अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:सेक्टर-29 स्थित कलाग्राम सोसाइटी में चिल्ड्रन्स डे कार्निवल 2025 उत्साह,खुशी और रचनात्मक गतिविधियों के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में बच्चों, अभिभावकों और स्थानीय कला प्रेमियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे पूरे परिसर में उत्सव और कला का खुशनुमा माहौल बना रहा।कार्यक्रम में बच्चों के लिए निःशुल्क रचनात्मक कार्यशालाएँ आयोजित की गईं, जिन्हें विशेषज्ञ कलाकारों—नीता (कैलीग्राफी),बलजीत सिंह (स्कल्पचर एवं क्ले मॉडलिंग), सुजीत कुमार (मधुबनी आर्ट) और बिल्लू राम भट्ट (पपेट मेकिंग)—ने संचालित किया। कई स्वयंसेवी संस्थाओं (NGOs) ने भी भागीदारी की, जिससे विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए बच्चों को कला सीखने और अपनी कल्पनाओं को अभिव्यक्ति देने का अवसर मिला।
ओपन माइक सेशन सबसे पसंदीदा हिस्सा रहा, जिसमें विद्यार्थियों ने संगीत, नृत्य, कविता और स्टोरीटेलिंग के माध्यम से अपनी प्रतिभा का सुंदर प्रदर्शन किया।
कलाग्राम सोसाइटी ने इस आयोजन की सफलता के लिए निदेशक शिखा गुप्ता, समिति सदस्यों सीमा सेठ, शिल्पा सोनल, डॉ. मीनाक्षी पांडे, तथा कल्चरल एंड कम्युनिकेशन मैनेजर आकांक्षा अंशु के समर्पण और मेहनत के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। साथ ही कलाकारों नीता दुआ, बलजीत सिंह, सुजीत कुमार और बिल्लू राम भट्ट का बच्चों को कला का अनुभव साझा कराने के लिए विशेष धन्यवाद किया गया। इसके साथ ही सभी स्वयंसेवकों और क्रिएटिव पार्टनर डी2एफ एंटरटेनमेंट्स का हार्दिक धन्यवाद किया गया, जिन्होंने अपने समर्पण और उत्कृष्ट सहयोग से इस आयोजन को यादगार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कार्यक्रम बच्चों की मुस्कुराहटों, रंग-बिरंगी कलाकृतियों और उत्साह से भरे माहौल के साथ सम्पन्न हुआ, जिसने इसे एक स्नेहपूर्ण और सफल सामुदायिक आयोजन के रूप में स्थापित किया।

निदेशक शिखा गुप्ता ने कहा कि शहर के विभिन्न इलाकों से पहुँचे बच्चों ने पूरे आयोजन में उत्साह भर दिया। नन्हे प्रतिभागियों ने कला की दुनिया में डूबकर सीखा, अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं और रचनात्मक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कलाग्राम में हमारा उद्देश्य हमेशा हर तरह की सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक दूरी को मिटाकर सभी बच्चों को समान अवसर देना है। सभी सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध कराई गईं ताकि हर बच्चा बिना किसी झिझक के भाग ले सके।ऐसे आयोजन न केवल रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत करते हैं । उन्हें सुरक्षित और अपनापन भरा वातावरण मिलता है जहाँ वे खुलकर खुद को व्यक्त कर सकें और विशेष महसूस कर सकें।
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