अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
एक युवती को चलती कार में बलात्कार के झूठा मुकदमा थाना डीएलएफ फेज -2 , गुरुग्राम में दर्ज कराने के आरोप में पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया है। इस महिला ने जुलाई -2025 में एक मुकदमा थाना सेक्टर -14, गुरुग्राम में आरोपित महिला ने दर्ज करवाया था। गिरफ्तार किए गए महिला ने थाना डीएलएफ फेज -2,गुरुग्राम में दर्ज मुकदमे में जॉब इंटरव्यू के बहाने बुलाकर चलती कार में बलात्कार करने का गंभीर आरोप लगाए थे, जोकि पुलिस जांच में बिल्कुल झूठा निकला। और अब पुलिस ने शिकायतकर्ता महिला को चलती कार में बलात्कार करने का झूठा मुकदमा दर्ज कराने के जुर्म में गिरफ्तार किया है।
पुलिस प्रवक्ता ने आज जानकारी देते हुए बताया कि थाना डीएलएफ फेज-2, गुरुग्राम की पुलिस टीम को एक युवती स्थाई पता राजस्थान वर्तमान निवासी दिल्ली ने दिनांक 11-12-2025 को एक लिखित शिकायत के माध्यम से बताया कि उसने एक ऑनलाइन Job Portal पर नौकरी हेतु प्रोफाइल बनाई थी। इसी दौरान एक मोबाइल नंबर से संपर्क करके दिनाँक 15.11.2025 को दिन के समय 2 बजे उसे नौकरी के इंटरव्यू के बहाने एमजी रोड मेट्रो स्टेशन पर बुलाया गया। एक युवक ने ऑफिस की गाड़ी बताकर उसे गाड़ी में बैठाया, गाड़ी को अजय नामक एक अन्य युवक चला रहा था। ये लोग पहले उसे इंटरव्यू कराने के लिए एमजीएफ मेट्रोपोलिटन मॉल ले गए, फिर वापस गाड़ी में बैठकर उसके साथ गाड़ी में दुष्कर्म किया गया और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। प्राप्त शिकायत पर पुलिस थाना डीएलएफ फेज – 2, गुरुग्राम में धारा 351(3), 64(1), 79 बीएनएस के तहत मुकदमा अंकित किया गया।उनका कहना है कि अनुसंधान के दौरान पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल, समय, कॉल डिटेल, तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज तथा अन्य तथ्यों का विश्लेषण किया गया। जांच में यह तथ्य सामने आया कि आरोपित जितेंद्र उर्फ़ बिट्टू ने शिकायतकर्ता/पीड़िता के साथ मिलकर पूर्व नियोजित योजना के तहत झूठी व मनगढ़ंत कहानी तैयार कर रुपये ऐंठने और आरोपित बिट्टू के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मुकदमा की पीड़िता पर दबाव बनाने के उद्देश्य से उस मुकदमा कि पीड़िता के पति के खिलाफ वह मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस जांच में शिकायतकर्ता/पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी, बल्कि उपलब्ध साक्ष्यों से यह स्पष्ट हुआ कि मामला पूरी तरह से झूठा और तथ्यहीन है।

उनका कहना है कि पुलिस टीम द्वारा उपरोक्त मुकदमा में उपरोक्त धाराओं को तर्क (हटाकर) करके आरोपित युवती के खिलाफ मुकदमा में धारा 308 (2), 308 (4), 3(5), 217, 61 BNS ईजाद (जोड़ी) की गई।उपरोक्त मुकदमा में शिकायतकर्ता द्वारा फर्जी मुकदमा दर्ज कराने के आरोप में शिकायतकर्ता युवती को दिनांक 14.12.2025 को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया तथा आरोपित युवती को दिनांक 15.12.2025 को अदालत के समक्ष पेश करके 2 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया।उनका कहना है कि आरोपित महिला से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उसने अभिषेक नामक युवक के खिलाफ माह जुलाई-2025 में उसके साथ दुष्कर्म करने का एक मुकदमा थाना सेक्टर-14, गुरुग्राम में अंकित कराया था। जिसमें अभिषेक नामक आरोपित जेल में बंद है। जेल में बंद आरोपित अभिषेक ने उसको शादी करने के लिए हां की तो वह (आरोपित युवती) उससे बातचीत करने लगी। अभिषेक की मुलाकात जेल में एक बिट्टू नामक व्यक्ति से हुई। बिट्टू जमानत पर जेल से बाहर आ गया और अभिषेक के कहने पर वह (आरोपित युवती) बिट्टू से मिली और बिट्टू के कहे अनुसार उसने रुपए ऐंठने के इरादे से उपरोक्त मुकदमा की झूठी वारदात को अंजाम दिया। उसने (आरोपित युवती) ने उपरोक्त मुकदमा में जिस व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म करने के आरोप लगाए है, उस व्यक्ति की पत्नी द्वारा बिट्टू के खिलाफ थाना सोहना में दुष्कर्म करने का मुकदमा अंकित कराया हुआ है, जिस मामले में पहले जितेंद्र उर्फ़ बिट्टू पुत्र ऋषि निवासी गांव पावटा जिला फरीदाबाद, जेल में बन्द था। जितेंद्र उर्फ़ बिट्टू ने बदला लेने के लिए , अपने मुकदमा की पीड़िता पर दबाव बनाने के लिए तथा रुपए ऐंठने के लिए उक्त आरोपित युवती के साथ योजना बनाई और योजनानुसार उपरोक्त झूठा मुकदमा अंकित कराया। उपरोक्त आरोपित युवती के रिकॉर्ड के अवलोकन से यह भी ज्ञात हुआ कि उक्त युवती द्वारा बलात्कार का एक अन्य मुकदमा माह जुलाई-2025 में थाना सेक्टर-14, गुरुग्राम में भी दर्ज कराया गया था।
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