नई दिल्ली: भारत के दुश्मन और मोस्ट वांटेड आतंकी जैश के सरगना मसूद अजहर के कल मरने की खबरें सामने आईं थीं. हालांकि अभी पाकिस्तान की तरफ से कोई पुष्टि नहीं हुई है. खबर हैं कि वह अभी जिंदा हैं। बताया जा रहा है कि 17-18 फरवरी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने रावलपिंडी के ठिकाने से मसूद को बहावल पुर के ठिकाने पर छिपाया था. बहावलपुर के ठिकाने कोटघानी में मसूद अजहर के लिए ICU का इंतजाम किया गया था.इस जगह सिर्फ मसूद का इलाज चल रहा है. मसूद के करीब रहने वाले या आस पास रहने वाले लोगों ने भी उसको 26 फरवरी के बाद से नहीं देखा है. मौत के खबर के बीच पाकिस्तानी मीडिया के सूत्रों के मुताबिक मसूद अजहर जिंदा है. खुफिया एजेंसियां भी मसूद अजहर की मौत की खबर की जांच में जुटी हैं. अब तक उन्हें ये जानकारी है कि मसूद अजहर किडनी फेल होने के बाद आर्मी अस्पताल में भर्ती था.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के एक्शन से पाकिस्तान दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है, ऐसे में वो आतंकी मसूद अजहर के साथ खड़ा नहीं दिखना चाहता. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान यूएन सुरक्षा परिषद में मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव का विरोध नहीं करेगा. एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार पाकिस्तान के बड़े सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि देश को फैसला लेना होगा कि व्यक्ति महत्वपूर्ण है या देश का व्यापक राष्ट्रीय हित अहम है.अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने बुधवार को पाकिस्तान में रहने वाले अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नये सिरे से प्रस्ताव रखा था. ऐसा होने से अजहर के वैश्विक रूप से यात्रा करने पर पाबंदी लग जाएगी, उसकी संपत्तियां फ्रीज हो जाएंगी. इस बीच ये भी खबर है कि ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से बात कर आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.
मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था. उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत – उल-अंसार से जुड़ गया, यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की. वह 1994 के करीब श्रीनगर आ गया.उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया. आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कोशिश शुरू की. 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया. आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदल मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग शुरू की. लेकिन आतंकियों की चंगुल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया. बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी.
1999 में भारत सरकार ने अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ा था
1999 में आतंकी मसूद अजहर को छुड़वाने में कामयाब रहे. दरअसल, दिसंबर 1999 में काठमांडू एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयर पोर्ट, नई दिल्ली जाने वाली भारतीय विमान IC814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया और विमान को लेकर अफगानिस्तान के कंधार चले गए. विमान में कुल 178 सवार थे. आतंकियों ने यात्रियों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर को रिहा करने की मांग की.पूरे हाईजैक के पीछे मसूद अजहर के छोटे भाई अब्दुल रऊफ असगर का हाथ था. तमाम चर्चाओं के बाद अजहर समेत तीनों आतंकियों को जम्मू की कोट भलवाल जेल से निकालकर कंधार ले जाया गया. जिसके बाद आतंकियों ने सभी यात्रियों को रिहा कर दिया.मसूद अजहर ने उसके बाद साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और वह लगातार कश्मीर में युवाओं को भड़काने और आजादी की बात करता रहा है.