संवाददाता : बच्चों में भाषा और व्यक्तित्व विकास में कहानी की विधा को एक सशक्त माध्यम माना गया है। इस उद्देश्य से मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों में पिछले वर्ष 29 नवंबर से कहानी उत्सव की शुरूआत की गई। कहानी उत्सव के माध्यम से कक्षा एक से ही बच्चों को कहानी सुनने, बोलने और पढ़ने के अवसर प्रदान किये गये। कहानी उत्सव स्कूल शिक्षा विभाग के एक लाख 14 हजार सरकारी स्कूलों में मनाया गया। राज्य में 3099 जन शिक्षा केन्द्रों में 9297 और इतने ही 9297 बच्चों और शिक्षकों का चयन कहानी सुनाने के लिये जिला स्तर पर किया गया।जन शिक्षा केन्द्र में कहानी सुनाने की विधा के आधार पर 322 विकासखण्ड में 966 बच्चों और इतने ही 966 शिक्षकों का चयन जिला स्तर की कहानी प्रतियोगिता के लिये किया गया। जिला स्तर पर हुई प्रतियोगिता में 51 शिक्षक और 51 बच्चों का चयन राज्य-स्तर पर होने वाली कहानी प्रतियोगिता के लिये किया गया । राज्य-स्तरीय कहानी उत्सव 20 और 21 फरवरी को भोपाल में होगा। 20 फरवरी को जिले में चयनित प्रतिभागी कहानी सुनायेंगे। राज्य-स्तर पर चयनित प्रतिभागी 21 फरवरी साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत जयंती और विश्व मातृभाषा दिवस पर कहानी सुनायेंगे। अनुशासन, एकाग्रता, भाषा विकास, इतिहास बोध, लोक संस्कृति से परिचय के लिये कहानी विधा श्रेष्ठ मानी गई है। कहानी उत्सव का उद्देश्य बच्चों में पढ़ने के प्रति रूचि जागृति करने और पढ़ना उनकी आदत में शामिल, हो इस उद्देश्य से किया गया।
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