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चंडीगढ़ फरीदाबाद हरियाणा

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज महापौरों को बताया शहरों के विकास का सारथी।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि महापौर अपने-अपने शहरों के प्रथम नागरिक होने के साथ-साथ वहां के विकास और प्रगति के प्रत्यक्ष सारथी भी हैं। उन्होंने कहा कि महापौर सरकार की नीतियों और योजनाओं को धरातल पर उतारते हैं,नागरिकों की आकांक्षाओं को समझते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। स्थानीय स्वशासन की परिकल्पना में महापौर रीढ़ के समान हैं। मुख्यमंत्री सैनी आज पंचकूला में आयोजित अखिल भारतीय महापौर कार्यकारी परिषद की 115वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में महापौर जनता द्वारा सीधे चुने जाते हैं और उनके पास कार्यकारी शक्तियां होती हैं। यह व्यवस्था नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के बीच मजबूत सेतु बनाती है और निर्णय प्रक्रिया को अधिक जवाबदेह तथा प्रभावी बनाती है। उन्होंने कहा कि आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, तब शहरों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

शहर केवल निवास स्थान नहीं हैं, बल्कि आर्थिक विकास के इंजन, नवाचार के केंद्र और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के संगम हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम अर्बनाइजेशन को चुनौती नहीं, अवसर मानते हैं। हमारा विजन है कि शहर ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ का संगम बनें। हमें शहरों को केवल इमारतों और सड़कों का ढांचा नहीं बनाना, बल्कि उन्हें जीवंत, संवेदनशील और आत्मनिर्भर भी बनाना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत की लगभग 900 मिलियन आबादी शहरों में निवास करेगी। यह सिर्फ संख्या नहीं है, बल्कि एक बड़ी संभावना है। नए अवसरों, नए इन्फ्रास्ट्रक्चर और नई जीवनशैली की। हमें इस परिवर्तन को सुनियोजित शहरीकरण, डिजिटल एकीकरण और पर्यावरण संरक्षण के साथ अपनाना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा में शहरी स्थानीय निकायों को विकास कार्यों के लिए 2014-15 में 1,693 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी, जिसे 2025-26 में बढ़ाकर 5,666 करोड़ रुपये कर दिया गया है। चार मेट्रोपोलिटन विकास प्राधिकरण बनाए गए हैं और फरीदाबाद व करनाल को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके तहत फरीदाबाद में 930 करोड़ रुपये की लागत से 45 परियोजनाएं तथा करनाल में 927 करोड़ रुपये की लागत से 122 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक 2,147 अवैध कॉलोनियों को नियमित किया गया है और नई अधिकृत कॉलोनियों में एक हजार करोड़ रुपये से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत मिशन के तहत अब तक 2,930 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। 375 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लक्ष्य में से 9 शहरों में 50 बसें चलाई जा चुकी हैं और प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत 2026 तक 450 बसें खरीदी जाएंगी।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत 21,431 मकान बनाए जा चुके हैं और 11,412 मकान निर्माणाधीन हैं। मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 14 शहरों में 15,256 परिवारों को प्लॉट दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर कचरा संग्रहण, सामुदायिक कंपोस्टिंग और बायोगैस संयंत्रों के माध्यम से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में हरियाणा ने सराहनीय कार्य किया है। नागरिकों को शहरी सेवाएं आसानी से मिलें, इसके लिए हर प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक पिछले अनुभवों की समीक्षा, नई चुनौतियों पर चर्चा और मेयर निकायों को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। उन्होंने सभी महापौरों से आह्वान किया कि वे अपने शहर को ब्रांड बनाएं, उसे विशिष्ट पहचान दें और इस मिशन में भागीदार बनें। उन्होंने विश्वास जताया कि परिषद की यह बैठक सार्थक चर्चा और नए संकल्पों के साथ समाप्त होगी तथा सभी प्रतिनिधि अपने-अपने शहरों में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में देश ने पिछले 11 वर्षों में अद्वितीय प्रगति की है। 2014 में जब प्रधानमंत्री ने शपथ ली थी, तब भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान पर थी। आज भारत 2025 तक चौथी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित हो चुका है और 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने 2047 से पहले भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्प लिया है, वह निश्चित रूप से साकार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने महापौर और अध्यक्ष के चुनाव सीधे करवा कर उनकी प्रतिष्ठा और विकास की गति को बढ़ाने का कार्य किया है। अंत्योदय की भावना के अनुरूप अंतिम व्यक्ति तक विकास की योजनाओं का लाभ पहुंचे, इसके लिए सभी महापौरों को और अधिक जिम्मेदारी से कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने इंदौर की स्वच्छता रैंकिंग की सराहना करते हुए कहा कि मेयर और पार्षदों को इंदौर जाकर वहां की योजनाओं और मॉडल का अध्ययन करना चाहिए ताकि हरियाणा के शहरों में भी उसी प्रकार के मॉडल लागू किए जा सकें। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन और शौचालय निर्माण जैसी योजनाओं की सफलता में महापौरों की भूमिका की सराहना की और कहा कि इन योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य महापौरों द्वारा ही होता है। इस बैठक में राज्यसभा सांसद  कार्तिकेय शर्मा, कालका से विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा, ऑल इंडिया मेयर काउंसिल की अध्यक्ष श्रीमती माधुरी अतुल पटेल, ऑल इंडिया मेयर काउंसिल के ऑर्गेनाइजिंग जनरल सेक्रेटरी एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री उमाशंकर, ऑल इंडिया मेयर काउंसिल की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एवं करनाल की मेयर श्रीमती रेणु बाला गुप्ता, पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल तथा विभिन्न राज्यों के मेयर उपस्थित रहे। 

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