अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:ग्रीन फिल्ड कालोनी में दो ऐसे अनमोल रत्न हैं जब भी शहर के मरीजों को ब्लड की जरुरत होती हैं, उसके लिए सदैव तैयार रहते हैं। जी हैं बात कर रहे हैं प्रदीप चौधरी और डा. निर्मल राणा की। बीते करीब 25 सालों में इन दोनों ने 129 यूनिट से अधिक ब्लड डोनेट कर चुके हैं और अब उनकी उम्र करीब 45 साल से अधिक हो चुकी हैं,अब शरीर पहले जैसा हैं नहीं, इस लिए उन्होनें मस्त मलग ग्रुप के साथ जुड़ गए हैं और रक्तदान शिविर लगाना शुरू कर दिया हूँ,ताकि जरुरत मंद लोगों के लिए ज्यादा -ज्यादा ब्लड इक्ठा किया जा सकें। इसी क्रम में स्वतंत्रता दिवस के दिन ओमेक्स क्लब में एक रक्दान शिविर का आयोजित की गई थी जिसमें 30 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया था जिसे ब्लड बैंक में जमा करा दिया गया हैं।
प्रदीप चौधरी ने बातचीत के दौरान कहा कि वह ग्रीन फिल्ड कालोनी के प्लाट न. 1014 ,ब्लॉक बी के दूसरी मंजिल पर रहते हैं और वह एक निजी कंपनी के इंजीनियरिंग विभाग में हेड हैं। उनके परिवार में इस वक़्त कुल 4 लोग हैं जिनमें उनकी धर्मपत्नी सुनैना चौधरी,बड़ा बेटा लक्ष्य,15 साल व छोटा बेटा भव्य,10 साल हैं.उनका कहना हैं कि उनकी मम्मी अंग्रेजो देवी (38) की मौत 1992 में बिमारी के कारण हुई थी जब वह हॉस्पिटल के एमरजेंसी वार्ड में भर्ती थी तो उस दौरान डॉक्टरों ने दो यूनिट ब्लड देने के लिए उनके पिता सतबीर चौधरी को बोला था.उस वक़्त मेरी उम्र तक़रीबन 17-18 साल की रही होगी। दो यूनिट ब्लड के लिए उनके पिता सतबीर चौधरी को तक़रीबन 50 -60 लोगों के पास जाना पड़ा था और इस दौरान उनकी मेहनत और चेहरे पर बहते हुए पसीनों को नजदीक से देख कर काफी दुःख होता था। क्यूंकि वह कुछ भी नहीं कर सकते थे ,क्यूंकि वह नाबालिग थे।
इस लिए वह ब्लड डोनेट नहीं कर सकते थे। उनका कहना हैं कि छोटे से उम्र में अपनी मां अग्रेजों देवी को बीमारी के कारण मरते हुए देखा हैं। इसके करीब दो 2-3 सालों के बाद से ही उन्होनें ब्लड डोनेट करना शुरू कर दिया। इसके बाद उनपर ऐसा जनून चढ़ा कि साल में 3 से 4 बार ब्लड डोनेट करना शुरू कर दिया। इस तरह से वह पिछ ले 25 -26 सालों में 79 यूनिट ब्लड डोनेट कर चुके हैं।
अब उनकी उम्र तक़रीबन 45 साल से अधिक हो चुकी हैं और पहले जैसा शरीर अब रहा नहीं, काम धंधे का दबाव भी रहता हैं। इस लिए वह ग्रीन फिल्ड कालोनी की मस्त मलग ग्रुप से अपना नाता जोड़ लिया हूँ और उनके साथ मिल कर अब रक्तदान शिविर लगाना शुरू कर दिया हूँ। इसी क्रम में उन्होनें स्वतंत्रता दिवस के दिन ओमेक्स क्लब में एक रक्तदान शिविर लगाया गया था
जिसमें कुल 30 यूनिट ब्लड एकत्रित की गई थी। इसी प्रकार डा. निर्मल सिंह राणा का कहना हैं कि वह भी ग्रीन फिल्ड कालोनी के प्लाट न.2762, ब्लॉक ए,दूसरी मंजिल पर अपने परिवार के साथ रहते हैं, वह भी पिछले 20 सालों में तक़रीबन 50 से अधिक यूनिट ब्लड डोनेट कर चुके हैं, अब वह भी ग्रीन फिल्ड कालोनी के मस्त मलग ग्रुप से जुड़ गए हैं और यह 10 लोगों का ग्रुप हैं जो समय समय पर रक्दान शिविर लगाते रहते हैं। इस ग्रुप से जुड़ने का खास मक़सद यहीं हैं जो कार्य 20 पहले शुरू किया था। आगे भी इस सिलसिले को बनाए रखे और जरुरत मंद लोगो के लिए ब्लड एकत्रित करते रहे। उन्हें अफ़सोस हैं कि इन दिनों जितने खून सड़कों बह रहे हैं उतना तो वह लोग इकठा नहीं कर पाते हैं, पर कोशिश जरूर कर रहे हैं खून का स्टॉक करने की,ताकि जरुरत मंद लोगों को समय पर खून आसानी से मिल सकें।