Athrav – Online News Portal
दिल्ली नई दिल्ली

ऐसा लोकतंत्र हो, जहां शासन में जनता की प्रत्यक्ष भागीदारी हो:  अरविंद केजरीवाल 

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:हम लोकतंत्र के ऐसे स्वरूप की रिकल्पना करते हैं, जहां जनता की शासन में प्रत्यक्ष भागीदारी हो। वह बजट से लेकर नीति-निर्धारण में भागीदार हो सके। तभी वास्तविक तौर पर लोकतंत्र की परिकल्पना साकार हो सकती हैअभी लोकतंत्र तो है, लेकिन एक बार प्रतिनिधि का चुनाव करने के बाद जनता की भागीदारी खत्म हो जाती है।उसे लोकतंत्र में भागीदार बनने के लिए फिर पांच साल का इंतजार करना पड़ता है। यह कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का वह दिल्ली विधानसभा की  ओर से आयोजित कामनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन्स यूथ पार्लियामेंट को संबोधित कर रहे थें। जिसमें 24 राष्ट्रमंडल देशों के 47 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। जिसका  आयोजन दिल्ली विधानसभा के हॉल हुआ। इस दौरान  लोकसभा  अध्यक्ष ओम  बिरला, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, सीपीए की  अध्यक्ष  एमिलिया  लिफाका एवं विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अन्य देशों से आए प्रतिनिधियों का भारत व दिल्ली में बहुत गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। मुझे उम्मीद है कि आप दिल्ली में अच्छा महसूस कर रहे होंगे। मुझे बहुत खुशी है  कि इस कार्यक्रम  का आयोजन हमारे युवाओं को विभिन्न प्रक्रियाओं के बारे में बताने के लिए किया जा रहा है।जिससे उन्हें पता चलता है कि विधान सभा कैसे कार्य करती है, विधायिका कैसे कार्य करती है, संसद कैसे कार्य करती है। कुछ दिनों  पहले इसी  हॉल में हमने  दिल्ली के युवाओं के लिए भी इसी तरह का कार्यक्रम रखा था। दो-दिवसीय कार्यक्रम बहुत ही उपयोगी कार्यक्रम था। हमारे पास 24 देशों  के युवाओं के लिए  इस कार्यक्रम की मेजबानी करने का अवसर मिलना सम्मान की बात है। मुझे यकीन है कि वे  सभी प्रतिभागी जो अन्य देशों  से आए हैं, वे भारत में मौजूद  प्रक्रियाओं से बहुत जानकारी प्राप्त करेंगे, जोकि उनके देशों में भी किसी न किसी रूप में मौजूद हैं। 



मेरा मानना है कि लोकतंत्र एक स्थिर प्रक्रिया नहीं है, यह एक गतिशील प्रक्रिया है, यह मानव सभ्यता के चलते ही विकसित होती रहती है। आज जैसा कि  हम जानते हैं, हम राष्ट्रपति शासन के रूप के बारे में जानते हैं। भारत में लोकतंत्र का संसदीय स्वरूप है। विभिन्न देशों में इन दोनों सरकारों के दो या विभिन्न रूपों का मिश्रण है। लेकिन  ये दोनों ही लोकतंत्र के अप्रत्यक्ष रूप हैं, जहाँ लोग चुनाव करते हैं।

Related posts

हमारे संगठन के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है- प्रियंका गांधी को लाइव सुने इस वीडियो में

Ajit Sinha

लाइव वीडियो सुने: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इन कानूनों को रद्द नहीं करना चाहते थे-राहुल गांधी

Ajit Sinha

नर्सरी एडमिशन पर दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल सरकार को झटका

Ajit Sinha
//jouptath.net/4/2220576
error: Content is protected !!