अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: चिकित्सा क्षेत्र में एस.एस.बी अस्पताल के हृदय रोग विभाग में डॉक्टरों ने एक दुर्लभ मामले में 58 वर्षीय मरीज के लगभग 90 प्रतिशत खत्म हो चुके बाएं फेफड़े को सफलतापूर्वक ठीक किया है। मरीज को सांस में तकलीफ और लगातार खांसी की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। मरीज जब एस.एस.बी. अस्पताल में आया तो वह वेंटिलेटर पर था और 100 प्रतिशत ऑक्सीजन पर था। परिजनों ने बताया कि मरीज पिछले 10 दिन पहले ठीक था, फिर अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। अस्पताल में ब्रोंकोस्कोपी में यह सामने आया कि उनके बाएं मुख्य ब्रोंक्स (एलएमबी) में एक ट्यूमर है जिसने वायु मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया था। बायोप्सी से पुष्टि हुई कि यह स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (स्कयूआमोस सैल कार्सिनोमा) था। इसके बाद सीईसीटी स्कैन से पता चला कि यह ट्यूमर अन्नप्रणाली से उत्पन्न होकर फेफड़े के वायु मार्ग में फैल चुका था। डॉक्टरों ने मरीज के श्वसन मार्ग को खोलने के लिए ब्रोंकोस्कोपी गाइडेड बैलून डाइलेशन किया। इसके बाद ईआरबीई हॉट टिप (ईआरबीई हॉट टिप) तकनीक से ट्यूमर को हटाया गया और अंत में एलएमबी में एक सेल्फ एक्सपेंडिंग मेटालिक स्टेंट (सीम्स) डाला गया, जिससे फेफड़े का अवरुद्ध मार्ग पूरी तरह खुल गया। प्रोजिसर हो जाने के 2 दिन बाद वेंटिलेटर हटा दिया गया। एस.एस.बी अस्पताल के वरिष्ठ छाती एवं श्वांस रोग विशेषज्ञ डा. रोहित मुखर्जी ने बताया कि इस सफल प्रक्रिया के बाद मरीज की ऑक्सीजन सपोर्ट आवश्यकता घटा दी गई है। मरीज को जब डिस्चार्ज किया गया वह केवल 1 लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर था। अब मरीज की स्थिति में सुधार है और आगे के ऑन्कोलॉजी कल ट्रीटमेंट (कैंसर ट्रीटमेंट) की योजना बनाई जा रही है। यह मामला न्यूनतम इनवेसिव चिकित्सा तकनीकों (मिनीमली इनवेसिव एयरवे इंटरवेंनसन) की प्रगति को दर्शाता है। जिससे जटिल कैंसर मामलों में मरीजों की जीवन गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। रोहित मुखर्जी ने बताया कि एस.एस.बी अस्पताल फरीदाबाद में छाती एवं श्वाँस रोग से जुड़ी सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज एवं जाँचो की अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध है।
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