अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की तीव्र निंदा करते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलाने, पाकिस्तान को निर्णायक रूप से सबक सिखाने और आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए सरकार को हरसंभव समर्थन देने का प्रस्ताव पारित किया गया।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कार्यसमिति के अन्य सदस्य मौजूद रहे।बैठक के उपरांत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, सांसद सप्तगिरी उलाका और कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति ने बर्बर आतंकी हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के साथ एकजुटता और संवेदना व्यक्त की है।
कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया कि पूरा देश आज जवाबदेही, स्पष्टता और न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है। हमें राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर यह स्पष्ट संदेश देना होगा कि भारत एकजुट है और किसी भी परिस्थिति में उसकी एकता को कमजोर नहीं किया जा सकता। यह समय हमारे राष्ट्रीय संकल्प को प्रदर्शित करने का है, ताकि हम पाकिस्तान को सबक सिखा सकें और आतंकवाद पर निर्णायक रूप से लगाम लगा सकें। इस कायरतापूर्ण हमले के साजिशकर्ताओं और अपराधियों को उनके कृत्य के पूर्ण परिणाम भुगतने चाहिए।कांग्रेस ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह मजबूती, रणनीतिक स्पष्टता और अंतरराष्ट्रीय समन्वय के साथ कार्य करे, ताकि पाकिस्तान को हमारे देश में आतंक फैलाने के उसके निरंतर प्रयासों के लिए वैश्विक मंच पर अलग-थलग और दंडित किया जा सके।कांग्रेस कार्य समिति ने यह भी मांग की कि पीड़ित परिवारों को केवल मुआवजा पर्याप्त नहीं है, दीर्घकालिक पुनर्वास, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और शहीदों की स्मृति को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान और नागरिक स्मरण के माध्यम से जीवित रखना भी उतना ही आवश्यक है।कांग्रेस कार्यसमिति ने यह मांग दोहराई कि देश के अत्यंत सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्र में हुई इस घटना को सुरक्षा में गंभीर चूक मानते हुए उसकी समयबद्ध और स्पष्ट जवाबदेही तय की जाए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 12 साल पुरानी छत्तीसगढ़ की घटना को याद किया, जहां नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं को नाम पूछ-पूछ कर मारा था। उन्होंने कहा कि अब पहलगाम में भी धर्म पूछ कर लोगों को मारा गया है। दोनों घटनाओं में आतंक फैलाना उद्देश्य नहीं था, बल्कि सामाजिक स्तर पर गहरा प्रभाव छोड़ना था। लेकिन भारत की जनता एक साथ है पर सवाल है कि सरकार क्या निर्णय लेती और क्या कार्रवाई करती है। सचिन पायलट ने कहा कि यह पर्यटकों पर हमला नहीं, भारत पर हमला है। प्रधानमंत्री को भाषणों से नहीं, बल्कि कार्रवाई से जवाब देना चाहिए।वहीं चरणजीत सिंह चन्नी ने आतंकवाद को खत्म करने और देश की एकता व अखंडता को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा लिए जाने वाले किसी भी फैसले में कांग्रेस का समर्थन दोहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चट्टान की तरह सरकार के साथ खड़ी है।हाल ही में संसदीय समिति के हिस्से के रूप में इस क्षेत्र का दौरा करने वाले सांसद सप्तगिरी उलाका ने बताया कि इस घटना से तीन दिन पहले वह खुद वहां थे, उन्हें बताया गया था कि सब सुरक्षित है। उन्होंने खुफिया और सुरक्षा व्यवस्था की विफलता के बारे में गृह मंत्रालय से जवाब मांगा।वहीं जयराम रमेश ने आतंकी हमले और इस पर की जाने वाली कार्रवाई पर चर्चा व बहस के लिए संसद का तत्काल सत्र बुलाने की पार्टी की मांग दोहराई। उन्होंने प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों से कांग्रेस को निशाना बनाना बंद करने और इसके बजाय कुछ निर्णायक कार्रवाई करने को कहा।
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