अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में तीन राज्य पुलिस पुरस्कारों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के प्रारूप को मंजूरी प्रदान की गई। इससे पहले, मंत्रिमंडल ने हरियाणा पुलिस कर्मियों द्वारा उत्कृष्ट अन्वेषण, वीरता और प्रशासनिक कर्तव्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए तीन राज्य पुलिस पुरस्कारों नामत: मुख्यमंत्री वीरता पदक, गृह मंत्री उत्कृष्ट अन्वेषण पदक और डीजीपी उत्तम सेवा पदक को मंजूरी दी थी।एसओपी के अनुसार, मुख्यमंत्री वीरता पदक और गृह मंत्री उत्कृष्ट अन्वेषण पदक के विजेताओं को क्रमश: 2 लाख रुपये और 1 लाख रुपये का एकमुश्त नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
इसके अलावा अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों को मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र/ स्क्रॉल भी मिलेगा।ये पदक विजेताओं की वर्दी की बाईं जेब के ऊपर प्रदर्शित होंगे। इसके अलावा, एसओपी में पुलिस कर्मियों के लिए ग्रुप-बी और सी के लिए सेवानिवृत्ति के बाद सेवा में छ: महीने का विस्तार देने का भी प्रावधान किया गया है। बशर्ते कि, वे सेवा में किसी अन्य विस्तार का लाभ न ले रहे हों। पदक प्राप्तकर्ताओं के नाम हरियाणा के राजपत्र में प्रकाशित किए जाएंगे और ऐसे नामों का रजिस्टर गृह विभाग, हरियाणा में रखा जाएगा। डीजीपी उत्तम सेवा पदक से सम्मानित होने वाले कर्मियों को पुलिस महानिदेशक, हरियाणा द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र/स्क्रॉल सहित पदक तथा 50 हजार रुपये का एकमुश्त नकद इनाम मिलेगा। यह पदक वर्दी की बाईं जेब के ऊपर प्रदर्शित होगा। इसके अलावा, पुरस्कार विजेताओं का नाम पुलिस मुख्यालय, हरियाणा में एक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। एसओपी में पात्रता मानदंड, चयन समिति, समयसीमा, पदक वापस लेने और पदक का विवरण/डिजाइन आदि सहित कई प्रावधान किए गए हैं। पुरस्कारों की तीनों श्रेणियों में पदकों की संख्या 1 से 10 होगी। एसओपी में दिए गए प्रावधान के अनुसार, पदक वापस लेने की स्थिति में सेवा विस्तार वापस ले लिया जाएगा। हालाँकि, ऐसे मामलों में नकद पुरस्कार वापस नहीं लिया जाएगा।
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