विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंविवि) में 14 सितंबर से चल रहा हिंदी पखवाड़ा आज सम्पन्न हुआ। समापन कार्यक्रम में डीएवी महाविद्यालय, पूंडरी (कैथल) के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. रविंद्र गासो मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। डॉ. गासो ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. बीर सिंह ने पुष्प गुच्छ भेंटकर मुख्य वक्ता का स्वागत किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने विश्वविद्यालय में चल रहे हिंदी पखवाड़े की सफलता पर हर्ष जताते हुए अपने संदेश में कहा कि विश्वविद्यालय हिंदी और अपनी भाषाओं के उत्थान के लिए हमेशा तत्पर रहेगा।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. रविंद्र गासो ने कहा कि हिंदी एक समर्थ भाषा है। हिंदी में कार्य करने के लिए हमें नए ढ़ंग से सोचने की जरूरत है। रोजगार के लिए किसी भी भाषा में बोलना और लिखना आना चाहिए। रोजगार उत्पादन में होता है और भाषा उसको प्राप्त करने का एक माध्यम है। शोध और विकास के लिए हमें अपनी भाषाओं में काम करने की जरूरत है। हिंदी इन सबके लिए एक बेहतर विकल्प है। इसी कड़ी में डॉ. बीर सिंह ने मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए भाषा के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि भाषा अपने राष्ट्र के नाम एक संदेश प्रदान करती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. रणवीर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में आयोजित हिंदी पखवाड़े के तहत विश्वविद्यालय के स्टॉफ, विद्यार्थियों एवं विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गावों के राजकीय विद्यालय के बच्चों के लिए कविता पाठ, सुलेख, निबंध, वक्तव्य व स्लोगन लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ भागीदारी की। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषाओं को जन-जन तक पहुँचाने की जरूरत है।
समापन समारोह के अंत में प्रतियोगिताओं के विजेताओं को नकद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पर्यावरण विज्ञान विभाग की सहायक आचार्य डॉ. मोना ने मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर का हिंदी दिवस संबंधी संदेश पढ़कर सुनाया। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन हिंदी एवं भारतीय भाषा विभाग के प्रभारी डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन विभाग के ही सहायक आचार्य डॉ. अमित मनोज ने दिया।