अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: स्कूलों को तकनीकी शिक्षा देने के साथ छात्रों को राष्ट्रवादी संस्कारों की घुट्टी भी छात्रों को पिलानी होगी। ये विचार उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने होटल रेडिसन में हुए वर्ल्ड एजुकेशन कॉनक्लेव में व्यक्त किए । आईएमएसएमई ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में विपुल गोयल ने कहा कि आज शिक्षा में सुधार के लिए हमारे सामने मुख्य रूप से तीन चुनौतियां हैं। नंबर एक शिक्षा को रोजगार परक कैसे बनाया जाए। कैसे छात्रों को नैतिक मूल्य आधारित शिक्षा दी जाए। तीसरी चुनौती है शिक्षा के माध्यम से सबको समान अवसर उपलब्ध कराना। उन्होने कहा कि शिक्षा को रोजगार परक बनाने के लिए कि छात्रों को नंबर गेम से बाहर निकालकर स्किल डेवलेपमेंट पर ध्यान देना जरूरी है और सरकार स्किल डेवलेपमेंट सेंटर्स के माध्यम से अपने स्तर पर कोशिशें कर रही है लेकिन हमें स्कूलों को भी नई टेक्नोलोजी के हिसाब से अपग्रेड कर युवाओं का सर्वांगीण विकास करना होगा। विपुल गोयल ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं कि दुनिया आज भारत के युवाओं की प्रतिभा का लोहा मानती है। गूगल,माइक्रोसॉफ्ट,फेसबुक और तमाम बड़ी कंपनियां भारतीयों के हुनर से चल रही हैं। लेकिन हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता की पहचान बनाए रखनी है तो हमें मशीनें नहीं राष्ट्र प्रथम की सोच वाले युवा तैयार करने होंगे। छात्रों को टैक्नोलोजी की जानकारी देने के साथ संस्कार और नैतिक मूल्यों की घुट्टी भी पिलानी होगी। हम पूरी तरह पश्चिमी सभ्यता का अनुसरण करेंगे तो हमारा क्या रह जाएगा। साथ ही सबका साथ,सबका विकास के नारे को चरितार्थ करने के लिए जरूरी है कि अमीर गरीब सभी छात्रों को शिक्षा का समान अवसर मिले। इसके लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को मिलकर काम करना होगा ताकि सरकारी स्कूलों का स्तर भी ऊंचा उठ सके। तकनीक,कला और खेलों के साझा कार्यक्रम और सेमिनार आदि के ज्यादा से ज्यादा संयुक्त कार्यक्रम आयोजित करने होंगे ताकि छात्र प्रति स्पर्धा के साथ एक दूसरे से सीख सकें। विपुल गोयल ने कहा कि शिक्षा कोई व्यापार नहीं है ,शिक्षण संस्थान भारत के भविष्य का निर्माण करते हैं उन्होने स्कूल प्रबंधकों और कॉन्क्लेव में मौजूद प्रधानाचार्यों से आह्वान किया कि वो ऐसे भारत का निर्माण करें जिसमें छात्र माउस के भी मास्टर बनें तो मानवीय मूल्यों में भी आगे रहें।इस कॉन्क्लेव में आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला,दिलीप चिनॉय,आतिशी मरलोना,कर्नल वीके गौड़,अरविंद झा,दीपक मंडोक,राजुल प्रताप और प्रदीप कुमार जैसी शिक्षा और तकनीकी संस्थानों से जुड़ी बड़ी हस्तियों समेत फरीदाबाद के कई बड़े शिक्षण संस्थानों के प्रबंधको और प्रधानाचार्यों ने शिरकत की।