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स्वास्थ्य हरियाणा

डाक्टरों, नर्सों व पैरामैडीकल स्टाफ को अपडेट व अपग्रेड करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा- अनिल विज

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजाना नई-नई चीजें आ रही हैं और सरकार में कार्यरत डॉक्टरों, नर्सों व पैरामेडिकल स्टाफ को अपडेट व अपग्रेड करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके लिए एक प्रशिक्षण दस्तावेज तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के साथ-साथ मैडीकल कॉलेजों में कार्यरत सभी डाक्टरों, नर्सों व पैरामैडीकल स्टाफ के लिए भी अनिवार्य होगा। विज ने आज यहां स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इसी प्रकार, उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत कर्मियों जैसे कि डाक्टर, नर्स, सेवादार इत्यादि को वर्दी पहनाना अनिवार्य होगा ताकि मरीजों को अस्पताल से संबंधित कर्मियों की जानकारी रहे। इसके लिए आज श्री विज ने अधिकारियों को दिशा- निर्देश दिए हैं कि इस वर्दी हेतू एक बेहतरीन डिजाइन तैयार करवाया जाए।

विज ने डॉक्टर द्वारा किए जा रहे प्रिसक्रिप्शन के संबंध में कहा कि सरकारी डॉक्टरों द्वारा प्रत्येक मरीज को दिए जा रहे प्रिसक्रिप्शन का डाटा इंटीग्रेट होना चाहिए और मरीज का कार्ड बनें तथा नियमित मरीज की जांच हो और इस संबंध में एक पुख्ता सिस्टम तैयार किया जाए। इससे जहां, मरीज का डाटा रखने की सुविधा रहेगी और उसका रिकार्ड तुरंत एक क्लिक पर उपलब्ध होगा तो वहीं अस्पताल व मैडीकल कालेज को अपने स्टॅाक को अपडेट करने में भी मदद मिलेगी।उन्होंने हेल्थ लेबोरेटरी को इंटीग्रेटिड करने के निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए और कहा कि आने वाले सालों में हरियाणा में इंटीग्रेटेड हेल्थ लेबोरेटरी होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि हेल्थ लेबोरेटरी में नवीनतम उपकरणों को लगाया जाए और इन लैबोरेटरीज को एनएबीएच से पंजीकृत भी कराया जाना चाहिए। श्री विज ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एनएबीएल के प्रावधानों/विनिर्देशों को ध्यान में रखते हुए गैप को पूरा करें और इसके लिए एक निर्धारित लक्ष्य होना चाहिए।विज ने कहा कि हमें अस्पतालों में किचन व मरीजों की डाइट के लिए व्यापक योजना तैयार करनी होगी और इसके लिए सभी गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा अस्पतालों में दी जा रही किचन सेवा हेतु डाइटिशन को नियुक्त करना होगा। इस पर, अधिकारियों ने श्री विज को अवगत कराया कि मेडिकल कॉलेजों में 85 रूपए में मरीजों को तीन समय का भोजन दिया जाता है और यह डाइटिशियन से अनुमोदित होता है। विज ने कहा कि इसी प्रकार, राज्य के अस्पतालों में भी डाइटीशियन चार्ट के अनुसार मरीजों को भोजन वितरित होगा।

 बैठक में स्वास्थ्य केंद्रों के पुराने भवनों के नवीनीकरण पर भी  विज ने कहा कि 162 हैल्थ सेंटरों को नवीनतम तरीके से बनाया जाएगा इसके लिए बडी व दिग्गज कंपनियों को काम सौंपा जाएगा ताकि निर्धारित समय अवधि में काम को पूरा किया जा सके। इसी प्रकार, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग के भवनों के नवीनीकरण, मरम्मत व निर्माण इत्यादि के लिए स्वास्थ्य विभाग व मैडीकल एजूकेशन विभाग इंजीनियरिंग ब्रांच का गठन करें। इसके अलावा, अस्पताल आर्किटेक्ट को भी नियुक्त किया जाए ताकि अस्पतालों की जरूरत के अनुसार निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढाया जा सकें और कोई कमी न रहें।  उन्होंने कहा कि हमें ऐसे भवन तैयार करने चाहिए जो अन्य राज्यों के लिए उदाहरण हों। श्री विज ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को अंबाला में बनाए जाने वाले टीबी अस्पताल में हो रही देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से कहा कि एनीमिया मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश के प्रमुख लोगों से आह्वान किया जाए कि वे इस अभियान में बढ़चढ़कर भाग लें। बैठक में बताया गया कि 17 जिलों में सीटी स्कैन की मशीन संचालित है जबकि अन्य शेष जिलों में यह मशीन लगा दी जाएगी। इसी प्रकार, एमआरआई की पांच जिलों में संचालित हैं इस पर मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एमआरआई की मशीनें अन्य जिलों में जल्द से जल्द लगाई जाए। ऐसे ही, अल्ट्रासाउंड 22 जिलों मंे संचालित हैं और पीपीपी मोड पर 111 अल्ट्रासाउंड मशीनें संचालित की जाएगी। बैठक में मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीएचसी स्तर पर ईसीजी की सर्विस एक जैसी देने पर एक प्रस्ताव तैयार किया जाए। बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री  अनिल विज ने कहा कि हरियाणा राज्य में पीएसए प्लांट पूरी तरह से संचालित होने चाहिए और सुरक्षित भी होने चाहिए। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पर्याप्त संख्या में अनुभवी व प्रशिक्षित कर्मियों की डयूटी रोटेशन के अनुसार लगाए। विज ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक 50 बिस्तर से अधिक वाले अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में पीएसए से संबंधित कर्मियों की नियुक्ति हो और वहां पर एक डेडिकेटेड होटलाईन भी होनी चाहिए तथा बैकअप भी होना चाहिए।  इसके अलावा, प्रत्येक प्लांट में ड्यूटी देने वाले कर्मियों की सूची नंबर सहित चस्पा होनी चाहिए। विज ने कहा कि इन प्लांटों में सिलेंडर भरने की सुविधा भी होनी चाहिए। बैठक में मंत्री को अवगत कराया गया कि मेडिकल कॉलेजों में 14000 लीटर क्षमता के पीएसए प्लांट स्थापित किए गए हैं। बैठक के दौरान विज ने कहा कि अवसादग्रस्त (डिप्रेशन) वाले मरीजों की सुविधा के लिए मनोवैज्ञानिक काउंसलर की नियुक्ति होनी चाहिए और इसके लिए पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के साथ हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग का समझौता हुआ है जिसके तहत पीजीआई के डॉक्टर अपनी सेवाएं हरियाणा के मरीजों को देेगें। विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 100 बिस्तर से ऊपर वाले सभी अस्पतालों में नशा-मुक्ति (डी-एडिक्शन)  केन्द्र होने चाहिए। बैठक में नेगलिजेंस बोर्ड के संबंध में उन्होंने कहा कि इस प्रथम अपीलीय प्राधिकरण के गठन हेतु कानूनी राय ली जाए। इसी प्रकार, एचआरएमएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अधिकारियों व कर्मचारियों के विस्तृत जानकारी भी बैठक में साझा की गई। विज ने कहा कि हरियाणा में सभी अस्पतालों को एनएबीएच सूचीबद्ध करने के लिए निर्देश दिए गए जिसके तहत राज्य के 500 से अधिक अस्पतालों ने एनएबीएच सूची में अपना पंजीकरण कराया ताकि ये अस्पताल राज्य के निवासियों को गुणवत्तापरक सेवाएं प्रदान कर सकें। इसी प्रकार, उनके कार्यकाल में डब्ल्यूजीएमपी दवाओं को खरीदने का भी एक अभूतपूर्व फैसला किया गया और आज हरियाणा के अस्पतालों में गुणवत्तापरक दवाएं मरीजों को वितरित की जा रही है। ऐसे ही, यूएसए एफडीए प्रमाणित उपकरण खरीदने से अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के 22 जिलों में से 20 जिलों में डायलिसिज सेवाएं दी जा रही हैं तथा कुरुक्षेत्र में यह सेवा हाल ही में शुरू हुई हैं और चरखी-दादरी में भी यह सेवा शुरू होनी चाहिए। डायलिसिस के संबंध में  विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे डायलिसिस सेंटरों की सख्ती से निगरानी करें और उनके द्वारा अपनाई जा रही सुविधा गुणवत्तापरक होनी चाहिए। रेफरल मैकेनिज्म के संबंध में विज को अवगत कराया गया है कि अब डॉक्टर द्वारा मरीज को रेफर करने पर कारण बताना होगा, ऐसा प्रावधान किया गया है अर्थात कोई भी अपनी डयूटी अब आलस्य नहीं अपना पाएगा।अटल कैंसर केयर सेंटर, अंबाला में पेट-स्कैन मशीन में एक डेडिकेटेड डॉक्टर को तैनात किया जाना चाहिए ताकि मरीजों व डॉक्टर के बीच सामंजस्य रहे। इसी प्रकार, अस्पतालों में स्थापित ब्लक बैंक में कंपोनेंट सेपरेटर होना चाहिए, इस पर अधिकारियों ने मंत्री को अवगत कराया कि राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों में यह सैपरेटर लगा दिए गए हैं तथा 12 जिलों के जिला नागरिक अस्पतालों में यह सैपरेटर लगा दिए गए हैं। बैठक में बताया गया कि 17 अक्तूबर से 1 नवंबर, 2022 तक बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए रक्तदान अमृत महोत्सव के दौरान 696 कैंप लगाए गए थे जिसमें 18596 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया।

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