अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद। भगवान श्री विश्वकर्मा ने पूरे विश्व के आकार को साकार किया है। वास्तु, शिल्प और सृजन उन्हीं की देन है। वह आज भी हमारे लिए उतने ही प्रासंगिक हैं। यह उद्गार श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने भगवान श्री विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने कंस्ट्रक्शन स्किल एकेडमी में स्थापित भगवान श्री विश्वकर्मा की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया। इस उपलक्ष्य में विधिवत पूजन भी किया गया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि भगवान श्री विश्वकर्मा निर्माण के अधिष्ठात्र देव हैं। उन्होंने पूरे विश्व में निर्माण कला को प्रतिपादित किया। शास्त्रों के अनुसार उन्होंने ही सृष्टि में विविध स्वरूप और आकृतियां गढ़ी हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि देश के पहले कौशल विश्वविद्यालय का नाम भगवान श्री विश्वकर्मा के नाम पर होना हमारा सौभाग्य है। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने भी इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने भगवान श्री विश्वकर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें आधुनिक इंजीनियरों के लिए इष्ट देव बताया। उप कुल सचिव डॉ. ललित शर्मा ने भगवान श्री विश्वकर्मा को तकनीक और इंजीनियरिंग से जुड़े सभी लोगों के लिए आराध्य बताया। श्री विश्वकर्मा जयंती पर आयोजित पूजन में डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, डीन प्रोफेसर कुलवंत सिंह, उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, प्राचार्य जलबीर सिंह और जेई अरविंद उपाध्याय के अलावा काफी संख्या में शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भागीदारी की।
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