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हमारे स्कूलों का मुकाबला अब निजी स्कूलों या देश के अन्य स्कूलों से नहीं बल्कि दुनिया के स्कूलों से है-मनीष सिसोदिया


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने रोहिणी सेक्टर- 11 स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में स्टेट लेवल मेंटल मैथ कम्पटीशन 2022-23 में शामिल होकर विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। साथ ही उन्होंने छात्रों को ऐसी प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक भाग लेने के लिए प्रेरित किया। मेंटल मैथ प्रतियोगिता के साथ-साथ विद्यालय में टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मटेरियल) प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली सरकार के स्कूल के शिक्षकों द्वारा बनाए गए गणित के विभिन्न शैक्षिक मॉडल प्रदर्शित किए गए।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने छात्रों को संबोधित करते हुए और उन्हें प्रेरित करते हुए कहा, “मैं दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्रों के गणितीय और तार्किक कौशल को देखकर चकित हूं। शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित मेंटल मैथ प्रतियोगिता बिना किसी कैलकुलेटर के मन में ही गणना करने की आदत डालने की दिशा में एक बहुत ही अभिनव कदम है। इससे छात्र अधिक तत्पर, आत्मविश्वासी और मानसिक रूप से चुस्त बनेंगे। उन्होंने कहा कि आज आयोजित मेंटल मैथ  प्रतियोगिता में हमारे छात्रों के प्रदर्शन से पता चलता है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्र अब किसी से कम नहीं हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजी, हिन्दी और इतिहास जैसे अन्य विषयों की तरह गणित भी उतना ही मनोरंजक है और इस तरह की प्रतियोगिताएं इसे और मजेदार बनाती हैं। “छात्र अक्सर गणित से डरते हैं लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे भी छात्र है जो इससे डरते नहीं है बल्कि इसका आनंद भी लेते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में गणित सीखने के लिए इस तरह के मस्ती भरे माहौल की पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, लेकिन हमारे छात्रों और शिक्षकों ने इसे अब एक वास्तविकता बना दिया है,”।उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और उन्हें अपने दैनिक जीवन में गणना करने में अधिक तत्पर बनाती हैं। इससे छात्रों को गणित के डर को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह विषय आपके करियर बनाने का प्रवेश द्वार या विज्ञान की दुनिया में प्रवेश करने का प्रवेश द्वार नहीं है। यह आपके अपने जीवन में प्रवेश करने का प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा कि यह मानव मस्तिष्क के तारों को सक्रिय करता है और आपको अधिक तार्किक और नवीन रूप से सोचने पर मजबूर करता है।सिसोदिया ने कहा, “अब शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर, बेहतरीन शिक्षक व टैलेंटेड बच्चों के साथ दिल्ली सरकार के स्कूलों की प्रतिस्पर्धा निजी स्कूलों या देश के अन्य स्कूलों से नहीं बल्कि दुनिया के स्कूलों से है। हमारे दिल्ली सरकार के स्कूलों में ऐसा माहौल बनाने का हमारा दृढ़ संकल्प है, जो किसी भी टॉप क्लास प्राइवेट स्कूल के छात्र को दिया जाता है। अब जबकि हमारे पास विश्व स्तरीय स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर है, हमारे छात्र निजी स्कूलों के छात्रों के बराबर हैं, हमारे शिक्षक वहां के शिक्षकों के बराबर हैं, यह दुनिया के स्कूलों को चुनौती देने का समय है। क्विज प्रतियोगिता के साथ-साथ स्कूलों में एक टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मटेरियल) का भी आयोजन किया गया, जहां शिक्षकों ने विषय पर विभिन्न नवीन मॉडलों का प्रदर्शन किया, जिनका उपयोग वे कक्षाओं में पढ़ाते समय करते हैं।

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