Athrav – Online News Portal
दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय

कांग्रेस का बड़ा खुलासा- मोदी सरकार ने नीति में बदलाव कर कोयला घोटाले को अंजाम दिया


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: कांग्रेस ने शनिवार को खुलासा किया कि मोदी सरकार ने कोयला खदान आवंटन नीति में बदलाव कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया। कांग्रेस मीडिया एवं पब्लिसिटी के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने गिने-चुने दोस्तों को खदान आवंटित करने के लिए नई नीति बनाई और भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। इस नीति से औने-पौने दाम पर बोली लगी और सरकार को कम राजस्व मिला। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार ने यूपीए सरकार की नीति को रद्द कर वर्ष 2015 में एक नई कोयला खदान नीलामी और आवंटन नीति बनाई। ये नीति ऐसी थी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गिने-चुने दोस्त ही कम दामों में कोयला खदान ले सकें। पहले कोयला खदान अंतिम यूजर लेते थे, लेकिन मोदी सरकार ने कहा कि अंतिम यूजर की अलग-अलग श्रेणी बना दी जाए। यानी जो कंपनी जिस सेक्टर में काम करती है, वह उसी सेक्टर में बोली लगा सकती है। नीलामी में 11 ब्लॉक ऐसे थे, जिसमें औने-पौने दाम पर बोली लगी और वो ब्लॉक सस्ते भाव में चले गए। इससे सरकार को कम राजस्व मिला।

कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए खेड़ा ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में सबूत दिया गया कि कोयले की नीलामी संदिग्ध थी। शेल कंपनियां बनाकर 11 कोयले के ब्लॉक में घपला किया गया। कैग ने संकेत दिया कि सरकार को उतना उचित राजस्व नहीं मिला, जितना उसे मिल सकता था। एक विशेष रूप से चौंकाने वाले मामले में, कैग ने कहा कि एक खदान के लिए पांच में से तीन बोली लगाने वाले एक ही मूल कंपनी के थे। दो ने तो एक ही आईपी पते से बोली लगाई थी। सीएजी ने नीलामी को एक गुमनाम केस स्टडी के रूप में प्रस्तुत किया। मीडिया जांच के अनुसार,यह पाया गया कि एक प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट फर्म ने शेल कंपनियों का अधिग्रहण किया और देश की पहली कोयला नीलामी में उनके खिलाफ प्रतिस्पर्धा की। इसे विजेता घोषित किया गया और ब्लॉक हासिल किया। खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार ने घने जंगलों में नीलामी के लिए कोयला खदान खोलने की अपने ही पर्यावरण मंत्रालय और उसके वैज्ञानिकों की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। यह सब निहित पूंजीपति लॉबिंग के इशारे पर हुआ था। लॉबी का हिस्सा अडानी एकमात्र बोली लगाने वाला बन गया। ऐसी भी खबरें हैं कि सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों ने अपनी ओर से ब्लॉक खनन के लिए निजी कंपनियों से अनुबंध किया। आश्चर्य की बात नहीं है कि अडानी समूह को ऐसे सबसे अधिक अनुबंध मिले हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में जो नीति बनाई गई, उसमें 2020-21 आते-आते फिर से परिवर्तन हुआ। ये बहुत बड़ा घोटाला है। खेड़ा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दोस्त को सिर्फ कोयले की खदानें ही नहीं दी, बल्कि जो एमडीओ माइनिंग का काम करेगा, वो भी यही दोस्‍त था। खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार के दो मंत्रियों आरके सिंह और राजीव चंद्रशेखर ने चिट्ठी लिखकर सरकार को आगाह किया था कि इस नीति में एंड यूजर की श्रेणी बनाई गई हैं, जिससे भ्रष्टाचार और घोटाले होंगे। यह चिट्ठी भेजने के बाद इन दोनों मंत्रियों का प्रमोशन हुआ और ये चुप हो गए। पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी की देखरेख में कोयले के नाम पर ये सब हुआ है। पीयूष गोयल ने संसद में चार ब्लॉक के बारे में स्वीकारा कि कुछ गड़बड़ हुई है, मगर वह 11 ब्लॉक के बारे में कुछ नहीं बोले। खेड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा कि जब आपके नेता ही चिट्ठी लिखकर भ्रष्टाचार, धांधली और गुटबाजी की बातें आपके सामने रख रहे थे, तो आपने नजरअंदाज क्यों किया। सवाल उन दोनों मंत्रियों से भी है कि उन्होंने ये मुद्दा क्यों नहीं उठाया। कोयले के खदान की नीलामी के लिए 2015 में जो संशोधन हुए थे, उसमें परिवर्तन क्यों किया गया। एमडीओ वाला क्लॉज़ किसे फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया। अगर कोयले के खदान का आवंटन रद्द हुआ तो एमडीओ की कंपनी पहले वाली ही रहेगी, ऐसा क्यों किया गया। क्या मोदी सरकार ईडी छापेमारी का आदेश देगी और भ्रष्टाचार की इस घिनौनी गाथा की जांच करेगी। क्या पीएम मोदी अपने दोस्त अडानी को बचाते रहेंगे।

Related posts

हाथियों का एक अदभुत झुंड सड़कों को पार करके ऊंचाई की तरफ बढ़ते हुए का देखें वायरल वीडियो।

Ajit Sinha

चंडीगढ़ ब्रेकिंग: हरियाणा की नौकरियों पर होना चाहिए हरियाणवियों का पहला हक- हुड्डा

Ajit Sinha

दिल्ली सरकार ने स्विच दिल्ली पोर्टल पर ईवी चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के लिए ओपन डेटाबेस सुविधा शुरू की

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x