अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
यूपी एसटीएफ नोएडा यूनिट ने बैंकिंग इतिहास के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों को 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड करते हुए गैंग के सरगना समेत कुल 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में कूटरचित आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बरामद हुए हैं। आरोपियो के खिलाफ सूरजपुर पुलिस मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस की गिरफ्त में खडे रामकुमार, नितिन जैन, मो. वसी शमशाद आलम, इन्द्र कुमार कर्माकर, अनुज यादव, अशोक कुमार उर्फ दीपक जैन उर्फ रिंकी और ताहिर हुसैन गैंग के सदस्य है. जो बेहद शातिर तरीके से ऑपरेट कर रहा था. यूपी एसटीएफ नोएडा यूनिट के अपर पुलिस अधीक्षक रामकुमार कुमार मिश्रा ने बताया कि पहले ये फर्जी नाम और पते से आधार और पैन कार्ड बनाते थे।

फिर इन्हीं दस्तावेजों पर होम लोन और पर्सनल लोन लेते थे। लोन पास होते ही ये गायब हो जाते थे। जांच में पता चला है कि ये ‘प्रोफाइल फंडिंग’ के नाम पर बिल्डर्स के साथ सांठगांठ कर रहे थे।इनका जाल सिर्फ नोएडा तक सीमित नहीं था। ये गैंग चंडीगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई बिल्डर्स के साथ मिलकर फर्जी प्रोफाइल पर फ्लैट्स और मकानों पर लोन पास कराता था। अब तक की जांच में करीब 10 बैंकों के साथ धोखाधड़ी की बात सामने आई है और घोटाले की रकम 100 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। पुलिस अब उन बैंक कर्मियों और बिल्डर्स की भी जांच कर रही है जो इस सिंडिकेट में शामिल हो सकते हैं।
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