Athrav – Online News Portal
दिल्ली नई दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

कांग्रेस: यूएस और ब्राजील में, वैक्सीनेशन का आंकड़ा अगर देखेंगे, इन्हीं देशों से तुलना करेंगे, तो हम उनसे पीछे खड़े हैं-देखें वीडियो

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: राष्ट्रीय कांग्रेस प्रवक्ता  पवन खेड़ा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियों। आपको मैं शुरुआत में कोविड-19 की जो पहली वेव थी, उसका एक आंकड़ा देता हूँ, जो पीक, जो हिंदुस्तान ने संख्या देखी थी, मरीजो की, वो 17 सितम्बर, 2020 को देखी थी, वो थी 97, 894 केसेस। ये कोविड की पहली जो वेव थी, पहली जो लहर थी, उसका पीक हिंदुस्तान में जो देखा, आज जो पीक हम देख रहे हैं, कल का आंकड़ा है, 1,15,776 नए केसेस। This is a grim milestone. ये एक दुख होता है, ये आंकड़ा देखकर, पहली वेव और दूसरी वेव, हम पहली वेव को दूसरी से अगर तुलना करें, तो समझ में आता है कि दूसरी कहीं ज्यादा भयावह साबित हो रही है। काफी प्रश्न खड़े होते हैं, देश के सामने, देश की सरकार के सामने। यूएस और ब्राजील में अगर आप आंकड़ा देखेंगे मरीजों का, हम उनसे भी आगे बढ़ चुके हैं और वहीं मैं आगे तुलना करने वाला हूँ, वैक्सीनेशन का आंकड़ा अगर देखेंगे, इन्हीं देशों से तुलना करेंगे, तो हम उनसे पीछे खड़े हैं।

पूरे विश्व में हर 7 में से 1 मरीज, हिंदुस्तानी है। ये एक बड़ा डरावना आंकड़ा है। पहले 10 मरीज जो कोविड के होते थे, वो 8 और मरीजों में कोविड फैलाते थे, पिछली लहर में। इस लहर में 10 मरीज कोविड के 14 नए मरीजों में बीमारी फैला रहे हैं। ये एक और भयावह वाकया है। मैं ये बताना चाह रहा हूँ आपको और आपके माध्यम से देश को कि ये कितने खतरनाक मोड़ पर हम खडे हैं, कोविड, जिसको हम अभी लहर बोल रहे हैं, ये कब सुनामी बन जाएगा, हमें मालूम भी नहीं है। जो पूरे विश्व में पब्लिक हैल्थ एक्सपर्ट्स हैं, भारत के एक्सपर्ट्स हैं, विदेशों के जो एक्सपर्ट्स हैं, जो बार-बार बोल रहे हैं, सेकेंड वेव आ चुकी है, भारत की सरकार को, हम सबको ये स्वीकार करना चाहिए that the second wave is here and it is threatening to be a tsunami. एक साल हमारे पास था, जब टैस्ट चल रहे थे, पूरे विश्व में, अलग-अलग देशों में, अलग-अलग कंपनियाँ टैस्ट कर रही थीं, इस एक साल में, एक साल से थोड़ा कम मान लो, हम सरकार से ये जानना चाहते हैं, इस देश की ओर से ये जानना चाहते हैं कि क्यों नहीं हमने और वैक्सीनेशन की असेसमेट ठीक किया, तैयारी की, कितनी संख्या है इस देश में, कितने लोगों को आवश्यकता पड़ेगी, उस वैक्सीनेशन की ये हमने क्यों सही ढंग से नहीं आंका। मैं आज यहाँ आ रहा था और एक न्यूज फ्लैश हुआ कि महाराष्ट्र में कई वैक्सीनेशन सेंटर्स बंद हो गए हैं, वैक्सी नेशन नहीं हो पा रही है, खत्म हो गए हैं डोज। आंध्रा आज अनाउंस करने वाला है कि वहाँ भी वैक्सीनेशन अब नहीं है, सेंटर से वो मांग रहे हैं औऱ सेंटर ने उन्हें कहा है कि 15 अप्रेल से पहले हम दे ही नहीं पाएंगे। ऐसी अनेक रिपोर्ट्स अलग-अलग राज्यों से आ रही हैं कि कैसे वैक्सीन की समस्या पड़ गई है, नहीं मिल रही है। और जो ड्रग है, रेमडेसिवीर, उसकी शॉर्टेज, उसकी ब्लैक मार्केटिंग, अलग-अलग राज्यों से रिपोर्ट आ रही है, तो अभी मैं फिर से वैक्सीन पर फोकस करना चाहता हूँ ज्यादा, इस पर नहीं, लेकिन जो शॉर्टेजस आईसीयू बैड्स की हो रही है, जो शॉर्टेजस ऑक्सीजन सिलेंडर्स की हो रही हैं, जो शॉर्टेजस, वेंटिलेटर्स की हो रही हैं, जो शॉर्टेजस ट्रेंड मैन पावर की हो रही है हमारे वेंटिलेटर्स चलाने वालों की हो रही है, ये स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है, पिछली लहर से कहीं-कहीं ज्यादा गंभीर स्थिति हमें दिख रही है, देश के अलग-अलग कोनों से।

जो वैक्सीन की वेस्टेज का आंकड़ा है, वो भी चौंकाने वाला है। साढ़े छः प्रतिशत वेस्टेज हिंदुस्तान में वैक्सीन का हो रहा है, जहां इतनी कमी हैं, जहाँ लोगों को हम दे नहीं पा रहे हैं, जहाँ हमने उम्र निर्धारित कर दी है 45 से ऊपर वालों को ही देंगे, वहाँ अगर 6.5 प्रतिशत वैक्सीन वेस्ट हो रही है, ज़ाया जा रही है, ये एक गंभीर आंकड़ा है, ये फिर दर्शाता है कि सरकार ने ठीक तरीके से प्लानिंग नहीं की थी, योजनाबद्ध तरीके से नहीं देखा था कि कैसे वैक्सीन, किस-किस चरण में, किस-किसको दी जाएगी, कितनी संख्या है, कितने लोगों को आवश्यकता है, देश में, ये नहीं देखा गया, ये नहीं सोचा गया, ये साबित करता है। तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा वेस्टेज हो रही है। तेलंगाना में 17.6 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 9.4 प्रतिशत का वेस्टेज हो रहा है और इसमें मैं बाकी देशों से इसलिए तुलना नहीं करूँगा कि बार-बार अपनी ही सरकार को कितना आप बोलें, लेकिन खुद इनको समझना पड़ेगा कि इन तमाम आंकड़ो में, हम बाकी देशों से जो विकासशील देश हैं, उनसे भी पीछे जा रहे हैं, ये अच्छी बात नही है। ये क्या इंगित करता है- ये यही इंगित करता है कि हम तैयार नहीं थे, हम तैयार नहीं हैं। जो वैक्सीन वेस्टेज है, तेलंगाना में 17.6 प्रतिशत है औऱ उत्तर प्रदेश में 9.4 प्रतिशत है और संख्या की बात मैंने आपको बताई। अब हिंदुस्तान में अस्थमा, इंजाइना, रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर, डायबिटीज ये एक लाइफ स्टाइल डीसीजेज हैं। बहुत बड़ा आंकड़ा है, हर हिंदुस्तानी, हर परिवार में कोई न कोई आपको ऐसा केस मिलता है, इन तमाम कोमॉर्बिडटीज की लिस्ट में इनको आपने बाहर रखा कि कब तक बाहर रखेंगे, इनके बारे में आपकी क्या योजना है। क्योंकि अब पॉल्यूशन बढ़ने के साथ-साथ अस्थमा के केसेस और अस्थमा कोई उम्र नही देखता, छोटे-छोटे बच्चों में हमें अस्थमा दिखता है। ये मैं बार-बार बोलता हूँ, प्रश्न पूछता हूं, सवाल पूछता हूँ कि सरकार ने तैयारी नहीं की। अगर हम आरोप लगाते हैं तो उन आरोपों का कारण यहाँ है। न असेसमेंट आप कर पाए, देश में क्या आवश्यकता है, न आपने कोमॉर्बेडिटीज, अस्थमा, एंजाइना, रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर, डायबिटीज इनके बारे में सोचा कि इनको कैसे लाएंगे और जो सप्लाई चेन मुद्दे थे वैक्सीन के, आपको एक साल मिला था, आपके पास वो तमाम अमला है, जो आपको जानकारी देता है, जानकारी सबके पास है, आंकड़ों की जानकारी सबके पास है, आपने उस अमले का क्या उपयोग किया, आपने क्या प्लानिंग की, आप देश के साथ

Related posts

विकास दुबे के करीबी अमर दुबे का एनकाउंटर, हमीरपुर में मार गिराया गया

Ajit Sinha

वह इलाके में डॉन की तरह बात करता था, इसलिए उसे गोली मारकर हत्या कर दी, गिरफ्तार।

Ajit Sinha

जेल से जिस्मफरोशी का रैकेट चला रही सोनू पंजाबन के भाई समेत 2 आरोपितों को पुलिस ने किया गिरफ्तार-देखें वीडियो

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
//ashouthoto.net/4/2220576
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x