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नोएडा

बच्चों के नन्ही आँखों से देखे सपनों को साकार कर रहा है, नोएडा पुलिस और एचसीएल कंपनी का कार्यक्रम नन्हे परिंदे

अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट 
वो नन्हे हाथ जो नोएडा की व्यवस्तम चौराहो के किनारे आम तौर पर भीख मांगते, गुलाब, खिलौने और रोज़मर्रा का समान बेचते नजर आते थे. आज उन हाथों में पेंसिल, कॉपी, किताब है और कंधे पर लटका स्कूल बैग है।  इन बच्चों की आंखों में स्कूल जाने का सपने को साकार कर बच्चों में शिक्षा की अलख जगाई है गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट, एचसीएल फाउंडेशन और चेतना एनजीओ ने. नन्हे परिंदे नाम से एक कार्यक्रम शुरू करके। जनवरी में शुरू की गई इस मुहिम की शुरुआत दो मोबाइल शिक्षा बस से किया गया था।बाल दिवस पर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय से दो मोबाइल शिक्षा वैन हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। कार्यक्रम के तहत वर्तमान में गौतम बौद्ध नगर क्षेत्र में चार मोबाइल वैन चल रही हैं।

मौका था बाल दिवस का….बच्चे भी थे केक भी था… पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बच्चो के साथ मिल कर केक काटा… और बच्चों के उन सपनों रुबरु हुए, जो उनकी नन्ही आँखों देखे है और जिन्हे पूरे करने की कोशिश नोएडा पुलिस और एचसीएल कंपनी मिलकर नन्हे परिंदे नाम से कार्यक्रम शुरू करके की है।  पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह बताते है जनवरी 2021 में शुरू की गई इस पहल ने शिक्षा की एक वैकल्पिक प्रणाली के साथ स्कूल से बाहर और छोड़ने वालों को जोड़ा है। स्कूल न जाने वाले 108 बच्चों को शिक्षा व्यवस्था के दायरे में लाया गया है। 69 स्ट्रीट बच्चों को स्कूलों में नामांकित किया गया है जबकि 39 बच्चों को ओपन बेसिक एजुकेशन श्रेणी में नामांकित किया गया है।
आलोक सिंह का कहना है नन्हे परिंदे पहल का उद्देश्य कमजोर बच्चों को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करना है जहां वे वैकल्पिक शिक्षा, कला और शिल्प, आत्मरक्षा में प्रशिक्षण, लिंग और समावेश, सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों, और खेल और पोषण के अवसर सावधानीपूर्वक तैयार किए गए पाठ्यक्रम के माध्यम से किये जा रहे है. नियमित रूप से आयोजित गतिविधियों के माध्यम से लगभग 750 समुदाय के सदस्यों को नन्हे परिंदे के उद्देश्यों के बारे में सूचित और संवेदनशील बनाया गया है। 332 से अधिक बच्चों ने बाल अधिकार, सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श, नेतृत्व और योजना, निर्णय लेने और आत्म जागरूकता जैसे नए जीवन कौशल सीख कर अपने जीवन में सुधार किया है। एचसीएल फाउंडेशन सीएसआर शाखा की प्रमुख निधि पुंडीर का कहना है कि शिक्षा की मुख्यधारा से छूटे गए इन बच्चों के लिए एससीएल फाउंडेशन पहले से ही काम कर रहा है। यह एक अनोखा कदम है जो एचसीएल ने नोएडा पुलिस के साथ मिल कर उठाया। हम पाँच मोबाइल बसे उपलब्ध करा रहे, दो बसे पहले संचालित की जा रही आज दो और बसे शुरू की गई है।  इन मोबाइल बसो का नाम नन्हे परिंदे है। जो जगह जगह जाकर गरीब बच्चों को शिक्षा हासिल करने में मदद कर रही है, प्रत्येक वैन में एलसीडी स्क्रीन के साथ 2 अध्यापक और शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध है, स्मार्ट क्लासेज में 30 बच्चों को एक साथ पढ़ाया जा है. हमारी कोशिश यह रहेगी कि बच्चे से इस चलती फिरती पाठशाला के सहारे न रहे, उन्हें मुख्यधारा से जोडा जाये. इसमें अब तक के परिणाम उत्साहजनक है। 

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