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दिल्ली राष्ट्रीय वीडियो हाइलाइट्स

ये नया भारत है, ये किसी की परमाणु धमकियों से डरता नहीं है, ये नया भारत है, घर में घुसकर मारता है-प्रधानमंत्री मोदी


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
दिल्ली: मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, यहां के मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्र में मेरी सहयोगी बहन सावित्री ठाकुर, देश के कोने-कोने से इस कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे सभी केंद्रीय मंत्री, राज्यों के गवर्नर, राज्यों के मुख्यमंत्री गण, मंच पर उपस्थित अन्य सभी महानुभाव और देश के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!मैं ज्ञान की देवी और धार भोजशाला की मां वाग्देवी के चरणों में नमन करता हूं। आज कौशल और निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती है। मैं भगवान विश्वकर्मा को नमन करता हूं। अपने कौशल से राष्ट्र निर्माण में लगे करोड़ों भाइयों और बहनों को भी मैं आज विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में भी आदर पूर्वक प्रणाम करता हूं।साथियों,धार की ये धरती हमेशा से पराक्रम की धरती रही है, प्रेरणा की धरती रही है। महाराजा भोज का शौर्य हमें…शायद वहां या तो सुनाई नहीं देता है, या तो दिखाई नहीं देता है। अरे आप कितने ही दूर क्यों ना हो, आपके दिल की बात मैं तो समझ ही लेता हूं । जो यहां के टेक्नीशियन होंगे, वे अगर उनको कोई मदद कर सकते हैं, तो करें, otherwise तो ये मध्य प्रदेश के लोग हैं, बहुत ही डिसिप्लिन होते हैं। असुविधा होगी, तो भी सहन करने का स्वभाव मध्य प्रदेश का रहा है, और यहां भी मुझे दर्शन हो रहे हैं।

साथियों,
महाराजा भोज का शौर्य हमें राष्ट्र गौरव की रक्षा के लिए डटे रहने की सीख देता है। महर्षि दधीचि का त्याग हमें मानवता की सेवा का संकल्प देता है। इसी विरासत से प्रेरणा लेकर आज देश मां भारती की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमारी बहनों-बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था, हमने ऑपरेशन सिंदूर करके आतंकी ठिकानों को उजाड़ दिया है। हमारे वीर जवानों ने पलक झपकते ही पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। अभी कल ही देश और दुनिया ने देखा है, फिर एक पाकिस्तानी आतंकी ने रो-रोकर अपना हाल बताया है।
साथियों,
ये नया भारत है, ये किसी की परमाणु धमकियों से डरता नहीं है, ये नया भारत है, घर में घुसकर मारता है।
साथियों,
आज 17 सितंबर को एक और ऐतिहासिक अवसर है। आज ही के दिन देश ने सरदार पटेल की फौलादी इच्छाशक्ति का उदाहरण देखा था। भारतीय सेना ने हैदराबाद को अनेकों अत्याचारों से मुक्त कराकर, उनके अधिकारों की रक्षा करके भारत के गौरव को पुन: प्रस्थापित किया था। देश की इतनी बड़ी उपलब्धि को, और उस उपलब्धि को, सेना के इतने बड़े शौर्य को, कई दशक बीत गए, कोई याद करने वाला नहीं था, लेकिन आपने मुझे मौका दिया, हमारी सरकार ने 17 सितंबर, सरदार पटेल, हैदराबाद की घटना, उसको अमर कर दिया है। हमने भारत की एकता के प्रतीक इस दिन को हैदराबाद लिबरेशन डे के तौर पर मनाने की शुरुआत की है। और आज हैदराबाद में बड़े शान से लिबरेशन डे का कार्यक्रम भी किया जा रहा है। हैदराबाद लिबरेशन डे हमें प्रेरणा देता है, मां भारती की आन-बान-शान से बड़ा कुछ भी नहीं, हम जिएं तो देश के लिए, हमारा हर पल समर्पित हो देश के लिए।

साथियों,
देश के लिए मर-मिटने की सौगंध लेकर हमारे स्वतंत्रता सेनाओं ने अपना सब कुछ देश के नाम समर्पित कर दिया था। उन सभी का सपना था- ‘विकसित भारत’, वो चाहते थे गुलामी की जंजीरों को तोड़कर भारत तेज गति से आगे बढ़े। आज इसी प्रेरणा से भारत के हम 140 करोड़ लोगों ने विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। और विकसित भारत की इस यात्रा के चार सबसे प्रमुख स्तंभ हैं- भारत की नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीब और किसान। आज यहां इस कार्यक्रम में विकसित भारत के इन चारों स्तंभों को नई मजबूती देने का काम हुआ है। यहां बड़ी संख्या में मेरी माताएं-बहनें-बेटियां आई हैं। आज के आयोजन में नारी शक्ति का बहुत ध्यान रखा गया है। ये कार्यक्रम तो धार में हो रहा है, लेकिन ये कार्यक्रम पूरे देश के लिए हो रहा है, पूरे देश में हो रहा है, पूरे देश की माताओं-बहनों के लिए हो रहा है। यहां से ‘स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार’ एक महा अभियान का आरंभ हो रहा है। देवी वाग्देवी के आशीर्वाद से इससे बड़ा काम क्या हो सकता है।
साथियों,
देशभर में अलग-अलग चरणों में ‘आदि सेवापर्व’ की गूंज पहले से ही सुनाई दे रही है। आज से इसका मध्य प्रदेश संस्करण भी प्रारंभ हो रहा है। ये अभियान, धार समेत एमपी के हमारे जनजातीय समाज को विभिन्न योजनाओं से सीधे जोड़ने का सेतु बनेगा।
साथियों,
विश्वकर्मा जयंती के दिन आज एक बड़ी औद्योगिक शुरुआत भी होने जा रही है। देश के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क का शिलान्यास यहाँ हुआ है। इस पार्क से भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को नई ऊर्जा मिलेगी। किसान को उसकी उपज का सही मूल्य मिलेगा, और मेरे लिए खुशी की बात है, सिर्फ यहां धार में ही नहीं, पूरे देश में लाखों किसान अभी हमारे साथ इस कार्यक्रम में जुड़े हुए हैं।साथियों,ये पीएम मित्र पार्क से, ये टेक्सटाइल पार्क से, सबसे बड़ा लाभ हमारे युवकों को, युवतियों को बहुत बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। मैं इन परियोजनाओं और अभियानों के लिए सभी देशवासियों को बधाई देता हूँ। मध्य प्रदेश को विशेष बधाई देता हूं।
साथियों,
हमारी माताएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति राष्ट्र की प्रगति का मुख्य आधार हैं। हम सब देखते हैं, घर में अगर माँ ठीक रहती है, तो पूरा घर ठीक रहता है।लेकिन साथियों,अगर मां बीमार हो जाए, तो परिवार की सारी व्यवस्थाएं चरमरा जाती हैं। इसीलिए, ‘स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार’ ये अभियान माताओं-बहनों को समर्पित है, उन्हीं के उज्ज्वल भविष्य के लिए है। हमारा मकसद है- एक भी महिला, जानकारी या संसाधनों के अभाव में गंभीर बीमारी का शिकार न हो। ऐसी बहुत सारी बीमारियाँ होती हैं, जो चुपचाप आती हैं, और पता न चलने के कारण धीरे-धीरे बहुत बड़ी बन जाती हैं, जीवन और मृत्यु का खेल शुरू हो जाता है। ऐसी बीमारियाँ, जिनका महिलाओं में सबसे ज्यादा खतरा है, ऐसी बीमारियों को शुरुआती दौर में ही, उसको पकड़ना बहुत जरूरी है। इसलिए इस अभियान के तहत बीपी हो, डायबिटीज हो, एनीमिया-टीबी हो, या कैंसर जैसी भयंकर बीमारी की संभावना हो, इन सबकी जांच की जाएगी। और मेरी माताओं-बहनों, देशभर की मेरी माताओं-बहनों, आपने मुझे हमेशा बहुत कुछ दिया है। आपके आशीर्वाद ही तो मेरा सबसे बड़ा रक्षा कवच है। देश की कोटि-कोटि माताएं-बहनें बढ़-चढ़कर के मुझ पर अपने आशीर्वाद देती रही है। लेकिन माताओं- बहनों, आज 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती पर मैं आपसे कुछ मांगने आया हूं, देश भर की माताओं- बहनों से मैं आज कुछ मांगने आया हूं। माताएं-बहनें जरा मुझे बताएं? आप मुझे देंगे कि नहीं देंगे? जरा हाथ ऊपर करके बताइए, वाह सबके हाथ ऊपर हो रहे हैं। मैं आपसे यही मांगता हूं कि आप संकोच किए बिना इन कैंप में जाकर के जांच जरूर करवाएं। एक बेटे के नाते, एक भाई के नाते, मैं आपसे इतना तो मांग सकता हूं ना? मेरा यही आपसे कहना है, इन स्वास्थ्य कैंपों में, इन सारी जाँचों के लिए कितनी ही महंगी क्यों न हो जांच, आपको एक नया पैसा नहीं देना पड़ेगा। कोई फीस नहीं होगी। जांच भी मुफ्त होगी, इतना ही नहीं, दवाई भी मुफ्त होगी। आपके उत्तम स्वास्थ्य से सरकारी तिजोरी की ज्यादा कीमत नहीं है, ये तिजोरी आपके लिए है, माताओं-बहनों के लिए है। और आगे के इलाज में आयुष्मान कार्ड का सुरक्षा कवच आपको बहुत काम आयेगा ।ये अभियान आज से शुरू होकर 2 अक्टूबर विजयादशमी तक विजयी होने के संकल्प के साथ 2 सप्ताह चलने वाला है। मैं फिर से एक बार देशभर की माताओं, बहनों, बेटियों से आह्वान करूंगा, आप हमेशा अपने घर परिवार की चिंता में लगी रहती हैं। थोड़ा समय अपने स्वास्थ्य के लिए भी जरा निकालिए। आप ज्यादा से ज्यादा संख्या में इन कैंपों में जाइए, लाखों कैंप लगने वाले हैं। आज भी लाख एकाध कैंप के अंदर लोगों ने अपनी जांच करवाना ऑलरेडी शुरू कर दिया है। अपने क्षेत्र की बाकी महिलाओं को भी आप ये जानकारी जरूर पहुंचाइए। और हर माता-बहनों को कहना कि अपने मोदी  धार आए थे, अपना बेटा धार आया था, अपना भाई धार आया था, और उसने आकर के हमको जांच कराने के लिए कहा है। सबको जरूर बताइए। हमें संकल्प लेना है, कोई मां छूट न जाए, कोई बेटी पीछे ना रह जाए।साथियों,माताओं-बहनों-बेटियों का स्वास्थ्य ये हमारी प्राथमिकता है। गर्भवती महिलाओं और बेटियों के सही पोषण के लिए भी हमारी सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। आज से हम आठवें राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत कर रहे हैं। विकसित होते भारत में हमें माता मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को भी जितना कम कर सकते हैं, करना ही है। इसी उद्देश्य से हमने 2017 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू की थी। इस योजना में पहली संतान होने पर पाँच हज़ार रुपये और दूसरी बेटी के जन्म पर छह हज़ार रुपये सीधे बैंक खाते में दिए जाते हैं। अब तक साढ़े चार करोड़ गर्भवती माताओं को मातृ वंदना योजना का लाभ मिल चुका है। और अब तक 19 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक, कुछ लोगों को तो ये आंकड़ा क्या होता है, वही समझ नहीं आएगा। 19 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि मेरी माताओं-बहनों के बैंक खाते में पहुंच चुकी है। आज भी एक ही क्लिक से 15 लाख से ज्यादा गर्भवती माताओं को, अभी जो मैंने यहां क्लिक किया ना, मदद भेज दी गई है। 450 करोड़ से ज्यादा रुपये आज इसी धार की धरती से उनके खाते में जमा हो गए हैं।
साथियों,
आज मैं मध्यप्रदेश की धरती से एक और अभियान की चर्चा करना चाहता हूँ। आप जानते हैं, हमारे आदिवासी इलाकों में सिकल सेल अनीमिया एक बहुत बड़ा संकट होता है। हमारी सरकार आदिवासी भाई-बहनों को इस बीमारी से बचाने के लिए राष्ट्रीय मिशन चला रही है। इस मिशन की शुरुआत हमने 2023 में मध्य प्रदेश के शहडोल से ही की थी। और शहडोल में ही हमने सिकल सेल स्क्रीनिंग का पहला कार्ड दिया था। और आज मध्यप्रदेश में ही सिकल सेल स्क्रीनिंग का 1 करोड़वां कार्ड वितरित हुआ है। ये जो बेटी आई थी ना अभी मंच पर उसको जो कार्ड दिया, वो कार्ड एक करोड़वां कार्ड था, और ये मैं मध्य प्रदेश की बात कर रहा हूं। अब तक इस अभियान के तहत पूरे देश में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। सिकल सेल स्क्रीनिंग से हमारे आदिवासी समाज के लाखों लोगों का जीवन सुरक्षित हुआ है, और बहुत लोगों को इसका पता नहीं होगा।
साथियों,
जिस काम के पीछे हम लगे हुए हैं, वो आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद बनने वाला है। जिनका अभी जन्म भी नहीं हुआ है ना, आज हम उनके लिए काम कर रहे हैं, क्योंकि आज जो पीढ़ी है, वो स्वस्थ हो जाएगी, तो भविष्य में उनके संतान स्वस्थ होने की गारंटी बन जाएगी। मैं हमारी आदिवासी माताओं-बहनों से विशेष रूप से आग्रह करूंगा, आप सिकल सेल एनीमिया की जांच जरूर कराएं।
साथियों,
मेरा हमेशा प्रयास रहा है कि माताओं-बहनों का जीवन आसान बनाऊं, उनकी मुश्किलें कम करूं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने करोड़ों शौचालय, उज्ज्वला योजना के जरिए दिए गए करोड़ों मुफ्त गैस कनेक्शन, घर-घर पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन, 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा देने की आयुष्मान योजना, इन सभी ने माताओं-बहनों के जीवन की मुश्किलें कम की हैं, और उनका स्वास्थ्य भी बेहतर बनाया है। और जहां, यहां पर इतनी बड़ी मात्रा में भाई साहब भी है, आपके परिवार में भी मां है, बहन है, बेटी है। मैं भाइयों से भी कहूंगा कि आप भी मेरा साथ दीजिए और माताओं-बहनों-बेटियों का स्वास्थ्य का परीक्षण जरूर करवाएं।
साथियों,
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, दुनिया के लोग जब इसके आंकड़े सुनते हैं ना, गरीब कल्याण अन्न योजना के, उनकी आंखें फटी की फटी रह जाती है, इतनी बड़ी संख्या। मुफ्त राशन की योजना ने कोरोना के कठिन समय में गरीब मां के घर का चूल्हा बुझने नहीं दिया था दोस्तों। आज भी इस योजना के तहत मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। पीएम आवास योजना के तहत भी जो करोड़ों घर दिए गए हैं, उनमें से ज्यादातर महिलाओं के ही नाम पर हैं।साथियों,हमारी सरकार का बहुत जोर बहनों-बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त करने पर भी है। हमारी करोड़ों बहनें मुद्रा योजना के जरिए लोन लेकर नए व्यापार कर रही हैं, नए उद्योग लगा रही हैं।
साथियों,
हमारी सरकार 3 करोड़ ग्रामीण बहनों को, गांव में रहने वाली माताओं-बहनों को, 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने के अभियान में जुटी है। और मैं बड़े गर्व से कह सकता हूं कि इस अभियान में जो सफलता मिली है, इतने कम समय में अब तक करीब-करीब दो करोड़ बहनें लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। हम महिलाओं को बैंक सखी और ड्रोन दीदी बनाकर उन्हें ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र में ला रहे हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के जरिए महिलाएं नई क्रांति कर रही हैं।भाइयों-बहनों,पिछले 11 वर्षों में गरीब कल्याण, गरीब की सेवा, उसके जीवन में बेहतरी, ये हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है। हमारा मानना है, देश तभी आगे बढ़ेगा, जब देश का गरीब गरीबी से बाहर निकल करके तेज गति से आगे बढ़ेगा। और हमने देखा है, गरीब की सेवा कभी बेकार नहीं जाती है। गरीब को बस थोड़ा सा सहारा मिल जाए, थोड़ी मदद मिल जाए, वो अपनी मेहनत से समंदर को पार करने की हिम्मत भी रखता है। गरीब के इन जज़्बातों को, उसकी भावनाओं को मैंने खुद जिया है। इसलिए गरीब की पीड़ा मेरी अपनी पीड़ा है। गरीब की सेवा ही मेरे जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। इसलिए हमारी सरकार गरीब को केंद्र में रखकर निरंतर योजनाएं बना रही है, उन पर काम कर रही है।
साथियों,
सातत्यपूर्ण रीति से, समर्पण भाव से और पवित्र मन से ये काम करने के कारण हमारी नीतियों का परिणाम आज दुनिया के सामने है। यहां बैठे हुए हर व्यक्ति को गर्व होगा कि पिछले 11 साल के लगातार पुरुषार्थ के कारण, परिश्रम के कारण आज देश के 25 करोड़ लोग गरीबी के जीवन से बाहर आ गए हैं। हमारे पूरे समाज को एक नया आत्मविश्वास मिला है।
साथियों,
हमारी सरकार के ये सारे प्रयास केवल योजनाएं नहीं हैं, ये गरीब मां-बहन-बेटी की जिंदगियों, उनकी जिंदगी को बदलने वाली मोदी की गारंटी हैं। गरीब के चेहरे पर मुस्कान लाना, माताओं-बहनों की गरिमा को सुरक्षित करना, यही मेरी पूजा है, यही मेरा प्रण है।साथियों,मध्य प्रदेश में माहेश्वरी वस्त्रों की पुरानी परंपरा रही है। देवी अहिल्याबाई होलकर ने माहेश्वरी साड़ी को नया आयाम दिया था। कुछ ही समय पहले, हमने अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती मनाई है। अब धार में पीएम मित्र पार्क के जरिए, एक प्रकार से हम देवी अहिल्याबाई की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। पीएम मित्र पार्क में बुनाई के लिए जरूरी सामान, जैसे कपास और रेशम आसानी से उपलब्ध होगा। क्वालिटी चेक आसान होगी। मार्केट तक पहुँच बढ़ेगी। यहां पर स्पिनिंग होगी, यहीं डिजाइनिंग होगी, यहीं प्रोसेसिंग होगी और यहीं से निर्यात होगा। यानि दुनिया के बाजार में मेरा धार भी चमकने वाला है। यानि अब कपड़ा उद्योग की पूरी वैल्यू चेन एक ही जगह पर उपलब्ध होगी। टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए हमारी सरकार जिस 5F विज़न पर काम कर रही है, 5F, पहला है farm, दूसरा है fibre, तीसरा है factory, चौथा है fashion, और इसलिए farm से fibre, fibre से factory, factory से fashion, और fashion से foreign, ये foreign तक का सफर जल्दी और आसानी से पूरा होगा।
साथियों,
मुझे बताया गया है कि धार के इस पीएम मित्र पार्क में करीब 1300 एकड़ जमीन, 80 से ज्यादा यूनिट्स को आबंटित भी कर दी गई है। यानी यहां जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का काम और फैक्ट्री बनाने का काम, दोनों एक साथ चलेगा। इस पार्क में रोजगार के 3 लाख नए अवसर भी बनेंगे। और एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा, logistic cost पर, पीएम मित्र पार्क से सामान इधर से उधर ले जाने की लागत कम होगी, Manufacturing की लागत कम होगी, हमारे products सस्ते बनेंगे, और दुनिया में और ज्यादा competitive होंगे। इसलिए मैं एमपी के लोगों को, खासकर के मेरे किसान भाई-बहनों को और मेरे नौजवान युवा-युवतियों को पीएम मित्र पार्क की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारी सरकार देश में ऐसे 6 और पीएम मित्र पार्क बनाने जा रही है।
साथियों,
आज देशभर में विश्वकर्मा पूजा का उत्सव भी मनाया जा रहा है। साथ ही ये पीएम विश्वकर्मा योजना की सफलता का उत्सव मनाने का भी समय है। मैं देश भर के अपने विश्वकर्मा भाइयों-बहनों, जिनमें सुतार है, लोहार है, सोनार है, कुम्हार है, बढ़ई है, मिस्त्री है, कसेरा-ताम्रकार, कांशिकार, हाथ के हुनर से कमाल करने वाले ऐसे अनेक लोग शामिल हैं, उनको विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूं। ये आप ही हैं जो मेक इन इंडिया की बड़ी ताकत है। आपके बनाए उत्पाद, आपकी कला से ही गांव हो या शहर रोज़मर्रा की ज़रूरत पूरी होती है। मुझे ये संतोष है कि पीएम विश्वकर्मा योजना ने इतने कम समय में 30 लाख से ज्यादा कारीगरों और शिल्पकारों की मदद की है। इस योजना से उन्हें स्किल ट्रेनिंग मिली, उन्हें डिजिटल मार्केटिंग और मॉडर्न टूल्स से जोड़ा गया। 6 लाख से ज्यादा विश्वकर्मा साथियों को नए उपकरण दिए गए। अब तक 4 हजार करोड़ से अधिक का लोन विश्वकर्मा भाइयों-बहनों तक पहुंच चुका है।साथियों,पीएम विश्वकर्मा योजना का सबसे बड़ा लाभ समाज के उस तबके को हुआ है, जिन्हें दशकों तक अनदेखा किया गया था। हमारे गरीब विश्वकर्मा भाई-बहनों के पास हुनर तो था, लेकिन पिछली सरकारों के पास उनके हुनर को आगे बढ़ाने का कोई प्लान नहीं था, उनका जीवन बेहतर बनाने की कोई योजना नहीं थी। हमने उनकी प्रतिभा को उनकी प्रगति का माध्यम बनाने के रास्ते खोले। इसलिए ही तो मैं कहता हूं- जो पिछड़ा है, वो हमारी प्राथमिकता है।
साथियों,
हमारा धार श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे की जन्मभूमि भी है। उन्होंने राष्ट्र प्रथम की भावना से अपना पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया था। मैं आज उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। राष्ट्र प्रथम की ये भावना, देश को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रेरणा है।साथियों,ये समय त्योहारों का समय है, और इस समय आपको स्वदेशी का मंत्र भी लगातार दोहराना है, अपने जीवन में उतारना है। मेरी आप सबसे करबद्ध प्रार्थना है, 140 करोड़ देशवासियों से मेरी प्रार्थना है, आप जो भी खरीदें, वो देश में ही बना होना चाहिए। आप जो भी खरीदें, उसमें पसीना किसी न किसी हिंदुस्तानी का होना चाहिए। आप जो भी खरीदें, उसमें मिट्टी की महक मेरे हिंदुस्तान की मिट्टी की महक होनी चाहिए। और मैं, मेरे व्यापारी भाइयों से आज आग्रह से कहना चाहता हूं, आप भी देश के लिए मेरी मदद कीजिए, देश के लिए मेरा साथ दीजिए, और मैं मदद देश के लिए चाहता हूं आपसे, क्योंकि मुझे 2047 तक विकसित भारत बनाकर रहना है। और उसका रास्ता आत्मनिर्भर भारत से जाता है, और इसलिए मेरे सारे छोटे-मोटे सभी व्यापारी भाई-बहन, आप जो भी बेेचे, वो हमारे देश में बना हुआ ही होना चाहिए। महात्मा गांधी ने स्वदेशी को आज़ादी का माध्यम बनाया था। अब हमें स्वदेशी को विकसित भारत की नींव बनाना है। और ये काम कैसे होगा? ये तब होगा, जब हम अपने देश में बनी हुई हर चीज पर गर्व करेंगे। हम छोटी से छोटी चीज भी खरीदें, हम बच्चों के लिए खिलौने खरीदें, दीवाली की मूर्तियाँ खरीदें, घर को सजाने के लिए समान खरीदें, या मोबाइल, टीवी, फ्रिज जैसी कोई बड़ी चीज खरीदें, हमें सबसे पहले देखना चाहिए कि क्या ये हमारे देश में बना है क्या? इसमें मेरे देशवासियों के पसीने की सुगंध है कि नहीं है, क्योंकि, जब हम स्वदेशी खरीदते हैं, तो हमारा पैसा देश में ही रहता है। हमारा पैसा विदेश जाने से बचता है। वही पैसा फिर से देश के विकास के काम आता है। उस पैसे से सड़कें बनती हैं, गांव के स्कूल बनते हैं, गरीब विधवा माताओं को मदद मिलती है, प्राथमिक चिकित्सालय बनते हैं, वही पैसा गरीब कल्याण की योजनाओं के काम आता है, आप तक पहुंचता है। मेरे मध्यम वर्ग के भाई-बहनों के जो सपने हैं, मेरे मध्यमवर्गीय नौजवानों के जो सपने हैं, उन सपनों को बहुत पूरा करने के लिए तो बहुत धन की जरूरत है। और ये हम इन छोटी-छोटी चीजों को करके, पूरा कर सकते हैं। हमारी जरूरत की चीजें जब देश में बनती हैं, तो उससे जो रोजगार पैदा होता है, वो भी हमारे देशवासियों को मिलता है।इसलिए, अब जब 22 सितंबर से नवरात्रि के पहले दिन से GST की कम दरें भी लागू होने जा रही हैं, तो हमें स्वदेशी चीजें ही खरीदकर इसका लाभ उठाना है। हमें एक मंत्र याद रखना है, और मैं तो चाहता हूं हर दुकान पर लिखा रहना चाहिए, मैं तो राज्य सरकार का भी कहूंगा, अभियान चलाइए, हर दुकान पर बोर्ड होना चाहिए, गर्व से कहो- ये स्वदेशी है! मेरे साथ बोलेंगे?, आप सब मेरे साथ बोलेंगे? मैं कहूंगा गर्व से कहो, आप कहेंगे, ये स्वदेशी हैं। गर्व से कहो- ये स्वदेशी है, गर्व से कहो- ये स्वदेशी है, गर्व से कहो- ये स्वदेशी है, गर्व से कहो- ये स्वदेशी है, गर्व से कहो- ये स्वदेशी है।साथियों,इसी भाव के साथ, आपको फिर से अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। और मैं, मेरी वाणी को विराम देता हूं। बोलिए- भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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