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अपराध दिल्ली

डकैती और फायरिंग के सनसनीखेज मामले में शामिल आरोपित ,पीछे 10 वर्षो से गिरफ्तारी से बचने के लिए सुरक्षा गार्ड की नौकरी, पकड़ा गया।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम ने आज शुक्रवार को एक घोषित अपराधी जोकि गुरुग्राम के फर्रुखनगर में स्थित एक फैक्ट्री में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था, को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित का नाम भरत उर्फ मोनू (उम्र 35 वर्ष), निवासी नजफगढ़, दिल्ली है। यह अपराधी लगभग एक दशक से दो मामलों, डकैती और फायरिंग -में फरार था। ये मामले थाना नजफगढ़ और थाना जाफरपुर कलां में दर्ज हैं।और पहचान छुपाने के लिए सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था। 

डीसीपी क्राइम हर्ष इंदौरा ने आज जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता मुकेश, निवासी नजफगढ़ ने बताया कि वह मोबाइल वितरक है और 13.02. 20 12 को रात करीब 10:30 बजे जब वह अपने ऑफिस को बंद कर लौट रहा था, तो तीन अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर आए और बंदूक दिखाकर उसका मोबाइल लूट लिया। जब उसके कर्मचारी मदद के लिए आए तो उन्हें भी धमकाया गया। इस संबंध में एफआईआर संख्या 51/2012 धारा 382/356/34 आईपीसी के तहत थाना नजफगढ़ में दर्ज किया गया। दूसरी घटना में आरोपित  भरत ने अपने साथी अनिल के साथ एक मामूली झगड़े के दौरान अपने पड़ोसी सुरेंद्र पर फायरिंग कर दी थी। इन दोनों मामलों में आरोपित की गिरफ्तारी हुई थी लेकिन जमानत पर छूटने के बाद वह फरार हो गया और किसी भी अदालत की पेशी में शामिल नहीं हुआ। इसके चलते अदालत ने उसे दोनों मामलों में घोषित अपराधी (Proclaimed Offender) घोषित कर दिया।उनका कहना है कि हाल ही में अपराध शाखा को ऐसे आरोपितों  को पकड़ने का कार्य सौंपा गया है जो लंबे समय से फरार हैं और जिनके कारण न केवल जांच लंबित है बल्कि न्याय में भी देरी हो रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार टीम को इस दिशा में सक्रिय किया गया। प्रधान सिपाही शब्बीर खान को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली। इसके आधार पर उप निरीक्षक हितेश, सहायक उप निरीक्षक पवन और प्रधान सिपाही मंदीप के साथ एक टीम का गठन किया गया, जिसने 03.07.2025, गुरुवार  को गुरुग्राम के फर्रुखनगर इलाके में एक निजी वाहन के माध्यम से ऑपरेशन चलाया। यह इलाका एक औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण घनी आबादी वाला था, लेकिन कुछ घंटों की मेहनत के बाद टीम ने एक जापानी फैक्टरी के बाहर काम कर रहे सुरक्षा गार्ड के रूप में आरोपित  को चिन्हित कर लिया। दिल्ली में अपराध शाखा कार्यालय में लगातार पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि वह भरत उर्फ मोनू पुत्र राजबीर सिंह, निवासी- नजफगढ़, दिल्ली है। डकैती और फायरिंग से संबंधित मामलों की पुष्टि संबंधित थानों से की गई और यह प्रमाणित हुआ कि वह वर्षों से फरार था।आरोपित को बीएनएसएस 2023 की धारा 35(1)(d) के तहत औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार उसे गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी दी गई।
सुलझाए गए मामले:
1.प्राथमिकी संख्या 51/2012 धारा 382/356/34 आईपीसी, थाना नजफगढ़, दिल्ली
2.प्राथमिकी संख्या 94/2012 धारा 336/506 आईपीसी एवं 25/27 शस्त्र अधिनियम, थाना जाफरपुर कलां, दिल्ली
आरोपित  का प्रोफ़ाइल – भरत सिंह:
आरोपित का जन्म और पालन-पोषण नजफगढ़, दिल्ली में हुआ। बारहवीं कक्षा के बाद वह गलत संगत में पड़ गया और अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। पहले अपने साथियों के साथ लूट की और फिर गांव में एक मामूली बात पर अपने पड़ोसी पर गोली चला दी। पिछले कई वर्षों से वह दिल्ली और हरियाणा में छुपते हुए रह रहा था। करीब चार साल पहले वह गुरुग्राम आया और फरुखनगर के एक औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्टरी में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने लगा। उसने कभी अपने आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं किया और खुद को आर्थिक तंगी का शिकार बताता रहा।

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