अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : ओल्ड फरीदाबाद की राजीव गांधी चौक के समीप नेशनल हाइवे -2 पर इंडस्ट्रीज की जमीनों पर बिल्डरों ने कानूनी नियमों को ठेंगा दिखाते हुए एक चार मंजिला शॉपिंग बनाई गई थी, जिसमें सैकड़ों दुकानें बनाई गई थी। इस अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम प्रशासन ने दो पोकलेन मशीनें व 5 -6 बुल्डोजरों की सहायता से तोड़ दी थी। फिर से उन सभी दुकानों को बना ली गई हैं, कई दुकानों को अब भी निर्माण किए जा रहे हैं। बिल्डरों ने इन दुकानों को बेचने के लिए फॉर सेल की काफी बड़ी बोर्ड लगा दी हैं। इस मामले में ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त आशुतोष राजन का कहना हैं कि यह मामला इस वक़्त उनके जानकारी में नहीं हैं पर वह कल फरीदाबाद पहुंचगें और पूरे मामले में की जांच करवाएगें व स्वंय मौके को देखेंगें। उन बिल्डरों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई भी करेंगें जो बिल्डर लोग कानूनी नियमों को जानबूझ कर ठेंगा दिखा रहे हैं।
ओल्ड फरीदाबाद की राजीव गांधी चौक स्थित नेशनल हाइवे टू के पास डियूरेवल कंपनी की जमीनों पर अवैध रूप से कमर्सियल बता कर प्रॉपर्टी डीलरों ने प्लॉटिंग करके बिल्डरों के हाथो बेच दिया था। इसके बाद बिल्डरों ने संयुक्त रूप से चार मंजिला शॉपिंग काम्प्लेक्स बना ली जिसमें सैकड़ों दुकानें बनीं हुई हैं। बताया गया हैं कि यह बिल्डिंगें कांग्रेस के राज्य में बनाई गई थी और इन बिल्डिंगों को बनाने के एवज में दलालों ने लाखों रुपए की लेनदेन की थी।
इसके बाद प्रदेश में सत्ता बदल गई और प्रदेश में मनोहर लाल खटटर के नेतृत्व में सरकार बन गई और यहां के एक विधायक जोकि इस वक़्त हरियाणा में मंत्री हैं, ने विधानसभा में इस प्रकरण को उठाया था और मुख्यमंत्री ने इस संबंध में एक कमेटी बनाई थी जिसको इस मसले पर अधिकारीयों ने विधानसभा में रिपोर्ट सौपनी थी इस रिपोर्ट सौपने से पहले ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम ने दो पोकलेन मशीनें व 6 बुलडोजरों की सहायता से उन अवैध शॉपिंग काम्प्लेक्स में जबरदस्त तोडफ़ोड़ की थी।
उस वक़्त देखा गया था कि बिल्डरों ने इन बिल्डिंगों को बचाने व बाधा डालने के लिए के उद्देश्य से शॉपिंग काम्प्लेक्स के मुख्य गेट पर बिल्डरों ने सैकड़ों महिलाओं को एकत्रित कर, वहां पर भंडारे होने का ड्रामा रचा था। गेट के पीछे रास्ते में एक दर्जन से अधिक गाड़ियां खड़ी कर दी थी ताकि अंदर निगम का तोड़फोड़ दस्ता पहुंच न सकें जिसे पुलिस कर्मियों ने उपस्थित लोगों को डरा – धमका कर वहां से भगा दिए थे। इसके बाद ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के तोड़फोड़ दस्ते ने डियूरेवल में बने अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया था। इस कार्रवाई में नगर निगम प्रशासन को लाखों रूपए का खर्च उठाना पड़ा था। अब फिर से बिल्डरों ने उन बिल्डिंगों को बना लिया और इस वक़्त उसमें दो दुकानें बनाई जा रहीं हैं और दुकानों को बेचने के लिए बड़ी बोर्ड लगा दी गई हैं।
हैरानी इस बात की हैं कि यह सब नगर निगम के निचले स्तर के अधिकारीयों के नजर में हैं पर वह लोग की कार्रवाई करने की नियत है ही नहीं। ऐसा महसूस किया गया हैं। आपको बतादें कि निगम के कमिश्नर मोहम्मद साइन ने पिछलें दिनों अवैध निर्माणों के खिलाफ एक मुहीम चलाया था। उनका यह मुहीम सिर्फ दिखवा व ड्रामा निकला। इस मसले पर ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त आशुतोष राजन का कहना हैं कि वह इस वक़्त चंडीगढ़ में हैं कल वह फरीदाबाद पहुंचेगें और मौके पर स्वंय भी जाएंगें और मामले की जांच कराएगें। वाकई में बिल्डरों के द्वारा कानूनी नियमों की अनदेखी की गई हैं। उन सभी बिल्डरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाएगें। देखना हैं कि निगम प्रशासन इन अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता भी हैं या निर्माण भ्र्ष्टाचार के भेंट चढ़ता । यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। जब तक निगम इन अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता हैं, तब तक इन ख़बरों को अथर्व न्यूज़ आगे भी लिखता रहेगा।