अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा/डब्लूआर-II की टीम के निरीक्षक सतीश मलिक ने आज शुक्रवार को एक सामूहिक बलात्कार के मामले में घोषित अपराधी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए अपराधी का नाम भरत पुत्र अमर सिंह निवासी तिमारपुर , दिल्ली है। इस अपराधी को सुल्तान पुरी, दिल्ली पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 471/2017, भारतीय दंड संहिता की धारा 323/376 डी/506 सहपठित पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के संबंध में घोषित अपराधी (पीओ) और एक हताश अपराधी है, में गिरफ्तार किया गया है।
सूचना, टीम और कार्रवाई:
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की डब्लूआर-II टीम दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में हताश और फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत है। प्रधान सिपाही अजय को मिली एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर, पता चला कि एक जघन्य सामूहिक बलात्कार मामले में पीओ घोषित फरार अपराधी भरत अपने साथियों से मिलने राजपुरा रोड, ओपीएल गेट के पास आएगा। त्वरित कार्रवाई करते हुए, सहायक आयुक्त पुलिस/डब्लूआर-II, राजपाल डबास की कड़ी निगरानी में निरीक्षक सतीश मलिक के नेतृत्व में प्रधान सिपाही अजय, प्रधान सिपाही संदीप और प्रधान सिपाही संदीप कादयान सहित एक छापेमारी दल का गठन किया गया। उक्त स्थान पर जाल बिछाया गया और आरोपित को धारा 35(1)(डी) बीएनएसएस के तहत सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ:
आरोपित भरत ने खुलासा किया कि वह तिमारपुर, दिल्ली का निवासी है। 2017 में, उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक नाबालिग लड़की का कथित तौर पर अपहरण किया, उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया और उसके साथ शारीरिक उत्पीड़न किया। मामला दर्ज होने के बाद, उसे गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई। हालांकि, सबूत पूरे होने के बाद दोषसिद्धि के डर से, वह फरार हो गया और अदालत में पेश नहीं हुआ। परिणामस्वरूप, 2023 में, उसे न्यायालय द्वारा उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया गया।
पूर्व संलिप्तताएँ:
आरोपित भरत के आपराधिक इतिहास में निम्नलिखित मामले शामिल हैं:
1. एफआईआर संख्या 394/2016 – धारा 33 आबकारी अधिनियम के अंतर्गत, थाना तिमारपुर
2. एफआईआर संख्या 471/2017 – धारा 323/376 डी/506 आईपीसी के अंतर्गत धारा 6
पॉक्सो अधिनियम, थाना सुल्तानपुरी
3. एफआईआर संख्या 606/2021 – धारा 323/341/34 आईपीसी के अंतर्गत, थाना मुखर्जी
नगर
4. एफआईआर संख्या 212/2020 – धारा 307/34 आईपीसी और 25/27 आर्म्स एक्ट के
अंतर्गत, थाना तिमारपुर।
निष्कर्ष:
अपराध शाखा कानून के शासन से बचने का प्रयास करने वाले अपराधियों पर लगातार नज़र रखकर और उन्हें गिरफ्तार करके जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।