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फरीदाबाद: डीएवी शताब्दी महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया के सेवानिवृति पर गौरवमयी विदाई समारोह।


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: लगभग चार दशक के लंबे समय तक डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग में एक शिक्षिका के रूप में अपनी यात्रा पूरी कर रही कार्य कारी प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया का आज विदाई समारोह आयोजित किया गया।  वर्ष 1986 में महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय से एम.कॉम में गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. भाटिया ने 14 दिसंबर 1988 में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में अपने शिक्षण करियर की शुरुआत डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के साथ की।  हरियाणा सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वर्ष 2023 में उनको स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया गया।  एशिया व इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में डॉ. भाटिया के नाम एक घंटे में 69 स्टेटिस्टिक्स विषय की परिभाषाएं व उनके लेखकों के सही नाम लिखने के लिए दर्ज है।  उन्होंने 9 शैक्षणिक, 12 गैर शैक्षणिक किताबों का लेखन करने के साथ-साथ 51 शोध पत्रों का प्रकाशन भी विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में किया है। 

वहीं 5 पेटेंट्स भी प्राचार्या के नाम पर दर्ज हैं।  5 रिसर्च स्कॉलर्स उनके मार्गदर्शन में अपनी पीएचडी की डिग्री हासिल कर चुके हैं और कुछ अभी भी अध्ययन रत हैं।  इसके अलावा अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में उन्होंने परीक्षक, शोध विशेषज्ञ, संपादकीय बोर्ड सदस्य,आदि के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण देने के साथ-साथ छात्रों के सर्वांगीण विकास से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में भी डॉ. भाटिया की भूमिका अतुलनीय रही है। विदाई समारोह में महा विद्यालय के पूर्व शिक्षक मुकेश बंसल, शिक्षाविद सुरेखा जैन, राजकीय महिला महाविद्यालय की प्राचार्या व डीएचइओ डॉ. सुनिधि, दयानंद महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ मंजू, प्राचार्या के बचपन की मित्र व पूर्व केंद्रीय कर्मचारी रश्मि शेनन तथा अंजली, प्राचार्या के भाई दीपक मल्होत्रा के साथ अन्य परिवारजन व मित्रगण शामिल हुए. सभी ने अपने शब्दों में डॉ. भाटिया के जीवन, शिक्षण, लेखन, निर्देशन, समर्पण, स्नेह आदि को बयां किया व आगामी जीवन यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं.महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या के रूप में डॉ. अर्चना भाटिया ने जून 2024 में कार्यभार संभाला। 

उन्होंने कुछ बहुत ही जरूरी त्वरित निर्णय महाविद्यालय से जुडे कार्यों के निर्वहन के लिए अमल में लाने का काम किया।  नवागन्तुक छात्रों के रुझान को देखते हुए कुछ विभागों की सीटों को दस प्रतिशत बढाने का निर्णय लिया गया. बेहतर अनुशासन व्यवस्था बनाने के लिए छात्रों के साथ-साथ शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों को भी आई-कार्ड देने की पहल की गई।  काफी समय से रूसा की ग्रांट का जो पैसा बिना इस्तेमाल के रह गया था, उन्होंने पद संभालते ही उस पैसे के जरिये शिक्षण से जुड़े उपकरण जैसे डिजिटल नोटिस बोर्ड, स्मार्ट इंटरैक्टिव पैनल, एन-कंप्यूटिंग लैब,एलईडी प्रोजेक्टर आदि खरीदकर महाविद्यालय में लगवाने का काम किया। आज छात्र मॉडर्न शिक्षण उपकरणों से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। 

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में युवाओं की भागीदारी के लिए बजट को बढ़ाया जिससे यूथ फेस्ट में पदकों की संख्या में इजाफा हुआ और विभिन्न महाविद्यालयों में होने वाली प्रतियोगिताओं में छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया।  खेल के क्षेत्र में भी महा विद्यालय के खिलाडियों ने बढ़िया प्रदर्शन कर ढेरों मैडल लाने के साथ ही नेशनल व इंटरनेशनल गेम्स में चयन पाकर महाविद्यालय को गौरवान्वित किया. छात्रों को योग की शिक्षा के साथ ही सूर्यनमस्कार कार्यक्रमों का हिस्सा बनने का मौका मिला. छात्रों को शिक्षण के साथ रोजगार उन्मुख बनाने के लिए महा विद्यालय द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अलग से सत्र आयोजित करवाए गए और कुछ प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण संस्थानों को भी व्याख्यान देने के लिए महाविद्यालय बुलवाया गया. ब्यूटी पार्लर संचालन द्वारा स्वयं को सक्षम बनाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम सर्टिफाइड कोर्स छात्राओं के लिए चलवाये गए. दो एनसीसी कैडेट्स इस बार गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड में शामिल हुए. गणतंत्र दिवस पर गिनीज बुक में दर्ज की गई झांकी का हिस्सा भी महा
विद्यालय के छात्र रहे. एनएसएस के राष्ट्रीय स्तर कैंप में भी महाविद्यालय के छात्र को टीम लीडर बनने का मौका मिला. छात्रों के औद्योगिक व ऐतिहासिक अनुभव प्रदान करने के लिए बैंक, होटल, मीडिया चैनल्स, सरकारी संस्थानों, लोकसभा, राष्ट्रपति भवन अमृत उद्यान, ट्रेड फेयर, बुक फेयर जैसी जगह पर यात्राओं को संपन्न कराया गया.छात्रों के बेहतर प्लेसमेंट के लिए प्लेसमेंट सेल द्वारा रिज्यूमे राइटिंग,मॉक इंटरव्यू व कंपनियों द्वारा जॉब ऑफर्स कार्यक्रम आयोजित करवाए गए. यूथ रेड क्रॉस इकाई द्वारा भी महाविद्यालय परिसर में चिकित्सा जांच, रक्त दान शिविर, थैलेसीमिया जांच जैसे कैंपों का आयोजन करवाया गया.महिला प्रकोष्ठ द्वारा नारी सशक्तिकरण को लेकर गर्ल्स चाइल्ड डे,पॉश एक्ट जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए.इनके अलावा नशा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रत्येक माह में दो बार रैली व प्रतियोगिताएं संपन्न कराना, यातायात नियमों की जानकारी के लिए रोड सेफ्टी जागरूकता कार्यक्रम चलवाना, मतदान जागरूकता के लिए शपथ कार्यक्रमों का आयोजन भी इसमें शामिल रहा।  शिक्षकों के शिक्षण, शोध को बेहतर बनाने के लिए वर्कशॉप, सेमिनार, रिफ्रेशर कोर्स आदि आयोजित करवाए गए।  गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए सेमिनार, इंग्लिश लैंग्वेज कम्युनिकेशन कोर्स, ट्रे-गार्डन डेवलपमेंट प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन भी करवाया गया।  पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुए विभिन्न संस्थानों के साथ ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे कार्यक्रम आयोजित कर पांच सौ से ज्यादा पेड़ महाविद्यालय परिसर व परिसर के बाहर लगवाए गए. कचरा प्रबंधन प्रोत्साहन के लिए रसोई घर अपशिष्टों को मशीन द्वारा कम्पोस्ट बनाने का प्रशिक्षण देना भी महाविद्यालय द्वारा करवाया गया।  आर्य समाज इकाई द्वारा  प्रत्येक माह कई हवन कार्यक्रम व सनातन धर्म को लेकर आध्यात्मिक उपदेश कार्यक्रम छात्रों में नैतिक व  सामाजिक मूल्यों के विकास के लिए आयोजित करवाए गए।  प्राचार्या ने वर्षों से लंबित पड़े कार्य जैसे रंगाई-पुताई, फायर सेफ्टी मेंटेनेंस, बिल्डिंग को नुकसान पंहुचा रहे पेड़ो की छटाई को भी महाविद्यालय व डोनेशन के जरिये मिले पैसों से सम्पन्न करवाया | प्राचार्या ने वाणिज्य विभाग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए अपनी स्वयं की आर्थिक मदद द्वारा संचालित ‘सशक्त कदम’ नामक छात्रवृति योजना को भी आजीवन के लिए शुरू किया है।  यह एक ऐसी लम्बी फेहरिस्त है जो प्राचार्या के कार्यों को बताने के लिए नाकाफी है क्योंकि समय के साथ यह काफी लम्बी होती रही और महाविद्यालय भी नई ऊंचाइयों की तरफ अग्रसर रहा। 

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