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पलवल: बेरोजगारी का समाधान सिर्फ कौशल -दत्तात्रेय

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
पलवल: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि बेरोजगारी का एकमात्र समाधान कौशल है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इस काम को मिशन के रूप में कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना से साकार हुआ यह विश्वविद्यालय न केवल लाखों लोगों को कुशल बनाएगा बल्कि पूरी दुनिया में इसकी एक अलग पहचान बनेगी। वह बृहस्पतिवार को पलवल के दुधौला स्थित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने यहां पहुंचने पर उनका भव्य  स्वागत किया।  राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय एवं कुलपति राज नेहरू की उपस्थिति में विश्व विद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने स्काई गियर्स, मेधावी और जोहनसंस समेत तीन इंडस्ट्री पार्टनर के साथ एमओयू साइन किए और सिडबी के साथ एक प्रोजेक्ट लांच किया।

कुलाधिपति  बंडारू दत्तात्रेय, कुलपति राज नेहरू और कुलसचिव प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट और न्यूज़ लेटर का विमोचन भी किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय तीव्र गति से विकास कर रहा है। यह युवा पीढ़ी के सपनों को साकार करेगा। नई शिक्षा नीति के अनुसार श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय आगे बढ़ रहा है।  राज्यपाल ने  विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का साकार रूप बताया। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कौशल, नवीन कौशल और अतिरिक्त कौशल की अवधारणा पर काम कर रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी इसके क्रियान्वयन में लगे हुए हैं। राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ऑन द जॉब ट्रेनिंग के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित कर रहा है।

साथ ही उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए रिकॉग्निशन ओपन लर्निंग तथा इनोवेटिव स्किल स्कूल के नवाचार के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू को बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें आईटीआई से आईआईटी तक का सफर पढ़ने और सीखने में तय करना है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए  एकाग्रता के लिए प्रेरित भी किया। राज्यपाल ने शिक्षा के साथ-साथ चरित्र पर बल दिया। विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के लिए उन्होंने कुलपति राज नेहरू की पीठ थपथपाई। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित करने का लक्ष्य बहुत महत्वकांक्षी है। युवाओं को इस में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। यह शिक्षा और कौशल जगत के सामंजस्य से संभव होगा। कुलपति राज नेहरू ने नवाचार और रचनात्मकता के साथ देश को उन्नति के शिखर पर ले जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत विषय पर काम कर रहे हैं। हमें उस में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि देश में जब भी स्किल की बात चलती है तो श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का जिक्र जरूर आता है। देश में कौशल नीति निर्माण में श्री विश्वकर्मा विश्वविद्यालय की अहम भूमिका है। कुलपति राज नेहरू ने कहा कि परंपरा से हटकर नवाचार के साथ संकल्प और परिश्रम से जो लोग आगे बढ़ेंगे वही सफल होंगे। उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को उद्योग और क्लास रूम के साथ एक अभूतपूर्व समन्वय की मिसाल बताया। नेहरू ने आने वाले समय में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की बात भी कही। जिसमें बीपीओ के तहत 200 सीटें होंगी।  राज नेहरू ने विद्यार्थियों से उद्यमिता की मानसिकता के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त आईएफएस खेया भट्टाचार्य ने वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की वित्तीय शक्तियों का उल्लेख किया। पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा के आयामों पर भी उन्होंने वृहद चर्चा की। मोटे अनाज की भूमिका का जिक्र करते हुए खेया भट्टाचार्य ने कहा कि इससे पानी की बचत होती है और यह प्रतिरोधात्मक क्षमता विकसित करने में यह उपयोगी है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. आर एस राठौड़ ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया और इससे पूर्व डीन एकेडमिक प्रोफेसर ज्योति राणा ने विश्व विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में 52 शॉर्ट टर्म प्रोग्राम शुरू होंगे। प्रोफेसर ज्योति राणा ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि विद्यार्थियों ने हम सब को गौरवान्वित किया है। विभिन्न के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। विश्वविद्यालय का कुलगीत लिखने वाले डॉ. राजेश मंगला को  राज्यपाल ने सम्मानित किया। विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। डॉ. भावना रूपराय ने मंच संचालन किया।

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