अजीत सिन्हा/ नई दिल्ली
गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आज कर्नाटक के बगलकोट में आयोजित कार्यक्रम में कई किसान हितैषी परियोजनाओं का शुभारंभ एवं शिलान्यास किया। कर्नाटक सरकार में मंत्री मुरुगेश आर निरानी की अध्यक्षता वाले समूह एमआरएन की किसान-हितैषी परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने के बाद किसानों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बगलकोट जिले के करकलमट्टी गांव में केदारनाथ शुगर एंड एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड की इथेनॉल परियोजना का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने एलई अस्पताल के एडवांस्ड स्टिमुलेशन सेंटर का भी उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने बेलगावी के जेएनएमसी ग्राउंड में आयोजित विशाल रैली को संबोधित किया। कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री जी बी. एस. येदियुरप्पा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील,उप-मुख्यमंत्री गोविंद करजोल , उप-मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह, कर्नाटक सरकार में गृह मंत्री जगदीश शेट्टार, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं कर्नाटक की सह-प्रभारी डॉ डीके अरुणा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि एवं कर्नाटक सरकार के कई मंत्री और पार्टी पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
साथ ही, पंचायत चुनावों में पार्टी के जीते हुए सभी प्रतिनिधि भी उपस्थित थे जिनके अभिनंदन समारोह हेतु इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया था। ज्ञात हो कि गृह मंत्री दो दिवसीय प्रवास पर कर्नाटक में हैं। अपनी यात्रा के पहले दिन, शनिवार को उन्होंने कर्नाटक के शिवमोगा में भद्रावती रैपिड एक्शन फोर्स सेंटर की आधारशिला रखी थी। शाह ने कहा कि हाल ही में कर्नाटक में संपन्न स्थानीय निकाय के चुनाव में 5670 ग्राम पंचायतों में से भारतीय जनता पार्टी को 3142 सीटों पर विजयश्री मिली है जबकि 86,183 पंचायत सदस्यों में से 43,000 से ज्यादा भाजपा के उम्मीदवार विजयी हुए हैं। मैं चुनाव में विजयी सभी भाजपा प्रतिनिधियों का हार्दिक अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में सर्वप्रथम पूर्व केंद्रीय रेल राज्य मंत्री स्वर्गीय सुरेश अंगड़ी और पार्टी के वरिष्ठ नेता राजू चिकनगोडर (जिला महामंत्री, बेलगांव),रवि हीरेमठ (जिला सह संगठन मंत्री) को श्रद्धांजलि दी। जनता को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार किसानों के कल्याण के लिए काम करने हेतु प्रतिबद्ध है। कृषि सुधार कानूनों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों की आय को कई गुना बढ़ाने में मदद करेंगे। मैं कहना चाहता हूं कि अगर केंद्र सरकार की कोई बड़ी प्राथमिकता है तो वह किसानों की आय को दोगुना करना है। उन्होंने कहा कि जब प्रधान मंत्री जी किसानों की आय को दोगुना करने की बात करते थे तो कांग्रेस के नेता हँसते थे, तंज कसा करते थे लेकिन नरेन्द्र मोदी जी ने विगत छः वर्षों में ही किसानों के हित में कई कदम उठा कर यह चरितार्थ कर दिया कि मोदी सरकार किसानों के लिए समर्पित सरकार है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस की यूपीए सरकार सत्ता में थी तो कृषि बजट केवल 21,933 करोड़ रुपये का था लेकिन मोदी सरकार में 2020-21 में कृषि बजट बढ़ कर 1,34,399 करोड़ रुपये का हो गया है। इतना ही नहीं चाहे मक्का हो, चावल हो, गेहूं हो या दलहन व तिलहन, लगभग सभी फसलों की एमएसपी को मोदी सरकार ने लागत का डेढ़ गुना या उससे भी अधिक किया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में देश के हर किसान के बैंक एकाउंट में सालाना 6,000 रुपये की कृषि सहायता सीधे हस्तांतरित की जा रही है। दिसंबर 2020 तक देश के 9 करोड़ से अधिककिसानों के एकाउंट में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि के तौर पर 1,13,619 करोड़ रुपये की राशि पहुंचाई जा चुकी है। इसके अतिरिक्त केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने करोड़ों मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किये हैं और लगभग 50 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के अंतर्गत लाया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा के पांच वर्ष पूरे हो रहे हैं और इन पांच वर्षों में प्रधानमंत्री फसल बीमा के तौर पर किसानों को लगभग 90 हजार करोड़ रुपये का क्लेम दिया जा चुका है। लगभग ,से अधिक मंडियों को ऑनलाइन कर किसानों के लिए मुक्त मार्केट की व्यवस्था की गई है ताकि उन्हें उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले। कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान किसानों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए केवल 6 लाख करोड़ रुपये की राशि निर्धारित थी जबकि मोदी सरकार ने इसे बढ़ा कर 13.92 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। यही बताता है कि मोदी सरकार किसानों की भलाई के लिए किस तरह प्रयत्नशील है। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने 10 हजार से ज्यादा FPOs का गठन किया है जिसके लिए लगभग 7,000 करोड़ रुपये
से अधिक की राशि आवंटित की गई है। केवल छः महीने में डेढ़ करोड़ से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये गए और शहद उत्पादन के लिए 500 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं।