अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नफरत को खत्म करने का सबसे शक्तिशाली तरीका प्यार और स्नेह का विचार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विरोधियों (भाजपा-आरएसएस) का दृष्टिकोण नफरत, डर और गुस्से से भरा हुआ है। राजनीतिक दृष्टिकोण प्रेम, स्नेह और उन लोगों की बात सुनने वाला होना चाहिए, जिनका हम प्रतिनिधित्व करते हैं।राहुल गांधी शनिवार को तेलंगाना के हैदराबाद में आयोजित भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए सभी का आभार भी प्रकट किया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि आज वैश्विक राजनीति में गहरा बदलाव आया है। पुरानी रणनीतियां अब प्रभावी नहीं रहीं। दस साल पहले जो नियम चलते थे, वे अब लागू नहीं होते।राहुल गांधी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले कांग्रेस पार्टी ने भी इस नई आक्रामक राजनीति में खुद को फंसा हुआ पाया। विपक्ष को कुचलने की प्रवृत्ति व मीडिया जैसे दूसरे सभी रास्ते बंद होने के कारण पार्टी उस तरह से काम नहीं कर पा रही थी, जैसा वह चाहती थी। इस चुनौती से निपटने के लिए कांग्रेस ने इतिहास से प्रेरणा लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4,000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने दो महत्वपूर्ण बातें सीखी। पहली, लोगों की बात को ध्यान से सुनने और समझने की अहमियत। यात्रा के दौरान उन्होंने पाया कि नेता बात करने में तो निपुण हैं, लेकिन गहराई से सुनने में विफल रहे हैं। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे विरोधी आज भी लोगों की बात सुनने में असफल हैं क्योंकि उनके पास पहले से ही सभी उत्तर हैं, जबकि सच्चे समाधान जनता के पास होते हैं।वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि इस यात्रा ने दूसरी बात उन्हें यह सिखाई कि राजनीति में लोगों के प्रति प्रेम व्यक्त करना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने लोगों से सीधे यह कहना शुरू किया कि वो जो कुछ भी कर रहे हैं, उसका कारण यह है कि उन्हें उनसे स्नेह और प्रेम है, तब से उनकी राजनीति पूरी तरह से बदल गई है व लोगों से जुड़ना उनके लिए बहुत आसान हो गया है।
राहुल गांधी ने इस शिखर सम्मलेन के शानदार आयोजन के लिए तेलंगाना सरकार का विशेष धन्यवाद किया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और विभिन्न देशों से आए कई प्रतिनिधियों ने भी शिखर सम्मेलन को संबोधित किया।
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