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दिल्ली

कारण बताओ नोटिस के बाद गायब सर्विसेज सेक्रेटरी आशीष मोरे ड्यूटी पर अचानक हुए हाजिर


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:कई दिनों से गायब दिल्ली के सर्विसेज सेक्रेटरी आखिरकार आज सामने आ गए और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने पर सहमत हो गए। सर्विसेज मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा उनकी अनाधिकृत अनुपस्थिति के लिए स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद उनके व्यवहार में अचानक यह बदलाव आया। मंत्री द्वारा आशीष मोरे की जगह नए सर्विसेज सेक्रेटरी की नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं, जिसका उन्होंने अवहेलना की थी। निर्देश दिए जाने पर अपने सहयोगियों और परिवार के सदस्यों को छोड़कर आशीष मोरे रहस्यमय तरीके से दिल्ली सचिवालय से गायब हो गए थे। संबंधित अधिकारियों द्वारा संपर्क किए जाने पर उनकी पत्नी ने कहा था कि उन्हें उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद संपर्क से कट गए आशीष मोरे आखिरकार आज दोपहर अचानक सचिवालय स्थिति अपने दफ्तर में आए और कारण बताओ नोटिस मिलने की बात स्वीकार की। साथ ही उन्होंने सुप्रीम अदालत के निर्णय को मानने और नए सर्विसेज सेक्रेटरी की तैनाती को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाने की बात कही।बता दें कि सर्विसेज मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सर्विसेज सेक्रेटरी आशीष मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। मंत्री की ओर से यह कदम आशीष मोरे द्वारा सेक्रेटरी (सर्विसेज) की पोस्टिंग के संबंध में मंत्री के निर्देशों का पालन करने से इन्कार करने और बिना बताए कार्यालय से अनुपस्थित रहने के बाद उठाया गया था। बीते 11 मई 2023 को सर्विसेज मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आशीष मोरे को सर्विसेज (सेक्रेटरी) के पद पर वर्तमान पदाधिकारी का स्थानांतरण करने और उसकी जगह एक अन्य योग्य अधिकारी की पोस्टिंग के लिए फाइल तैयार करने का निर्देश दिया था। आशीष मोरे ने मंत्री को आश्वासन दिया था कि वे संबंधित फाइल को उस दिन दोपहर 3ः00 बजे से पहले पेश कर देंगे। लेकिन ऐसा करने के बजाय वे मंत्री या उनके कार्यालय को सूचित किए बिना सचिवालय से गायब हो गए। मंत्री और उनके कार्यालय ने आशीष मोरे से उनके कार्यालय और मोबाइल फोन नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने किसी कॉल का जवाब नहीं दिया। बाद में श्री मोरे ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। मंत्री ने उन्हें व्हाट्सएप मैसेज भी भेजे, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। उनके निवास पर एक आधिकारिक नोट भी भेजा गया, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। उनकी पत्नी बाहर आई और कहा कि वे आशीष मोरे के बारे में नहीं जानती हैं। बाद में यह नोट उन्हें ईमेल और व्हाट्सएप के जरिए भी भेजा गया।कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें 24 घंटे का समय दिया गया है। नोटिस में स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उनके खिलाफ एआईएस (डीएंडए) नियम 1969 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों शुरू न की जाए। जीएनसीटीडी की नाराजगी को उनके प्रदर्शन मूल्यांकन डोजियर में क्यों नहीं दर्ज किया जाए और काम के प्रति उनका रवैया, निर्णय लेने की क्षमता और उठाई गई चिंताओं को क्यों न दर्शाया जाए।

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