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फरीदाबाद

जाति के नाम पर कर्मचारियों को अपमानित करने वाले एसडीओ पर हो केस दर्ज हो, वरना होगा बड़ा आंदोलन: सुनील खटाना

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद:आज गूगल मीट के माध्यम से हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर्स यूनियन की प्रान्तीय वार्ता समिति की मीटिंग हुई । जिसमें जिन्द सर्कल में जारी बिजली कर्मचारी और निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के बीच तूल से उपजे विवाद पर वार्ता और जिस तरह से जिन्द में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा गठजोड़ बना कर बिजली कर्मचारियों को प्रताड़ित करने की घटना पर मंथन किया गया । जिसके गम्भीर विषय पर प्रदेश महासचिव सुनील खटाना ने अपने जारी बयान में कहा कि बिजली कर्मचारी सदा मेहनत से जनता की और विभाग की सेवा करते रहे हैं। जिसमें विशेष तौर पर जिन्द के कर्मचारी जिन्होंने कुछ महीने पहले आये अंधड़ तूफान में 1200 से अधिक बिजली के पोल टूटने और उखड़ जाने के बावजूद जिस प्रकार कम और सीमित समय में इन्ही कर्मचारियों के बलबूते विद्युत आपूर्ति वापिस चालू कर बहाल की गई। उसकी तारीफ माननीय प्रदेश के मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं । लेकिन जिन भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से विभाग की कंपनिया निरन्तर घाटे में जा रही थी । लेकिन निगम के सीएमडी शत्रुजीत कपूर द्वारा जब से ऐसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की मुहिम चालू की गई है ।

तब से पहली बार घाटे में चल रही बिजली कंपनियां घाटे से उबर कर मुनाफे की ओर लौट रही है । लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारी जो नाजायज तरीके से मोटी कमाई और निगम में लूट कर रहे थे । उनको भ्रष्टाचार पर यह अंकुश कतई रास नहीं आ रहा । इसलिए वह शुरू से ही तरह तरह से लॉबिंग करके सुधार की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं और जिन्द में कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच टकराव को पैदा करने का प्रयास भी उसी सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है । एसडीओ सिटी सब डिवीजन जिन्द की नासमझी और हठधर्मिता के चलते बिजली कर्मचारियों को वहां धरना देना पड़ रहा था । क्योंकि उक्त अधिकारी द्वारा पिछले दो साल से कर्मचारियों की एसीआर को लटका कर रखा हुआ था। जबकि सरकार के नियमा नुसार किसी भी अधिकारी को प्रति वर्ष हर हालत में 6 मई तक एसीआर पूरी करके रिव्यूइंग ऑफिसर के पास भेजना आवश्यक होता है। एसीआर पूरी ना होने की वजह से सिटी सबडिवीजन के कर्मचारियों को ओन स्केल प्रमोशन ही मिला है। जबकि बाकी सभी कर्मचारियों को पूरे वित्तीय लाभ मिल चुके हैं । इसके अतिरिक्त कोरोना पॉजिटिव किसी भी कर्मचारी को क्वारंटाइन पीरियड को ड्यूटी पीरियड मानने का सरकार तथा विभाग का नियम है । लेकिन फिर भी अधिकारी द्वारा कर्मचारी की एब्सेंट लगाई गई। कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा एसडीओ की इसी कार्यशैली में प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच टकराव पैदा करने के लिए अवसर दिखा और एक एसोसिएशन के पूर्व प्रांतीय प्रधान जो अनियमतताओं के आरोप में निलंबित चल रहे हैं तथा एसोसिएशन के एक पदाधिकारी अनियमितताओं के चलते निलंबित थे । जो किसी सिफारिश से पेंडिंग इंक्वारी पर बहाल किए गए हैं । जिस एसडीओ जुलाना पर खुद कोई लाइन की इलीगल शिफ्टिंग के आरोप हैं तथा सबूतों के साथ शिकायत अधिकारियों के पास गई हुई है जिसके माध्यम से लॉबिंग करनी शुरू की तथा तीन और एसडीओ को भी इसमें शामिल कर लिया । जब भी कर्मचारी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एसडीओ सिटी जिन्द से बात करने की कोशिश करते तो पांचो एसडीओ इकट्ठे होते और कर्मचारियों की बेइज्जती किया करते । जिसके चलते मजबूरन कर्मचारियों को विरोध प्रदर्शन का मार्ग अपनाना पड़ा और उसमें भी 16 तारीख को बाकायदा पांचों एसडीओ ने धरने पर पदाधिकारियों के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर उकसाने का प्रयास किया और मौका मिलते ही कर्मचारियों के खिलाफ फर्जी एफआईआर कराने का काम किया।

उक्त मसले पर प्रांतीय मुख्यसंगठनकर्ता का महावीर पहलवान ने कहा की पुलिस का काम कमजोर की ताकतवर लोगों से रक्षा करने का है ना कि चंद रसूखदार लोगों के तो दबाव में आम कर्मचारियों का शोषण करने का जिसका विरोध यूनियन ने एसपी जिन्द को ज्ञापन के माध्यम से दर्ज कराया है । प्रांतीय प्रधान बिजेद्र बेनीवाल ने कहा कि अधिकारी बताएं की 2 वर्ष से कर्मचारियों की एसीआर पेंडिंग रखने के पीछे, कोरोना संक्रमित कर्मचारी की नियम विरुद्ध एब्सेंट लगाने, जिन कर्मचारियों की मेहनत की प्रशंसा माननीय मुख्यमंत्री कर चुके हैं उनकी उस लाइन के लिए चार्जशीट करने जो उनको हैंड ओवर भी नहीं हुई थी, पदाधिकारियों के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के पीछे क्या मंशा थी और पांच-2 एसडीओ किस मंशा से और किसके आदेश से बार-बार जाकर कर्मचारियों को धमका रहे थे । एसडीओ जुलाना के खिलाफ कई ईलीगल शिफ्टिंग की सबूतों के साथ शिकायत के बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई । उन्होंने कहा एचएसईबी वर्कर्स यूनियन कर्मचारियों के हितों की रक्षा और विभाग की बेहतरी के लिए काम करने के लिए प्रतिबंध है और कुछ भ्रष्ट लोगों द्वारा फैला रहे जा रहे दुष्प्रचार और कर्मचारियों के उत्पीड़न के प्रयास का मुंहतोड़ जवाब देगी और अगर कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद कर भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है। तो यूनियन प्रदेशव्यापी आंदोलन का निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटेगी ।मीटिंग में वरिष्ठ उप प्रधान कृष्ण नैन, यशपाल देशवाल, वित्त सचिव राजकुमार सांगवान, ऑडिटर अशोक शर्मा, प्रेस सचिव महेंद्र सिंह,उप महासचिव मुकेश भयाना एवं राजेश शर्मा, चेयरमैन रहिस यादव, कानूनी सलाहकार विकास ठाकुर, संपादक राजीव मेहता भी शामिल हुए ।  

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