संवाददाता : जयपुर का कुंभ माने जाने वाले 10 दिवसीय ‘बेणेश्वर मेले’ की आज से शुरआत हो गई जिसमें हर साल देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
राजस्थान के दक्षिणांचल में माही, सोम और जाखम नदियों से घिरा बेणेश्वर लोक आस्थाओं का वह महातीर्थ है जहाँ हर साल माघी एकादशी से दस दिन का विराट मेला लगता है। इसमें कई लाख लोगों के आने के कारण इसे इस अंचल के कुंभ की ही तरह मान्यता प्राप्त है। मेले का समापन 15 फरवरी को होगा।इस मेले में वागड़ अंचल से तो लाखों लोग भाग लेते ही हैं साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों ख़्ाासकर मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी तादाद में श्रद्धालु आते हैं ।इतिहासकारों के अनुसार करीब तीन सौ वर्ष से संत मावजी महाराज और बेणेश्वर की गाथाएं सुनाने वाले इस मेले में लोक संस्कृति, धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का जीवंत रूप देखने को मिलता है। संत मावजी के अनुयायियों और भक्तों के लिए बेणेश्वर दूसरे सारे तीथरें से बढ़कर है ।
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