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हरियाणा: राज्य सरकार के सुपर-100 कार्यक्रम, जिसके तहत इस साल हरियाणा के 25 छात्रों को आईआईटी में प्रवेश मिला।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: राज्य सरकार के सुपर-100 कार्यक्रम, जिसके तहत इस साल हरियाणा के 25 छात्रों को आईआईटी में प्रवेश मिला है, की सफलता को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने आज सुपर-100 कार्यक्रम के तहत कोचिंग सेंटरों की संख्या दो से बढ़ाकर चार करने की घोषणा की है। वर्तमान में हरियाणा के पंचकूला और रेवाड़ी में दो कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए कोलैटरल-फ्री लोन की सुविधा प्रदान करने की भी घोषणा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पैसों की कमी के कारण छात्रों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े। मनोहर लाल आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम में आईआईटियंस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री  कंवर पाल भी उपस्थित थे।         
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों के माध्यम से कोलैटरल-फ्री लोन प्राप्त करने के लिए छात्र को हरियाणा का मूल निवासी होना जरूरी है और वह देश में कहीं भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ विदेशों में भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने का लाभ उठा सकता है। उन्होंने कहा कि छात्र या उसके परिवार पर लोन का बोझ न पड़े, इसके लिए राज्य सरकार ऋण के लिए गारंटी देगी। हालांकि, छात्र द्वारा शिक्षा पूरी करने और रोजगार प्राप्त करने के बाद ऋण की अदायगी किश्तों में की जाएगी। देश के प्रमुख संस्थानों में से एक, आईआईटी में प्रवेश पाने वाले छात्रों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने छात्रों से समाज , प्रदेश व देश की प्रगति के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इनकी सफलता अन्य छात्रों को भी जीवन में बेहतर प्रदर्शन करने और सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि सुपर-100 कार्यक्रम वर्ष 2018 में शुरू किया गया था, जिसके तहत रेवाड़ी और पंचकुला में केंद्र स्थापित किए गए थे। आईआईटी  जैसे प्रमुख संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए सरकारी स्कूलों के वंचित मेधावी छात्रों को इन केंद्रों में कोचिंग दी जाती है। सरकारी स्कूल के छात्र जो कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करते हैं, उन्हें लिखित परीक्षा और विशेष स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरने के बाद जेईई और नीट परीक्षा के लिए विशेष कोचिंग दी जाती है। छात्रों के छात्रावास, भोजन और स्टेशनरी का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा के लिए माहौल तैयार किया है। छात्रों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है, बल्कि उन्हें विशेष कोचिंग भी दी जा रही है ताकि वे देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में प्रवेश ले सकें। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने हाल के वर्षों में शिक्षा की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं, जिसके तहत बेटियों की शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य में प्रत्येक 15 किलोमीटर की दूरी पर एक महिला कॉलेज स्थापित करने की व्यवस्था की गई है।         

उन्होंने शिक्षा में नो-डिटेंशन पॉलिसी को छात्रों के लिए बड़ी हानि बताते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने शिक्षा की इस प्रणाली का हमेशा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति -2020 में विभिन्न नए सुधारों को शामिल किया गया है जो छात्रों के हित में है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में छात्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बाधा उत्पन्न करने वाली सभी अड़चनों को दूर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले छह वर्षों में राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी भर्ती प्रणाली के परिणामस्वरूप शिक्षा के प्रति छात्रों की रुचि काफी बढ़ी है और सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति भी उनका विश्वास बढ़ा है। वर्तमान राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और क्षेत्रवाद को समाप्त कर दिया है जो पहले की सरकारों के शासनकाल में प्रचलित था। इसके अलावा, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की श्रेणी 3 और 4 की सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया को समाप्त भी कर दिया गया है। साथ ही, भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता की गुंजाइश को कम करने के हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा भरे गए पदों के लिए साक्षात्कार के अंक 25 से कम करके 12.5 प्रतिशत किए गए हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री  कंवर पाल ने कहा कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि इस वर्ष हरियाणा के 25 छात्रों को आईआईटी में प्रवेश मिला है। उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धि राज्य के अन्य छात्रों को भी नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने सुपर -100 कार्यक्रम के तहत कोचिंग सेंटरों की संख्या दो से बढ़ाकर चार करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  महावीर सिंह, निदेशक माध्यमिक शिक्षा  जे. गणेशन, पुलिस महानिदेशक  मनोज यादव, एडीजीपी सीआईडी  आलोक मित्तल, एसपी सुरक्षा  पंकज नैन और सलाहकार सार्वजनिक सुरक्षा, शिकायत, सुशासन और इंचार्ज, सीएम विंडो अनिल कुमार राव उपस्थित थे।

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