Athrav – Online News Portal
फरीदाबाद

फरीदाबाद: एनएसएस के सात दिवसीय कैंप का तीसरा दिन भी बेहद उत्साहपूर्ण रहा।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: शहीद स्मारक राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय तिगांव में आयोजित एनएसएस के सात दिवसीय कैंप का तीसरा दिन भी बेहद उत्साहपूर्ण रहा। दिन की शुरुआत योग से हुई। योग नेशनल स्तरीय विजेता संध्या के निर्देशन में हुआ।  डॉक्टर बलराम आर्य ने बच्चों को मलखम के गुर सिखाए। बच्चों ने भी इसमें अच्छा प्रदर्शन दिखाया। उसके बाद सभी के लिए सुबह के जलपान की व्यवस्था की गई।  उसके बाद सड़क सुरक्षा के विषय में बताने के लिए ट्रेफिक ताऊ आए, और उन्होंने बच्चों को सचेत करते हुए बताया कि प्रतिदिन डेढ़ लाख मृत्यु एवं 15000 सड़क दुर्घटना में घायल होते हैं उन्होंने बच्चों को सड़क पर चलने  व वाहन चलाने की नसीहत दी।

सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में चंडीगढ़ सड़क सुरक्षा के अधिकारी देवेंद्र सिंह,बलजिंदर सिंह, राजपाल एवं आशीष को बुलाया। बलजिंदर सिंह ने बच्चों को सड़क सुरक्षा के चार स्तंभों के विषय में बताया। वीर रस के कवि एवं प्रवक्ता डॉ रविंदर नागर को भी आमंत्रित किया गया जिससे बच्चों में देश के प्रति उत्साह एवं जोश उत्पन्न हुआ। सांय कालीन सत्र में स्लोगन लिखाई प्रतियोगिता कराई गई,उसमें सभी बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया, जिसमें प्रथम स्थान अनुराग द्वितीय मोनिका तृतीय निर्मल ने प्राप्त किया।

उसके बाद भीम बस्ती और तिगांव बाजार में रैली निकाली गई जिस में लोगों को स्वच्छता के प्रति एवं प्लास्टिक का उपयोग ना करने के लिए जागरूक किया। रैली में लाला नरेंद्र गर्ग ने बच्चों को जल एवं बिस्कुट देकर उनका मनोबल बढ़ाया। अंत में कर्नल गोपाल सिंह एवं अनेकों पूर्व सैनिक पधारें जिन्होंने बच्चों को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत करते हुए उनके कैरियर के प्रति जागरूक किया। कैंप का सारा कार्यभार डॉ बलराम आर्य एवं डॉ निधि गर्ग ने संभाला।

Related posts

ग्रीन फिल्ड को जिन लोगों ने साफ़ – सुथड़ा और हरा भरा बनाने की दिशा में काम किया, एक इंसान ने साजिश के तहत उनपर केस दर्ज करा दिया।

Ajit Sinha

ब्रेकिंग न्यूज़: परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने फरीदाबाद सेे बटन दबाकर 941 चालकों व परिचालकों का तबादला किया।

Ajit Sinha

सम्मान:जिन घरों में बड़े-बुजुर्गों को सम्मान नहीं मिलता, उन घरों में कभी शांति नहीं रहती, लोग उलझनों में उलझे रहते हैं -आकाश गुप्ता।

Ajit Sinha
error: Content is protected !!