अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
लोन कराने वाली कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा लोन देने वाली कम्पनी के ग्राहकों से एडवांस किस्त लेने व लोन राशि को कम रुपए लेकर लोन बन्द करने के नाम पर 11 करोड़ 25 लाख रुपयों का गबन करने के मामले में लोन कराने वाली कम्पनी के जनरल मैनेजर को आर्थिक अपराध शाखा, गुरुग्राम ने आज शनिवार को गिरफ्तार किया हैं। कंपनी (लोन दिलाने वाली कम्पनी) के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलकर आरोपित दे रहा था लोन के नाम पर किस्त वसूल करने, कुल लोन राशि के बदले कम रुपए लेकर लोन बन्द करने व ग्राहक को फर्जी NOC देने की वारदातों को अंजाम दिया।

पुलिस प्रवक्ता ने आज जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 18.06.2025 को एक शिकायत आर्थिक अपराध शाखा-I, गुरुग्राम से जांच करने उपरान्त डाक के माध्यम से थाना मेट्रो, गुरुग्राम में प्राप्त हुई। प्राप्त शिकायत के माध्यम से शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी कंपनी फाइनेंस सर्विस व लोन प्रदान करती है। कंपनी ने लोगों के लोन कराने के लिए एक दूसरी कंपनी के साथ समझौता किया हुआ है। उस कम्पनी (लोन कराने वाली कम्पनी) के कर्मचारियों द्वारा इनकी कम्पनी (लोन देने वाली कम्पनी) के ग्राहकों से लोन की एडवांस किस्ते प्राप्त करने तथा ग्रहकों को कुल लोन के बदले लोन की कम राशि का भुगतान करवा कर उन्हें लोन उनकी कम्पनी (लोन देने वाली कम्पनी) की फर्जी NOC देकर तथा किस्तों के नाम पर व फर्जी तरीके से लोन कम रुपयों में बन्द कराने के नाम पर ग्राहकों से वसूल किए गए रुपयों का गबन करने अर्थात इनकी कम्पनी (लोन देने वाली कंपनी) में जमा ना करवाकर कम्पनी व ग्रहकों के साथ धोखाधड़ी की गई है। प्राप्त शिकायत पर थाना मेट्रो, गुरुग्राम में सम्बन्धित धाराओं के तहत मुकदमा अंकित किया गया।

थाना मेट्रो , गुरुग्राम के प्रबंधक व निरीक्षक के नेतृत्व में एएसआई सोमबीर ने पुलिस टीम के साथ मिलकर कार्रवाई करते हुए मुकदमा में धोखाधडी से रुपयों का गबन करने में संलिप्त 1 आरोपित को शुक्रवार को गुरुग्राम से काबू करके गिरफ्तार किया गया। आरोपित की पहचान सतीश चन्द्रा (उम्र 32-वर्ष, शिक्षा एम.बी.ए.) निवासी गांव नारायणा, जिला इलाहाबाद(उत्तर-प्रदेश) के रूप में हुई। आरोपित से प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि शिकायत कर्ता कंपनी (लोन देने वाली कम्पनी/फाइनेन्सर कंपनी) द्वारा लोन कराने के लिए जिस कम्पनी के साथ समझौता किया हुआ है यह उस कम्पनी में जनरल मैनेजर के पद पर पिछले 2 साल से काम कर रहा है। उनकी कम्पनी द्वारा लोगों से सम्पर्क उनका लोन कराने के लिए लोगों के दस्तावेज शिकायतकर्ता कम्पनी (फाइनेन्सर कम्पनी) को भेज देते है, फिर फाइनेन्सर कम्पनी द्वारा लोन अप्रूव करके ग्राहक के खाते में भेज देती है। फिर ये (आरोपी उपरोक्त) व इनकी कम्पनी (लोन कराने वाली कम्पनी) के डायरेक्टर व अन्य उच्च कर्मचारी/अधिकारी उन ग्रहाकों से सम्पर्क करके उनसे बेवजह ही एडवांस में 2 से 3 किस्ते नगद प्राप्त कर लेते और फिर उनसे कुछ महीनों बाद पुनः सम्पर्क करके उनके लोन की बकाया कुल राशि के बदले उन्हें कम रुपए जमा कराकर लोन बन्द कराने का प्रलोभन देते और जो ग्राहक इनके झांसे में फंस जाता उनसे ये कुल लोन राशि के बदले कम राशि नगद प्राप्त करके उन्हें फाइनेन्सर कम्पनी की तरफ से लोन समाप्त किए जाने को फर्जी NOC दे देते तथा धोखाधड़ी करके ग्राहकों से लिए गए रुपए फाइनेन्सर कम्पनी में जमा ना कराकर अपने पास/अपने निजी बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते। पुलिस अनुसंधान में आरोपित द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर कुल 588 ग्राहकों का कुल 19 करोड़ 40 लाख 20 हजार रुपयों का लोन कराना, जिनमें से ग्राहकों द्वारा कुल 8 करोड़ 15 लाख 7 हजार 526 रुपए लोन देने वाली कम्पनी को किस्तों के रूप में भुगतान करना तथा 11 करोड़ 25 लाख 12 हजार 474 रुपए गबन (उपरोक्त आरोपित व उसके आने साथियों द्वारा) करना पाया गया है।आगामी कार्रवाई के लिए आरोपित को आज शनिवार को न्यायालय में पेश करके 2 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया है। पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान आरोपित से अन्य साथी आरोपितों व अन्य वारदातों के बारे में गहनता से पूछताछ करते हुए आगामी कार्रवाई की जाएगी। मुकदमा का अनुसंधान जारी है।
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