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बीजेपी का नाम बदल कर अब भारतीय जासूसी पार्टी रख देना चाहिए, ‘अबकी बार देशद्रोही जासूस सरकार’- कांग्रेस-देखें वीडियो

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज एक बहुत ही गंभीर विषय लेकर हम आपके बीच में उपस्थित हैं। हिंदुस्तान के विपक्ष के नेता, राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खरगे साहब, लोकसभा में कांग्रेस के नेता, अधीर रंजन चौधरी और हम सब आज इस देश में संविधान और कानून, दोनों की हत्या मोदी सरकार द्वारा कैसे की जा रही है, प्रजातंत्र को पांव तले कैसे रौंदा जा रहा है, देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कैसे दबाया जा रहा है, उसकी व्याख्या लेकर आपके बीच में आए हैं। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, देश के सम्मानित अलग-अलग मीडिया संगठनों के पत्रकारों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की जासूसी करवाई है। भारतीय जनता पार्टी का नाम बदल कर अब भारतीय जासूसी पार्टी रख देना चाहिए। देश के लोग अब कह रहे हैं – ‘अबकी बार देशद्रोही जासूस सरकार’।

जिस प्रकार से अब सार्वजनिक पटल पर, समाचार पत्रों और पोर्टल की खबरों से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामने आया है,मोदी सरकार इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से देश के सम्मानित न्यायाधीशों की,जजिस की,संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की, खुद के मंत्रिमंडल के शायद मंत्रियों की, विपक्ष के सम्मानित नेताओं की, पत्रकारों,वकीलों,ह्यूमन राइट्स, एक्टिविस्ट की,उन सबकी जासूसी करवा रही है। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने स्वयं देश के संविधान पर हमला बोल रखा हो। कानून के शासन पर हमला बोल रखा हो। मौलिक अधिकारों पर हमला बोल रखा हो और संविधान की शपथ जो ली थी सरकार ने, उस शपथ को भी दबा कर उस पर भी हमला बोल रखा हो। मोदी सरकार खुद ही इजरायली जासूसी उपकरण पेगासस के माध्यम से ये नृशंस कार्य कर रही है और ये तो एक सैंपल है।

पेगासस सॉफ्टवेयर करता क्या है – ये किसी के भी टेलीफोन में उसकी मर्जी के बगैर उसे हैक करके उस टेलीफोन के कैमरा को हैक कर लेता है। उस सेलफोन के माइक्रोफोन को हैक कर लेता है। उसके सारे पासवर्ड, कॉन्टैक्ट लिस्ट को हैक कर लेता है और जो बात आप टेलीफोन पर करते हैं या टेलीफोन बंद भी हो, जो कैमरा या माइक्रो फोन के माध्यम से सुनी जा सकती है, वो भी गैरकानूनी, नाजायज तरीके से इस पेगासस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सुनी जा सकती है।

देशवासियों,आपमें से किसी के टेलीफोन के अंदर भी नाजायज तौर से ये इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस मोदी सरकार डाल सकती है। आपकी बेटी, आपकी पत्नी के टेलीफोन के अंदर ये डाल सकती है। आप अगर बाथरुम में फोन लेकर जा रहे हैं, अपने कमरे के अंदर शयनकक्ष में आपके फोन है, तो आप क्या वार्तालाप क्या कर रहे हैं, आपकी बेटी, आपकी पत्नी, आपका परिवार क्या वार्तालाप कर रहा है, अब वो सब मोदी सरकार सुन सकती है, जिसके फोन के अंदर भी पेगासस का सॉफ्टवेयर डाल दिया जाए। ये इसका परिणाम है। अगर ये देशद्रोह नहीं, अगर ये राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं, तो क्या है?और न्यूज रिपोर्ट तो अब ये भी कह रही हैं कि केवल पत्रकारों, विपक्ष के नेता और खुद के मंत्रियों के नहीं, देश की सुरक्षा एजेंसियों के जो हैड हैं, जो हमारी सुरक्षा करते हैं, जो देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, मोदी सरकार उनकी भी जासूसी कर रही थी। अरे, किसी को तो बख्श दिया होता। राहुल गांधी की भी जासूसी और खुद के मंत्रियों की भी जासूसी। आप जो कैमरे के आगे और पीछे हैं, आपकी भी जासूसी और देश की रक्षा करने वाले हमारे सिक्योरिटी फोर्सेस के हैड की भी जासूसी। क्या किसी सरकार ने इससे ज्यादा शर्मनाक कुकृत्य कभी किया होगा? और इसके सबूत अब हैं और देश में जो चुनाव आयुक्त हैं, जो भारत के इलेक्शन कमिश्नर थे, अशोक लवासा, उनकी भी जासूसी। मीडिया ऑर्गेनाइजेशन की भी जासूसी। जिनके नाम अब तक सामने आए हैं और अभी बहुत नाम होंगे। हिंदू अखबार, इंडियन एक्सप्रेस अखबार, हिंदुस्तान टाइम्स अखबार, दी वायर न्यूज एजेंसी, दी मिंट अखबार, टीवी 18 इंडिया, इंडिया टूडे, इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली, पायनियर, न्यूज क्लिक, ट्रिब्यून, आउटलुक, डीएनए, फ्रंटियर टीवी, रोजाना पहरेदार और पता नहीं कौन-कौन। इन सबकी जासूसी। इसलिए तो अब बीजेपी भारतीय जासूसी पार्टी बन गई है और जासूसी के तो वो पुराने इस मामले में करवाते ही रहे हैं। और दोस्तों, ये जासूसी आज से नहीं चल रही है, ये पिछले लोकसभा चुनाव से भी पीछे से चल रही है और इसका सबूत उपलब्ध है। आज मैं वो सबूत आपसे फिर साझा करने लगा हूं।

अगर आप इस जासूसी को देखें तो CERT-In जो भारत सरकार की एजेंसी है, ये रिपोर्ट अब अवेलेबल नहीं है, ये उतार ली गई है। मैं इसकी प्रतिलिपि आपको भेज रहा हूं। ये CERT-In ने रिपोर्ट दी थी कि वाट्सअप के माध्यम से पेगासस इजरायली सॉफ्टवेयर से टेलीफोन को हैक करके सीधे-सीधे जासूसी चल रही है। ये मैं नहीं कह रहा, ये भारत सरकार की जो एजेंसी है, उन्होंने लिखकर रिपोर्ट दी है। और इसमें उन्होंने बाकायदा लिखा, original issue date is 17th May, 2019 ‘A vulnerability has been reported in WhatsApp which could be exploited by a remote attacker to execute arbitrary code on the affected system’. और ये बाकायदा ट्रेकर न्यूज और सब कुछ इसके अंदर दिया है। अब साथियों, सवाल ये है कि ये पेगासस है क्या, ये एक इजरायली कंपनी है एनएसओ और ये कहते हैं कि हम ये सॉफ्टवेयर केवल और केवल सरकार को ही बेचते हैं और किसी को नहीं। कोई कह सकता है कि भैया, ये तो सरकार, मोदी जी ने तो खरीदा नहीं होगा, तो मैं इसलिए उनकी वेबसाइट की प्रतिलिपि भी आपको रिलीज कर रहा है। ये पेगासस एनएसओ की वेबसाइट है और उन्होंने साफ तौर से ये कहा कि (9.49) ‘NSO products are used exclusively by Government intelligence and law enforcement agencies to fight crime and terror’. मोदी, राहुल गांधी के फोन की जासूसी करवा कर आप कौन सा क्राइम और टैरर से लड़ाई लड़ रहे थे? हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, टीवी 18, इंडिया टूडे, फ्रंटियर टीवी, वायर, न्यूज क्लिक इनकी जासूसी करवाकर आप कौन से टेररिस्ट से लड़ रहे थे? आप हिंदुस्तान के इलेक्शन कमिश्नर की जासूसी करवा कर कौन से उग्रवादी से लड़ रहे थे? आप एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के जगदीप छोकर (Jagdeep Chhokar) साहब की जासूसी करवा कौन से उग्रवादी से लड़ रहे थे? और अब सामने आएगा, अपने खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवा कर कौन से उग्रवादियों से लड़ रहे थे और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और शायद जजेस की जासूसी करवा कर, क्या ये उग्रवादी और आतंकी हैं? और राहुल गांधी के स्टॉफ की जासूसी करवा कर, अब 5 लोगों के, उनके स्टॉफ के भी नाम सामने आए हैं। तो आप कौन से उग्रवादी से लड़ रहे थे, क्योंकि ये पेगासस का सॉफ्टवेयर तो केवल आपको बेचा गया, सरकार को बेचा गया और आपने खरीदा? और तीसरा हिस्सा, साथियों मंक स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो ने, जिनके पास सिटीजन लैब है, बाकायदा इस पेगासस सॉफ्टवेयर और हिंदुस्तान पर अटैक की जांच करवाई और उन्होंने जून, 2017 में ये पाया। ये मैं उनकी रिपोर्ट की कॉपी आपको रिलीज भी कर रहा हूं और लगा भी रहा हूं कि हिंदुस्तान के राजनीतिक व्यक्तियों, हो सकता है उनमें खरगे साहब का फोन भी हैं, अधीर रंजन चौधरी साहब का भी हो, ममता का भी हो, लालू का भी हो, अखिलेश का भी, दूसरे लोगों का भी हो। उन सबको अटैक किया गया था, 2017 में, पेगासस सॉफ्टवेयर के माध्यम से। ये वो रिपोर्ट की कॉपी है, जो मैं आपको रिलीज कर रहा हूं।

और इतना ही नहीं साथियों, इस पेगासस सॉफ्टवेयर से इंटरनेट और ब्रॉडबैंड को भी इंफैक्ट कर दिया गया। यानी इस देश के लोग अपने टेलीफोन पर, यूट्यूब पर क्या देखते हैं, आपकी बेटी, आपकी पत्नी, आप स्वयं, आपका बेटा, ब्रॉड बैंड पर, यूट्यूब पर, टेलीफोन पर क्या देखते हैं, क्या सर्च करते हैं, उस पर भी मोदी सरकार नजर रख रही है। और जो-जो, ये मैं नहीं कह रहा हूं, ये भी सिटीजन लैब रिपोर्ट में आया और उन्होंने कहा कि जो-जो कंपनियां इन्फैक्ट की उन्होंने इंटरनेट की, वो है भारती एयरटेल लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, खुद की सरकारी कंपनी को भी नहीं बख्शा। नेशनल इंटरनेट बैकबोन, सब कुछ उसी पर चलता है, एनआईसी, कोर्ट की प्रोसिडिंग से लेकर, सरकार की सब कार्यवाही, हर डिपार्टमेंट की कार्यवाही एनआईसी पर चलेंगी। हैथवे (Hathway) केबल इंटरनेट, स्टार ब्रॉडबैंड सर्विसेस, एरिया कन्वर्जन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, ये कागज भी मैं आपको रिलीज कर रहा हूं। ये सब भी इन्फैक्ट हो गया और आज भी मोदी सरकार झूठ बोल रही है। आज भी आईटी मंत्री ने कह दिया, हमारा तो कोई लेना-देना ही नहीं। एनएसओ और पेगासस को तो हम जानते ही नहीं। उन्होंने तो बयान ही दे दिया। शायद मंत्री जी अगर आप कांग्रेस के कॉलिंग अटेंशन में पुराने आईटी मिनिस्टर का 28 नवंबर, 2019 का जवाब पढ़ लेते, तो इतना झूठ संसद को ना बोलते। ये मैं इस देश के फॉर्मर आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद का संसद का जवाब दिखा रहा हूं आपको। जो कांग्रेस के कॉलिंग अटेंशन मोशन पर राज्यसभा में उन्होंने दिया और वहाँ उन्होंने तीन बातें मानी। पहली बात कि 121 आदमियों के नाम उनके पास आए हैं हिंदुस्तान के, जिनके टेलीफोन को पेगासस इजरायली जासूसी यंत्र से हैक किया गया है। ये मैं नहीं कह रहा हूं, ये मैं आपको दिखा देता हूं। ये मंत्री ने मान लिया और संसद के पटल के ऊपर मान लिया कि 121 नाम तो उनके पास हैं। तो जब मिनिस्टर ये कह रहे हैं कि मेरे पास 121 नाम हैं, तो फिर आज आईटी मिनिस्टर ये क्या कह रहे हैं?

दूसरा, उन्होंने ये माना कि एनएसओ को नोटिस दिया गया नवंबर, 2019 में। ये भी उन्होंने मान लिया। ये है अभी तक वॉट्सएप ने हमें 121 नाम दिए। ये देखिए ( एक लिस्ट दिखाते हुए सुरजेवाला ने कहा) तो ये वो खुद ही मानते थे। नवंबर, 2019 में भारत सरकार ने संसद के पटल पर माना और उसके बाद ये भी कहा कि हमने एनएसओ को नोटिस दिया है। मैं आपको वो लाइन पढ़कर बता देता हूं। रविशंकर प्रसाद, हमने तो आपको पहले ही कहा था कि एनएसओ को भी नोटिस दिया है। तो भैया, उस नोटिस का क्या हुआ वैष्णव साहब? या आपको सरकार बता नहीं रही नए-नए आईटी मिनिस्टर बने हो। आप कह रहे हैं कि हमारा पेगासस के बारे में जानकारी नहीं, आपके मंत्री कह रहे हैं कि 121 नाम हैं, हमने तो नोटिस दिया है। अब कौन सा मंत्री झूठ बोल रहा है, पुराने वाला झूठ बोल रहा है या नए वाला झूठ बोल रहा है?

इसलिए हमारे सीधे-सीधे 6 सवाल हैं और खरगे और उसके बाद अधीर रंजन जी अपनी बात कहेंगे।

पहला, Is spying on India’s Security Forces, Judiciary, Cabinet Ministers, Opposition Leaders including Shri Rahul Gandhi, Journalists and other activists through a foreign entity’s spyware not ‘treason’ and a inexcusable breach of National Security’. क्या हिंदुस्तान में चुनाव आयुक्त, विपक्ष के नेता समेत राहुल गांधी खुद के कैबिनेट मंत्रियों, पत्रकार साथियों, एक्टिविस्ट और इन सबकी जासूसी करवाना अगर देशद्रोह नहीं और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं, तो क्या है?

दूसरा सवाल, क्या 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके गृहमंत्री अमित शाह और उनकी सरकार जासूसी करवा रही थी?

तीसरा, भारत सरकार ने ये इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस कब खरीदा? क्या इसके लिए होम मिनिस्टर अमित शाह ने अनुमति दी या प्रधानमंत्री ने अनुमति दी और कितना हजार करोड़ रुपए खर्च हुआ या कितने सैंकड़ों रुपए खर्च हुए और वो पैसा कहाँ से आया?

चौथा, अब ये साफ है कि अप्रैल-मई, 2019 में, ये देखिए CERT -In की रिपोर्ट है, भारत सरकार को इस सॉफ्टवेयर की जानकारी थी। तो 2019 से 2021 के बीच में अगर मोदी जी आपको जानकारी थी, तो आप और अमित शाह चुप क्यों रहे? भारत सरकार ने, रहस्यमयी चुप्पी, षड्यंत्रकारी चुप्पी क्यों साध रखी है?

पांचवा सवाल, देश में आंतरिक सुरक्षा के जिम्मेदार तो अमित शाह हैं, तो अमित शाह को एक सेंकेड भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है, उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ये सब तो उनकी देख रेख में हो रहा है? जासूसी कांड जो है इस देश का, वो तो अमित शाह जी की देखरेख में हो रहा है। और आखिरी, क्या प्रधानमंत्री जी की भूमिका की जांच नहीं होनी चाहिए?

ये कुछ प्रश्न हैं। अब इससे पहले कि हम आपके प्रश्न लें, मैं खरगे साहब से अनुरोध करुंगा कि इस जासूसी कांड ने पूरे देश को हिला दिया है। हिंदुस्तान के विपक्ष के नेता खरगे साहब अपनी बात कहेंगे।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अभी सुरजेवाला ने जो तफ़सील के साथ स्टेटमेंट को आपके सामने रखा है,मैं समझता हूं उसमें और एड करने की जरुरत नहीं है। फिर भी मैं ये कहूंगा कि आज देश के प्रधानमंत्री खुद और गृहमंत्री खुद अगर लोकतंत्र में विरोधी पार्टियों के नेताओं की जासूसी करना और बहुत से पत्रकारों के पीछे भी जासूसी करना, इतना ही नहीं खुद के मंत्रियों की भी वो जासूसी कर रहे हैं। इसका सबूत मिला है और वो आपके सामने तफ्सील के साथ रखा है। यहाँ तक ही नहीं, हमारे नेता राहुल गांधी की भी जासूसी उन्होंने की है और अभी कितने लोग आते हैं, मुझे मालूम नहीं, कांग्रेस के, दूसरे पार्टी के और उनके खुद के पार्टी के। तो इसकी जांच होने से पहले मैं तो ये कहूंगा कि खुद अमित शाह साहब को रिजाइन करना चाहिए। मोदी साहब की इंक्वायरी होनी चाहिए। अगर आप लोकतंत्र में विश्वास रखते हो, अगर लोकतंत्र के उसूलों से चलना चाहते हो, संविधान के तहत इस देश को चलाना चाहते हो, तो आप इस जगह पर रहने के काबिल नहीं हैं।

हम इसलिए नहीं कह रहे हैं कि वो अधिकार में हैं और हम अपोजिशन में हैं। इसलिए ये बात नहीं कह रहे हैं,जब सबूत हमें मिला और बहुत से पत्रकारों के जैसा कि सारे नाम उन्होंने बताए, जो-जो भी हमारे प्रिंट मीडिया है, टीवी हैं, सारे के नाम बताए, मैं फिर दोहराना नहीं चाहता हूं। क्या ये सब टेररिस्ट हैं? अरे, जो नेशनलिस्ट पेपर, आजादी के पहले देश की सेवा के लिए, देश की आजादी के लिए लड़े हुए न्यूज पेपर हैं और हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस तो फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के लिए लड़ा हुआ पेपर है और ऐसे कई सबका मैं, एक-दो नहीं कहता, जिनके नाम उन्होंने बताए, वो सब पेपरों ने सत्यता को बाहर निकालने की कोशिश की है, उनके पीछे आप गिरे हो और जो सही भी देश के लिए लड़ रहे हैं और उसके मुखिया है, उनके पीछे भी आप लगे हैं। एक तरफ देशभक्ति की बात करते हो और दूसरी तरफ जासूसी लगाते हो उनके पीछे। ठीक है, अगर आपके मंत्रियों के पीछे जासूसी आपको करनी है, तो आप कर लो, क्योंकि आपका तख्त अगर पलटता है या कोई कुछ रहा है, लेकिन ये लोग क्या कर रहे हैं? ऐसा तो कुछ भी करना इस लोकतंत्र में ठीक नहीं है। लेकिन आज मोदी उस एजेंसी को अपनाकर इस इजरायली एनएसओ एजेंसी को, सब बोलते हैं कि कॉन्ट्रैक्ट देकर तुम इनका पीछा करो और उनका पूरा सत्यानाश करो, प्राइवेसी खत्म करो। अंदर उनके घर में क्या चल रहा है और उनकी पार्टी में क्या चल रहा है और सदन में वो क्या करना चाहते हैं, ये सारी चीजों को वो खुद सुपरवाइज कर रहे हैं।

तो इसलिए मैं यही कहूंगा कि जो बहुत सी बातें अभी इन्होंने बताई, वो मैं रिपीट करना नहीं चाहता, लेकिन मैं यही कहूंगा कि ये पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, ये पहले ऐसे होम मिनिस्टर हैं, जो अच्छे लोगों का, अरे जिसे सिक्योरिटी, क्या इनसे डर रहे हैं आप सिक्योरिटी से, राहुल गांधी जी नेशनल सिक्योरिटी के लिए, एक जो व्यक्ति देश के लिए लड़ता है, लोगों के लिए लड़ता है, गरीबों के लिए लड़ता है, क्या वो देशद्रोही हो सकता है? और उसी ढंग से अनेक पत्रकार, जो मेजर, आज जिनके नाम निकले हैं, वो सभी देश के लिए लड़े हुए लोग हैं, हम लड़ते रहते हैं और उनके ऊपर कितनी भी मुसीबत हो, तब भी वो लोग डटकर लोकतंत्र के लिए, संविधान की रक्षा के लिए, लोगों की आजादी के लिए लड़ते हैं। तो ऐसे लोगों के पीछे जासूसी करना, जैसे उन्होंने कहा कि ये भारतीय जनता पार्टी नहीं है, भारतीय जासूसी पार्टी है और जासूसी वो दूसरे लोगों का भी कर रहे हैं और वो अपने लोगों की भी कर रहे हैं। इस मामले को हम सदन में उठाएंगे और बताएंगे, जो अभी लिस्ट आ रही है एक के बाद एक। अभी कितने नाम आएंगे, देखेंगे और इसको सब पार्टी के लोग मिलकर, तय करके एक दिन इसको रखेंगे औऱ जो चीजें हमें सारे देश के लोगों को बताना है, लोकसभा के माध्यम से, राज्यसभा के माध्यम से हम बताएंगे, लड़ेंगे, लड़ते रहेंगे और जनता के हकों के लिए और खासकर उनके जो बुनियादी हक हैं, फंडामेंटल राइट्स हैं, उनको भी आज धक्का हो रहा है। तो इसलिए not only freedom of speech, लोगों को बदनाम करने की भी वो कोशिश कर रहे हैं। तो इसलिए ये हम सदन में भी उठाएंगे, फिर मीटिंग हम करेंगे, अपोजिशन लोगों के साथ मिलकर, बात करके इन सभी चीजों को हम सदन में उठाएंगे। इसलिए मैं आपसे भी रिक्वेस्ट करता हूं कि जो हमला हम पर हो रहा है, वो आप पर भी हो रहा है। इसलिए इसको बहुत ही गंभीर तरीके से देखना चाहिए। इतना ही मैं कहता हूं।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सुरजेवाला जी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सारी व्याख्या आप लोगों के सामने कर चुके हैं। मोदी जी कहते हैं कि हम डिजिटल इंडिया की पैरवी करते हैं, लेकिन आज हम ये देख रहे हैं कि ये डिजिटल इंडिया नहीं बल्कि सर्विलांस इंडिया का स्वरुप हमारे सामने मोदी जी पेश कर रहे हैं। ये खुद कह रहे हैं एनएसओ वाले कि ‘NSO products are used exclusively by Government intelligence and law enforcement agencies to fight crime and terror’. उग्रवाद के खिलाफ लड़ने के लिए, सरकार इसको इस्तेमाल करती है। और ये इस्तेमाल असलियत में किसके खिलाफ हो रहा है, जिनको मोदी जी समझते हैं कि वो मोदी जी के लिए कोई खतरा पैदा कर सकते हैं, उनके खिलाफ ये पेगासस का इस्तेमाल किया जाता है। जो मोदी जी के खिलाफ बात उठाने की हिम्मत रखते हैं, दम रखते हैं, उनके ऊपर ये खुफिया एजेंसी को तैनात किया जाता है। लवासा जी के खिलाफ, क्योंकि हमारे इलेक्शन कमीशन लवासा जी, मोदी जी के पांव तले बैठकर उनकी आज्ञा मानने के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए पेगासस उनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया।

हमारे नेता राहुल जी एक बात कहते है कि हम मोदी जी से नहीं डरते हैं। हमारे देशवासियों के लिए जो सच है, वो हम बोलते रहेंगे, चाहे कुछ भी हो और ये कुछ भी होते हुए उन्हीं के परिवार के इंदिरा गांधी जी, राजीव गांधी जी को शहादत देनी पड़ी और उन्हीं के परिवार के ऊपर आप खुफियागिरी कर रहे हैं। उनको उग्रवादी सोचते हुए उनके खिलाफ आप ये खुफियागिरी कर रहे हैं, पेगासस इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बात हिंदुस्तान के लोगों को अच्छी नहीं लग सकती। राहुल गांधी जी आपके खिलाफ सच्ची बात हिम्मत से कहते हैं, हम जानते हैं आपको पसंद नहीं आती, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जिस परिवार के लोगों ने हमारे देश के लिए कुर्बानी दी है, उन्हीं के परिवार के सदस्य के ऊपर ये खुफियागिरी हो। देशवासी इसको मान्यता नहीं देंगे। तो इसलिए हम ज्यादा ना बोलते हुए हमारी पार्टी की तरफ से लोकसभा के अंदर ये मसला हम उठाएंगे, जोर-शोर से उठाएंगे। आज गोल-मोल तरीके से मंत्री जी ने एक बयान पेश किया, बयान पेश करते ही वो भाग कर निकल चुके। लगता है कि शूट और स्कूट पॉलिसी अपनाए हैं। सदन के अंदर नियमों के मुताबिक जब मिनिस्टर की स्टेटमेंट होती है, यह सदन के नियमों के खिलाफ़ है। सबसे पहले तो हमारी मांग ये है कि ये पेगासस का इस्तेमाल करने के लिए जिनको जिम्मेदारी लेनी चाहिए, हमारे हिंदुस्तान के अभी के होम मिनिस्टर साहब अमित शाह जी, ये अमित शाह जी को इसी वक्त इस्तीफा देना चाहिए। अगर हिंदुस्तान की सरकार में कोई मोरैलिटी बची हुई है, कोई नैतिकता बची हुई है, तो तुरंत अमित शाह जी को रेजिगनेशन देते हुए हिंदुस्तान के लोगों के सामने पेश किया जाए। ये मांग रखते हुए अगली तारीख में सदन के सब विपक्षी पार्टी एकसाथ हमारी आवाज बुलंद करेंगे। ये कहते हुए मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।

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