अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : ग्रीन फील्ड कालोनी में बिल्डरों द्वारा कानूनी नियमों को ठेंगा दिखातें हुए अवैध निर्माणों को तैयार किया जा रहा हैं और आम लोगों को धोखें में रख कर लूटने का कार्य धड़ल्लें से किया जा रहा हैं पर इन बिल्डरों पर अंकुश कौन लगाएगा, इन बिल्डरों से लोगों को लूटनें से कौन बचाएगा। इस का सही जवाव किसी के पास नहीं हैं। इस मामले में जिससे भी बात करों वह अपनी ही गथा सुनाता हैं। इस संबंध में डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार का कहना हैं कि पिछलें एक साल में बिल्डरों के खिलाफ करीब 90 मुकदमें, 20 से अधिक फ्लैटों को सील किए हैं।
डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार का कहना हैं कि ग्रीन फील्ड कालोनी में पिछलें एक साल में बिल्डरों के खिलाफ हुड्डा एक्ट के तहत तक़रीबन 90 मुकदमें दर्ज करवाएं गए हैं और 20 मकानों को सील किया गया हैं। उनका कहना हैं कि 30 से 40 अवैध निर्माणों में तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई हैं।सवाल के जवाव में उनका कहना हैं कि ग्राहकों चाहिए हैं कि बिल्डरों से ग्रीन फील्ड कालोनी में फ्लैट खरीद नें से पहले उनके कार्यालय से जरूर संपर्क करे ताकि आपकों सहीं जानकारी दी जा सकें, ग्रीन फील्ड कालोनी में प्रॉपर्टी डीलर्स व बिल्डर यह सब के सब आपस में मिले हुए हैं यह लोग बड़े -बड़े से सपने दिखा कर, ग्राहकों को लूट लेते है।
उनका कहना हैं ग्रीन फील्ड कालोनी में मल्टी यूनिट जो तैयार हैं, उसकी रजिस्ट्री बिल्कुल नहीं हैं और इस वजह से उस फ्लैट में पानी व बिजली के कनैक्शन प्रशासन नहीं दे रहा हैं क्यूंकि ग्रीन फील्ड में जितनी मल्टी यूनिट है सब के सब अवैध बने हुए हैं। वहीँ लोगों का कहना हैं कि ग्रीन फील्ड कालोनी में बिल्डरों का आतंक हैं, एक तो यह लोग अरावली के पहाड़ पर गलत तरीकें से ग्रीन फील्ड कालोनी को बसाया गया था जोकि दिल्ली के बिल्कुल नजदीक हैं। लोगों ने बताया कि इस कालोनी में जायदात्तर लोग सरकारी व गैर -सरकारी संस्थाओं से रिटायर्ड होने के बाद फ्लैटों को ख़रीदे हुए हैं।
यह लोग जब भी इन बिल्डरों के खिलाफ आवाज उठातें हैं उसे मारने -पीटनें की धमकी दिया जाता हैं। लोगों का यह भी कहना हैं कि 1968 ए ग्रीन फील्ड कलोनी में डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार ने दो -तीन महीनें पूर्व में तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी जिसे बिल्डरों ने फिर से बना लिया हैं। उनका कहना हैं कि इससे आम लोगों पर गहरा और एक अलग असर पड़ता हैं और सम्बंधित अधिकारीयों से मिलीभगत की सीधा तस्बीर देखनें को मिलता हैं। ऐसे में कौन इंसान इन बिल्डरों के खिलाफ आवाज उठाएगा। उनका कहना हैं कि इनकी साठगांठ पुलिस व डीटीपी कार्यालय में सभी जगहों पर होतें हैं वह लोग दरखास्त हम से जरूर ले लेतें हैं पर काम उन्हीं लोगों का करतें हैं।