अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ,एजीएस की टीम ने आज नंदू गिरोह के सक्रिय सदस्य व एक कुख्यात अपराधी को अरेस्ट किया हैं। अरेस्ट किए गए अपराधी का नाम संदीप उर्फ़ मनीष , उम्र 30 वर्ष , निवासी अंबेडकर चौक , वीपीओ बादली , जिला झज्जर , हरियाणा हैं। इस अपराधी ने हैदराबाद में जेवलर्स की दुकान में घुस कर गोली मार कर लगभग 4 किलों सोना व नगदी लूट की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था। इस कुख्यात अपराधी पर दिल्ली के अलग -अलग थानों में डकैती , रंगदारी व लूट के 6 सनसनीखेज मुकदमे दर्ज हैं।
दिल्ली के स्पेशल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस, क्राइम रविंद्र सिंह यादव ने आज जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ,एजीएस की टीम ने एक कुख्यात अपराधी संदीप उर्फ मनीष, 30 वर्षीय निवासी अम्बेडकर चौक, वीपीओ बादली, जिला. झज्जर, हरियाणा, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर हैदराबाद के पीएस चैतन्यपुरी इलाके से बंदूक की नोक पर एक आभूषण की दुकान लूट ली, जिसमें उन्होंने कई गोलियां चलाईं और 2 जौहरियों को घायल कर लगभग 4 किलोग्राम सोना और नकदी लूट ली। इस प्रकरण में मुकदमा नंबर – 890 /2022, भारतीय दंड संहिता की धारा 394/397, 25/27 शस्त्र अधिनियम के तहत एक मामला, पीएस चैतन्यपुरी हैदराबाद में दर्ज किया गया था।
उनका कहना हैं कि हैदराबाद में मामला दर्ज होने के बाद, जांच के दौरान स्थानीय क्षेत्र के एक साजिशकर्ता को हैदराबाद की स्थानीय पुलिस ने अरेस्ट किया और मुख्य आरोपित व्यक्तियों के नाम संदीप उर्फ मनीष, सुमित और मनिया के रूप में सामने आए। तेलंगाना पुलिस ने क्राइम ब्रांच की टीम के साथ मामले पर काम किया और आरोपित के ठिकाने पर छापेमारी की कार्रवाई गई, लेकिन आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सका। और तेलंगाना पुलिस की टीम जहां वापस चली गई, वहीं इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एजीएस की टीम को आरोपित व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें अरेस्ट करने का काम सौंपा गया था।उनका कहना हैं कि एसआई सचिन गुलिया को मिली गुप्त सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एजीएस क्राइम ब्रांच की एक टीम जिसमें इंस्पेक्टर गुलशन ,एसआई सचिन गुलिया, एएसआई कुलदीप, एचसी नरेंद्र, एचसी दीपक, एचसी धर्मराज, एचसी पप्पू, एचसी मिंटू और एचसी श्याम सुंदर शामिल थे, नरेश कुमार, एसीपी / एजीएस की करीबी देखरेख में गठित किया गया था
छावला ड्रेन, छावला, दिल्ली के पास जाल बिछाया गया और आरोपित संदीप उर्फ मनीष को अरेस्ट कर लिया गया।
पूछताछ और अभियुक्त की कार्यप्रणाली:
आरोपित संदीप उर्फ़ मनीष का जन्म वीपीओ बादली, जिला झज्जर, हरियाणा में हुआ था और उसने बादली से स्नातक किया। उनके पिता एमसीडी से सेवानिवृत्त हुए थे और उनकी मां की 2017 में मृत्यु हो गई थी। उनके पिता ने दूसरी शादी की और अलग रह रहे थे। उसकी दो बहनें हैं और दोनों की शादी हो चुकी है। वर्ष 2018 में, वह एक परमवीर गुलिया (बेताब कपिल सांगवान उर्फ़ नंदू गैंग के सहयोगी) के संपर्क में आया, और परमवीर गुलिया के उद्देश्य की पूर्ति के लिए बंदूक की नोंक पर एक कार लूट ली। उसने विकासपुरी इलाके में एक के बाद एक लूट की वारदात को अंजाम दिया था। वर्ष 2019 में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक लाख रुपये की फिरौती मांगी। एक तरुण यादव से एक करोड़ और उस पर फायरिंग कर दी। जेल में उसकी मुलाकात सुमित डागर से हुई और जेल से बाहर आने के बाद सुमित डागर ने शुभम उर्फ मनिया से उसका परिचय कराया। संदीप उर्फ मनीष ने सुमित डागर, शुभम उर्फ मनिया के साथ मिलकर किसी बड़ी डकैती की साजिश रची थी। सुमित डागर ने संदीपउर्फ़ मनिया को एक महेंद्र निवासी भील वाड़ा, राजस्थान से भी मिलवाया। महेंद्र ने उन्हें तेलंगाना में आभूषण की दुकान लूटने का विचार दिया। तेलंगाना में हफ्तों तक रेकी करने के बाद, महेंद्र ने संदीप उर्फ़ मनीष, सुमित डागर, शुभम उर्फ़ मनिया को वहां बुलाया और अपनी योजना के अनुसार उन्होंने जौहरी को लूट लिया।