अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गन्ना किसानों को कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल रेट देने, धान की जल्द खरीद शुरू करने और मार्केट फिस को 1 प्रतिशत करने की मांग उठाई है। और खुद एक महीने का वेतन बाढ़ राहत कोष में देने की घोषणा की साथ ही उन्होंने कांग्रेस समेत सभी विधायकों से अपील करी है कि वो कम से कम एक महीने का वेतन, बाढ़ राहत फंड में दें, ताकि पीड़ितों को और मदद पहुंचाई जा सके। हुड्डा अपने आवास पर पत्रकारी से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बाढ़ के चलते प्रदेश की 30 लाख एकड़ भूमि में खराब हुआ है और 5 लाख 10 हजार किसान इससे पीड़ित हैं।
एक महीने से भी ज्यादा का समय हो गया, पूरा प्रदेश आपदा से जूझ रहा है लेकिन अब तक बीजेपी सरकार ने लोगों की मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। मैं खुद जींद, रोहतक से लेकर यमुनानगर तक बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने गया। लेकिन हर जगह लोगों की शिकायत यही थी कि सरकार की तरफ से ना किसी तरह की मदद की जा रही है, ना जरूरत के मुताबिक राहत कार्य अंजाम दिए जा रहे हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हैरानी जताई कि अब हरियाणा सरकार ने ना तो प्रदेश को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है और ना ही केंद्र से बाढ़ के नाम पर किसी तरह के राहत पैकेज की मांग करी है। इससे सरकार की मंशा जाहिर होती है कि वह जनता को पोर्टल और गिरदावरी की लंबी प्रक्रिया में ही उलझाए रखना चाहती है और मुआवजा नहीं देना चाहती है।
जबकि किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। उन्हें प्रति एकड़ करीब 1 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। आने वाली फसल के होने की भी उम्मीद नजर नहीं आती। यानी किसानों को पूरे दो सीजन का घाटा हुआ है। किसानों को कम से कम 60-70 प्रति एकड़ मुआवजा मिलना चाहिए। जबकि सरकार खाद के खर्च से भी कम मुआवजे का ऐलान कर रही है।बाढ़ से धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। जो थोड़ी बहुत फसल किसान बचा पाए हैं, उनकी आवक मंडियों में शुरू हो गई है। लेकिन सरकार ने अभी तक खरीद शुरू नहीं की। हमारी मांग है कि 20 तारीख से सरकार धान की खरीद शुरू करे और एमएसपी पर सारी फसल की खरीद हो।साथ ही मार्केट फीस को भी 4% से घटकर 1% किया जाए। क्योंकि हाई मार्केट फीस के चलते हरियाणा की मीलें दूसरे राज्यों में पलायन कर रही हैं। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान कम मार्केट फीस के चलते, जो मीलें हरियाणा में स्थापित हुई थी, अब वह अन्य राज्यों का रुख कर रही हैं।
हुड्डा ने कहा कि इस बाढ़ ने ना सिर्फ बीजेपी सरकार के इंतजामों की बल्कि उसके भ्रष्टाचार की भी पोल खोल के रख दी है। शहरों की बात की जाए तो अमृत योजना से लेकर सीवरेज सफाई के नाम पर घोटाले इस कद्र अंजाम दिए गए कि बारिश होते ही तमाम शहर तालाब में तब्दील हो गए। गांव और खेतों में भी नेहरों और खालों की ना सफाई करवाई गई, ना खुदाई और ना ही तटबंधों को मजबूत किया गया। कई गांव में पाइप लाइन बिछाने के नाम पर घोटाले हुए। क्योंकि जब पानी आया तो इन पाइप लाइन से एक भी बूंद पानी की निकासी नहीं हुई।भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वोट चोरी के मामले में अब तक चुनाव आयोग ने कोई भी तथ्यपरक जवाब नहीं दिया है। ना ही उसने बताया है कि देश में इतने फर्जी वोट कैसे बने, किसने बनवाए और उन लोगों पर क्या कार्रवाई होगी? हरियाणा में भी फर्जी वोटों की भरमार है। इसके अलावा भाजपा ने हरियाणा में वोट चोरी के लिए राशन कार्ड का भी दुरुपयोग किया। चुनाव से ठीक पहले ताबड़तोड़ बीपीएल कार्ड बनाते हुए इनकी संख्या 52 लाख तक पहुंचा दी। यानी हरियाणा की 80% आबादी को बीपीएल घोषित कर दिया गया। लेकिन चुनाव खत्म होते ही, उन लोगों के राशन कार्ड काटने शुरू कर दिए गए। अब तक 11 लाख राशन कार्ड कट चुके हैं।ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि चुनाव से पहले क्या वोट चोरी के लिए इतने राशन कार्ड बनाए गए? या राशन घोटाले को अंजाम देने के लिए? दोनों ही सूरत में इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। यह भ्रष्टाचार और जनादेश की लूट का गंभीर मामला है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा की एक भी यूनिवर्सिटी देश की टॉप 100 में जगह नहीं बना सकी है। जब से बीजेपी सरकार आई है, हरियाणा में उच्चतर शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है और पिछले कई साल से यही सिलसिला जारी है। इस बार भी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2025 रैंकिंग्स, जो 4 सितंबर 2025 को जारी की गईं, के अनुसार, हरियाणा की कोई भी यूनिवर्सिटी टॉप 100 में शामिल नहीं है। इनेलो पर टिप्पणी करते हुए हुड्डा ने कहा कि इनेलो और जेजेपी जैसे दल बीजेपी की प्रोक्सी हैं। क्योंकि बीजेपी हरियाणा में कभी भी कांग्रेस के साथ आमने-सामने की लड़ाई नहीं जीत सकती। इसलिए वो छदम (प्रोक्सी) लड़ाई लड़ती है। कांग्रेस से लड़ने के लिए, वो अपने प्रोक्सी जैसे कि कभी जेजेपी तो कभी इनेलो को आगे कर देती है। पिछली बार बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस से छद्म युद्ध किया और इसबार इनेलो से मिलकर। इसीलिए सिरसा में तो बीजेपी ने इनेलो गठबंधन उम्मीदवार गोपाल कांडा को जितवाने के लिए अपने कैंडिडेट का पर्चा ही उठवा लिया था। बाकी कांडा ने अपने ब्यान से बता दिया था कैसे आई एन एल डी और बीजेपी का गठबंधन था । बाकी जगह रानियां, नरवाना, ऐलनाबाद, डबवाली जैसी तमाम सीटों पर इनेलो ने बीजेपी की और बीजेपी ने इनेलो की खुलकर मदद की। इनकी असलियत को जनता बख़ूबी जानता है, इसलिए ना इनकी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है और ना ही इनका जवाब देने की।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments