अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी जातिगत जनगणना का ऐतिहासिक निर्णय लेकर दूरदर्शी नेतृत्व का परिचय दिया है। यह निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम है जो समाज के सबसे वंचित और उपेक्षित वर्गों को उनके अधिकार और अवसर प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।मुख्यमंत्री ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक में यह बात कही। इस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों के पराक्रम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहसी नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी इस एक दिवसीय सम्मेलन में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” का मंत्र इस निर्णय में जीवंत रूप से प्रकट हुआ है।
यह कदम वंचित समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को समझने में मदद करेगा, जिससे उनकी शिक्षा, रोजगार और समग्र प्रगति के लिए लक्षित नीतियां बन सकेंगी। आपका यह प्रयास समाज के हर कोने तक विकास की रोशनी पहुंचाने की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से विभिन्न समुदायों की वास्तविक स्थिति का सटीक आकलन होगा, जिससे योजनाएं और अधिक प्रभावी होंगी। यह सरकार के विजन का हिस्सा है, जो हर भारतीय को समान अवसर और सम्मान प्रदान करने पर केंद्रित है। सरकार के इस कदम से समाज के सबसे कमजोर तबके का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा, जो जन-केंद्रित शासन का एक और उदाहरण है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार कर अपनी उदारता और दूरदर्शिता का परिचय दिया। यह कदम सिद्ध करता है कि सरकार सभी के विचारों का सम्मान करती है और देशहित में बड़े निर्णय लेने में सक्षम है और यह नेतृत्व भारत को वैश्विक मंच पर और गौरव दिलाएगा।नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लंबे समय तक जातिगत जनगणना के मुद्दे पर केवल राजनीति की, जिसके कारण समाज के वंचित वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया। इस मुद्दे को बार-बार टालकर और इसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करके, पार्टी ने सामाजिक न्याय की दिशा में न केवल प्रगति को रोका, बल्कि जातिगत आधार पर समाज में विभाजन को भी बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि इससे वंचित समुदायों को उनकी उचित हिस्सेदारी और सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न हुई, जिसका खामियाजा समाज के कमजोर वर्गों को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार ने उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पीएम आवास योजना और जन धन योजना जैसी क्रांतिकारी योजनाओं से गरीबों और वंचितों के प्रति अपनी संवेदनशीलता को बार-बार सिद्ध किया है। अब जातिगत जनगणना का यह निर्णय इन प्रयासों को और मजबूती देगा, जिससे समाज का हर तबका सरकार के कल्याणकारी शासन का लाभ उठा सकेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का वंचितों के प्रति योगदान का यह निर्णय भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। प्रधानमंत्री के इस ऐतिहासिक निर्णय ने सामाजिक न्याय और समानता के एक नए युग की शुरुआत की है। इससे भारत न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक और नैतिक रूप से भी सशक्त हो रहा है।
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