अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:आजकल के तकनीकी के दौर में टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग बढ गया है। जिससे साइबर ठग तकनीकी का गलत उपयोग कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। जिनके मामले फरीदाबाद में भी सामने आ रहे हैं। ऐसे ही डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने के एक मामले में साइबर थाना एनआईटी की टीम ने दो आरोपित रोनक व कृष्णा को गिरफ्तार किया है। मामले में पहले 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि साइबर थाना एनआईटी में सेक्टर 46, फरीदाबाद निवासी एक महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि वह सतरूपा ग्लोबल डिक्शनरी एंड पब्लिशिंग (ओपीसी) लिमिटेड कंपनी की मालिक है, दिनांक 29 सितंबर को उसके फोन पर एक कॉल आया। कॉल करने वालो ने एक-एक करके बात की और कॉल को कई व्यक्तियों को अग्रेषित किया, जिन्होंने शिकायतकर्ता से कहा कि उसकी कम्पनी खाता से अवैध पैसे का लेन-देन है और ठगों ने उसके व्हाट्सएप पर अवैध पैसे के लेन-देन बारे एक नोटिस भेजा। नोटिस पढ़ने के बाद वह परेशान और भयभीत हो गई, क्योंकि कोई भी दावा सच नहीं था। जिसके बाद ठग लगातार शिकायतकर्ता को वीडियो कॉल करते रहे तथा धमकी देते थे कि वह किसी को भी स्थिति के बारे खुलासा ना करे और ना ही अपना कमरा छोडे,अपने नौकरों को निकाल दे । ठग लगातार वीडियो कॉल के ज़रिए शिकायत कर्ता पर निगरानी करते रहे और हर समय चेहरा देखते रहे। ठगों ने महिला को डरा धमका कर 1,03,70,000/-रूपए अपने खाता में ट्रांसफर करवा लिए। जिनकी शिकायत साइबर थाना एनआईटी में मामला दर्ज किया गया। मामले में कार्रवाई करते हुए साइबर थाना एसआईटी की टीम ने आरोपित रौनक (35) निवासी राजकोट व कृष्णा (29) निवासी भावनगर गुजरात को राजकोट गुजरात से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में सामने आया कि आरोपित रौनक दसवी पास है और सब्जी मंडी में दुकान लगाता है तथा खाताधारक है तथा उस के खाता में मामले से जुड़े 16 लाख रूपये आए थे और वहीं आरोपित कृष्णा 12th पास है तथा यह पुरानी गाड़ियों की खरीद बेच का काम करता है और यह खाता में आए पैसों को निकलवा कर आगे देता था।आरोपितों को अधिक पूछताछ के लिए 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। मामले में 12 आरोपितों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है।
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