अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: भविष्य में प्रदेश के गरीब लोगों के पशुओं को दिसंबर की सर्द हवाओं और जून के लू के थपेड़ों से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। सरकार गरीब पशु पालकों के लिए भी आशियाना उपलब्ध करवाने जा रही है। अब हर जरूरतमंद के घर में उसके पशुओं के लिए एक शेड होगा और इस शेड के निर्माण का जिम्मा हरियाणा सरकार उठाएगी। बेशर्ते पशुपालक का नाम बीपीएल कार्ड में होना चाहिए। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गरीबों के पशुधन की रक्षा के लिए पहल करते हुए मनरेगा स्कीम के तहत मुफ्त में पशु शेड बनाने का निर्णय लिया है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के संज्ञान में आया कि प्रदेश में हजारों पशुपालक ऐसे हैं जिनके घरों में धन के अभाव में पशुओं को बांधने के लिए शेड तक नहीं है और उन्हें मजबूरन हर मौसम में अपने पशुओं को खुले आसामान में रखना पड़ता है।
इसके कारण प्रत्येक वर्ष हजारों पशु लू, सर्द हवाओं, ओलों आदि से बीमार पड़ जाते हैं और सैकड़ों पशुओं की जान चली जाती है। गरीब पशुपालक पर यकायक आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। डिप्टी सीएम ने ऐसे पशुपालकों को ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मनरेगा के तहत प्रदेशभर में निशुल्क शेड बना कर देने की योजना बनाई है। बकौल डिप्टी सीएम, हरियाणा कृषि व्यवसाय के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में है, राज्य सरकार चाहती है कि कृषि जोत छोटी होने कारण लोग पशुपालन का व्यवसाय भी कृषि के साथ-साथ करें ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके। इसी के मद्देनजर सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग, विधवा, महिला-प्रमुख घर, बीपीएल तथा छोटी जोत वाले किसानों को वरियता के अनुसार उनके पशुओं के लिए मुफ्त पशु शेड उपलब्ध करवाने जा रही है।
ये सभी पशु शेड मनरेगा स्कीम के तहत बनेंगे और एक शेड पर करीबन 58 हजार रूपये खर्च आएगा। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रथम चरण में आगामी मार्च 2021 तक ऐसे 40,000 पशु शेड बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि राज्य में गरीबों के पशुओं के शेड बनाने पर कुल 200 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना से जहां गरीबों के पशु सुरक्षित होंगे वहीं जरूरतमंद लोगों को शेड बनाने में रोजगार भी मिलेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस शेड का निर्माण कार्य भी मनरेगा के तहत होगा जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल) लोगों के लिए विभिन्न कदम उठा रही है, जिसके तहत उनकी आमदनी बढ़ने के साथ-साथ उन्हें रोजगार के ज्यादा अवसर भी मिले।