Athrav – Online News Portal
जरा हटके फरीदाबाद विशेष वीडियो

कंटेनमेंट जोन से ग्रीन फिल्ड  के बाहर आने की ख़ुशी में बिल्डरों ने कार्य शुरू करने पहले अपने साथी बिल्डरों का मुंह मीठा कराया, देखें वीडियो। 

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: कंटेनमेंट जॉन से ग्रीन फिल्ड कालोनी के बाहर आने की ख़ुशी में आज बिल्डरों ने एक- दूसरे का मुंह मीठा कराया। इसके बाद ग्रीन फिल्ड कालोनी में बिल्डरों ने आधे अधूरे पड़े निर्माण धीन बिल्डिंगों में कार्य शुरू किया हैं। आपको बतादें कि लॉकडाउन के दौरान इस कालोनी में गिने चुने कोरोना संक्रमित के मरीज मिले थे जो कि ठीक हो चुके हैं। इस कारण पिछले दो महीनों से ग्रीन फिल्ड कालोनी को कंटेनमेंट जॉन में जिला प्रशासन ने घोषित कर दिया था। इस कारण बीते दो महीने से यह कालोनी बिल्कुल बंद था। जिससे बिल्डरों और उनके साथ कार्य करने वाले लगभग 2000 से अधिक मजदूर परेशान थे और इनमें से अब 75 प्रतिशत मजदूर पलायन कर चुके हैं। उन्हें इस कालोनी से मजदूरों के जाने का बहुत दुख हैं। ‘अथर्व न्यूज़” ने इन सभी बिल्डरों के दो महीने पहले भी चेहरे देखें थे और अब दो महीने के बाद इन सभी बिल्डरों के चेहरे देखने को मिला जिसमें काफी फर्क था। मजदूरों के जाने का कारोबार के ठप्प होने का गम था पर इन सभी के चेहरों पर एक शानदार मुस्कान थी  और हिम्मत और हौसला था। यही सभी चीजें इस सभी बिल्डरों को एक दिन फिर से उचाईयों तक ले जाएगी। इस खबर में प्रकाशित वीडियो में आप स्वंय देख और सुन सकतें हैं। 

ग्रीन फिल्ड बिल्डर एंव प्रॉपर्टी डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान आकाश गुप्ता का कहना हैं कि पिछले दो महीने से ग्रीन फिल्ड कालोनी कंटेनमेंट जोन था। इस कारण से इस कालोनी में बिल्डरों के करीब 100 से लेकर 150 प्लाटों के ऊपर निर्माण कार्य चल रहे थे जोकि बिल्कुल रुक गई थी। दो महीने का वक़्त काफी लम्बा वक़्त था। खासतौर पर दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए। इन मजदूरों को रोकने के उद्देश्य से उन्होनें उनके खाने पीने की व्यवस्था भी की गई थी। वावजूद इसके लगभग 75 प्रतिशत मजदूर यहां से पलायन कर चुके हैं।

जिसका सभी बिल्डरों को काफी दुःख हैं। बुधवार को जिला प्रशासन ने इस कालोनी के कुछ हिस्सों को छोड़ कर बाकि सभी इलाकों को कंटेनमेंट जोन से बाहर कर दिया हैं। इस बात से वह लोग बहुत खुश हैं। आज अपने बिल्डर साथियों को मुंह मीठा करा कर एक फिर से आधे अधूरे पड़े निर्माणधीन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया हैं। वहीँ,इस एसोसिएशन के पूर्व प्रधान केशव अग्रवाल का कहना हैं कि चलती का नाम गाडी हैं रुक जाए तो ठेला गाडी हैं। अब इस ठेला गाडी को फिर से धक्का देकर स्टार्ट करेंगें। उन्होनें यह भी कहा कि यहां से लगभग 75 प्रतिशत मजदूरों का पलायन करना बहुत बड़ी क्षति हैं। जिसकी फिलहाल भरपाई करना बहुत ही मुश्किल हैं। इस दौरान जो नुकशान हुआ हैं का भरपाई आगे हो जाएगी पर इस वक़्त काम कराने के लिए मजदूर कहा से लाए ,इस मामले में जिला प्रशासन ने बहुत देर कर दी जो नहीं होना चाहिए था।  उधर , मजदूर भी आज काम मिलने के कारन बहुत खुश हैं। 

Related posts

फरीदाबाद: स्टेट अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट में रविंदर फागना की दो लड़कियों का चयन, रवाना

Ajit Sinha

फरीदाबाद:शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कोरोना योद्धाओं और विकास दुबे के गुर्गों पकड़ने वाले पुलिस कर्मियों को किया सम्मानित।

Ajit Sinha

फरीदाबाद: मोबाइल गेम खेल रहे नाबालिग भाई ने फोन नहीं दिया तो बहन ने उसकी गला घोंटकर की हत्या कर दी।

Ajit Sinha
//zaltaumi.net/4/2220576
error: Content is protected !!