अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आज मैसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर लिमिटेड के सीएमडी संजय भाटी को गिरफ्तार किया हैं। आरोपित सीएमडी संजय भाटी फर्जी कंपनी बनाकर देश के हजारों लोगों से धोखाधड़ी करके लगभग 42 हजार करोड़ रूपए ले लिए। इस में सिर्फ दिल्ली के कुल 8000 शिकायतकर्ता हैं और इन शिकायतकर्ताओं से 250 करोड़ रूपए निवेश करने के जरिए से ले लिए। आरोपित सीएमडी व उनके कंपनी के खिलाफ दिल्ली, नॉएडा व लखनऊ सहित देश के विभिन्न हिस्सों विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हैं। पुलिस की माने तो अभी इस केस की गंभीर ता से जांच चल रहीं हैं।
पुलिस के मुताबिक मैसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर लिमिटेड का प्लॉट नंबर -1, चिट्टी, दादरी, जिला में अपना पंजीकृत कार्यालय है। इस कंपनी का निदेशक संजय भाटी व राजेश भारद्वाजहैं। इसने वर्ष -2019 में देश भर में इलेक्ट्रॉनिक -बाइक योजना शुरू की और इसमें निवेश करने के लिए प्रेरित किया। लोगों ने कंपनी में इलेक्ट्रॉनिक -बाइक लेने के लिए निवेश शुरू कर दिया। इस कंपनी ने निवेश के नाम लोगों से लगभग 42 हजार करोड़ रूपए ले लिए। इसमें 8000 शिकायतकर्ता हैं जिनके 250 करोड़ रूपए हैं। इसके बाद आरोपित संजय भाटी लोगों के हजारों करोड़ों रूपए लेकर फरार हो गए। पुलिस की माने तो जांच के दौरान उन्होनें आरबीआई को पत्र के जरिए पता किया तो उनका जवाब आया की यह कंपनी रजिस्टर नहीं हैं।
नाही सिक्योरिटी के 100 करोड़ रूपए उनके पास जमा हैं। इस के बाद इस केस की जांच में तेजी लाइ गई और आरोपित निदेशक राजेश भरद्वाज व संजय भाटी की तलाश में जुट गए और आज दोनों निदेशकों को गिरफ्तार कर लिया हैं। आरोपित संजय भाटी निवासी ग्रामीण और पोस्ट चिट्टी, जिला गौतमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश और राजेश भारद्वाज निवासी 40, शेख दर्द, चंपा लाल की हवेली खुर्जा बुलंदशहर, उत्तरप्रदेश वर्तमान में एफआईआर 340/19 P. केस की न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। दादरी जिला गौतमबुद्धनगर उ.प्र माननीय न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद, दोनों को जिला के वर्तमान मामले में गिरफ्तार किया गया। जेल, गौतम बुद्ध नगर, लुक्सर, गौतमबुद्धनगर, उ.प्र।