात राज्य के असंतुष्ट अधिकारियों के साथ-साथ अन्य लोगों का एक संयुक्त प्रयास था जिसका मकसद गलत जानकारी के आधार पर खुलासे करके सनसनी पैदा करना था।) प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ 20 साल से लगे कॉटेज गैंग के सदस्यों ने पूरी दुनिया में प्रायोजित कैम्पेन चलाया। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सभी जांच कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान हुई। यूपीए सरकार और कांग्रेस पार्टी का एकमात्र उद्देश्य किसी भी तरह नरेन्द्र मोदी को रोकना था, उन्हें अकारण बदनाम करना था लेकिन वे अपनी साजिशों में कभी भी सफल नहीं हुए। इन लोगों ने तो इस बात को लेकर भी कैम्पेन चलाया कि नरेन्द्र मोदी को अमेरिका का वीजा नहीं मिलना नहीं चाहिए। आज हम देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के संबंध कितने उंचाई पर पहुँच चुके हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि आज मैं कांग्रेस, वामपंथी पार्टियों, तथाकथित लिबरल गैंग्स और कॉटेज इंडस्ट्री से पूछना चाहता हूँ कि आपने 20 वर्षों से नरेन्द्र मोदी के विरोध के नाम पर अपनी दुकान चला रखी है, हर बार आप अपने नापाक इरादों में असफल हुए हैं।

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