अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: अतिरिक्त उपायुक्त अपराजिता ने बताया कि परिवार पहचान पत्र बनाने के दौरान एक जीवित दंपत्ति के सही ढंग से प्रमाण पत्र अपलोड न करने और दोनों को मृत दिखाने का एक मामला सामने आया था। इस मामले की जांच की गई तो जानकारी मिली की एक सीएससी सेंटर के ऑपरेटर द्वारा दंपत्ति के प्रमाण पत्र अपलोड करते समय उनका अलाईव सर्टिफिकेट अपलोड करने की बजाए खाली कागज अपलोड कर दिया गया। इससे बुजुर्ग दंपत्ति की वृद्धावस्था पेंशन में दिक्कत आ रही थी।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि परिवार पहचान पत्र बनाने का कार्य बड़े स्तर पर किया गया था। इस दौरान 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया गया अलाईव सर्टिफिकेस भी अपलोड करना था। इसी दौरान कई स्थानों पर लापरवाही सामने आई और कई लोगों को मृत दिखा दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह की अगर कोई भी दिक्कत किसी भी व्यक्ति को आती है तो वह नजदीकी सीएससी में जाकर मार्क एज एलाईव सर्टिफिकेट का आवेदन करवाएं। इसके पश्चात वह लघु सचिवालय सेक्टर-12 में संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी सीएससी संचालकों को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि पीपीपी के कार्य को पूरी गंभीरता के साथ करें और अगर कहीं कोई लापरवाही पाई गई तो सीएससी संचालक के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी सीएसपी संचालक अगर किसी भी नागरिक को परेशान करता है अथवा ज्यादा पैसे मांगता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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