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उत्तर प्रदेश

मथुरा : यमुना नदी में 28 किलों 500 ग्राम व 5 किलों के पत्थर तैरतें हुए देखें गए लोगों ने इसे बताया चमत्कार ,पूजा अर्चना की।

  खेमचंद पटेल की रिपोर्ट 
मथुरा :  यमुना के पानी मे उस समय चमत्कार देखने को मिला जब यमुना के पानी में कुछ पत्थर तैरते हुए जा रहे थे । लोगों ने जब पानी मे तैरते हुए पत्थर देखे तो वह यमुना में से 2 पत्थर निकाल लाएं । पानी से पत्थर निकालने के बाद जब उनका वजन  किया तो एक का बजन 28 किलो 500 ग्राम था तो दूसरे का करीव 5 किलो था । इतने वजन  के पत्थर को तैरते देख लोगों में आस्था उमड़ पड़ी और लोग पूजा अर्चना करने लगे ।
आपने कहानी किस्सों में पत्थरो को तैरता देखा हुआ सुना होगा और ऐसा माना जाता है जब भगवान् राम ने लंका पर चढ़ाई की थी उस वक्त समुद्र पर सेतु बनाया गया उस वक्त समुद्र में जो भी पत्थर डाले गए वो सभी पानी में तैरते रहे ये कहानी आज तक एक रहस्य बनी हुई है।  लेकिन क्या अब ये संभव है क्या आज के समय में आपने कभी देखा या सुना ही था कि  पानी पर पत्थर तैर  रहे हो, लेकिन अब हम जो आपको दिखाने जा रहे उसे देख कर आप हैरत में पड़ जाएंगे की आज के समय में भी इतना भारी भरकम पत्थर पानी में कैसे तैर सकता है तो पहले हम आपको बता दे इस पत्थर का वजन 28 किलो 500 ग्राम है ये पत्थर मथुरा के यमुना किनारे पर बसे सैनी मोहल्ले के लोगो ने यमुना मे तैरता हुआ निकाला है और पूजा अर्चना एंव भजन कीर्तन करते ये लोग उस चमत्कार को नमस्कार कर रहे है जो इन्होंने खुद अपनी आंखों से देखा । ये मोहल्ला यमुना के किनारे है और यहाँ के लोग यमुना के किनारे अक्सर जाते आते है तभी इन लोगो को  यमुना के पानी मे बहता हुआ कुछ दिखाई  दिया । इस पर उन्होंने इन पत्थरो को बहार निकाल लिया । यमुना से निकाल कर ये लोग 2 पत्थर साथ ले आए  और लोगों को इनके बारे में बताया । ये बात जैसे तैसे   फैलें हुए  लोग इन तैरते हए पत्थरों को देखने आने लगे और इनको मंदिर में पानी के भरे इस ड्रम में रखकर शुरू कर दी पूजा अर्चना ।  यमुना से निकले इन पत्थरों का जब हमने कैमरे के सामने तराजू पर वजन  कराया तो एक का वजन  28 किलो 500 ग्राम व दूसरे का 5 किलो था । हमे फिर भी विश्वास नही हुआ  कि इतने भारी वजन  का पत्थर कैसे पानी मे तैर  सकता है फिर हमने उस पत्थर को दूसरे तराजू पर वजन  कराया तब भी पत्थर उसी वजन  का था ।  लोग इसे चमत्कार मानते हुए नमस्कार कर रहे है और पूजा अर्चना व भजन कीर्तन में जुट गए है । अब इसे चमत्कार कहें या कुछ और ।


 

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