अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं का उल्लेख करते हुए मोदी सरकार से रक्षा तैयारियों को लेकर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तेलंगाना के सिंचाई, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के लिए भारतीय सेना पर गर्व जताया। उन्होंने कहा कि हाल ही में वायुसेना प्रमुख ने लड़ाकू विमानों और हथियारों की आपूर्ति में हो रही गंभीर देरी को भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी समस्या बताया है, जो निश्चित रूप से चिंता का विषय है।
रेड्डी ने बताया कि वह भारतीय वायुसेना में लड़ाकू पायलट के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।उन्होंने संसदीय रक्षा समिति के सदस्य के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि पिछले लोकसभा कार्यकाल के दौरान राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, रेवंत रेड्डी और उन्होंने स्वयं कई बार इस मुद्दे को उठाया था कि 42 ऑपरेशनल फाइटर स्क्वाड्रन की स्वीकृत क्षमता के मुकाबले भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में केवल 31 स्क्वाड्रन हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक स्क्वाड्रन में 16-18 फाइटर एयरक्राफ्ट होते हैं। उपलब्ध स्क्वाड्रनों की संख्या आवश्यकता से काफी कम है, खासकर तब जब भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों सीमाओं से लगातार खतरा बना हुआ है। कांग्रेस नेता ने तीनों सशस्त्र बलों में दस प्रतिशत से अधिक की मैनपावर की कमी का हवाला दिया। एयर चीफ मार्शल के शब्दों को उद्धृत करते हुए रेड्डी ने यह भी कहा कि भारत रक्षा प्रौद्योगिकी और उत्पादन के क्षेत्र में चीन से पीछे रह गया है, हालांकि हमारे प्रशिक्षण मानक आज भी बेहतर बने हुए हैं।उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना को सालाना लगभग 35 से 40 लड़ाकू विमानों की जरूरत है। एचएएल को प्रतिवर्ष 24 विमानों की आपूर्ति करने का अनुबंध दिया गया है और वह इसे भी देने में विफल रहा है। कांग्रेस नेता ने वायुसेना प्रमुख द्वारा उठाए गए वायुसेना में प्रतिभा की कमी के मुद्दे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं वायुसेना संचालन और अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्रों की ओर आकर्षित हों, जो वर्तमान में नहीं हो रहा है।रेड्डी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों के गिरने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भी भारतीय विमान गिरने की पुष्टि कर दी है। यही सवाल जब राहुल गांधी ने उठाया था, तो भाजपा ने उनके खिलाफ नकारात्मक अभियान चलाया था। उन्होंने कहा कि डीजी एयर ऑपरेशन्स एयर मार्शल भारती ने भी कहा था कि लड़ाई में नुकसान सामान्य है, महत्त्वपूर्ण यह है कि ऑपरेशन के उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए हैं और सभी पायलट घर लौट आए हैं, हालांकि उन्होंने लड़ाकू विमानों के अपने बेस पर लौटने का कोई उल्लेख नहीं किया था। रेड्डी ने कहा कि अब सरकार को यह दावा बंद कर देना चाहिए कि कोई विमान नहीं गिरा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को पूरे मामले में पारदर्शिता दिखानी चाहिए और उपयोग की जा रही प्रौद्योगिकी का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने अभी तक स्पष्ट रूप से नहीं बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत से पहले संघर्ष विराम की घोषणा क्यों की।
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