अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
एनएसयूआई प्रभारी कन्हैया कुमार ने रूस में युद्ध के लिए 20 भारतीय युवाओं को बंधक बनाए जाने और युद्ध के दौरान गुजरात के युवक की मौत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है और बेरोजगार युवाओं के लिए दूसरे देश के युद्ध क्षेत्र में जबरदस्ती नौकरी करवाने की स्थिति पैदा की गई है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को पत्रकार वार्ता करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि रूस में 20 भारतीय युवाओं को बंधक बनाकर रखा गया है, क्योंकि अपने देश में नौजवानों के लिए मृत काल चल रहा है। यदि मोदी सरकार हर साल दो करोड़ नौकरियां देती तो युवाओं को विदेश न जाना पड़ता। रूस के पास स्थायी सेना नहीं है, वहां सेना कांट्रैक्ट पर चलती है। जैसे अब देश में अग्निवीर का मॉडल लाया गया है। रूस में जबरदस्ती भारतीय युवाओं को एक तरीके से बंधक बनाकर रखा गया है। गुजरात का एक युवक भी सिविलियन वर्क के लिए रूस गया, जहां उसकी मौत हो गई है। इस संवेदनशील मुद्दे पर चारों तरफ चुप्पी है।
कन्हैया कुमार ने कहा कि अगर देश के युवा अपने देश के लिए शहादत देते हैं तो यह देशभक्ति है। लेकिन दूसरे देश की लड़ाई में भारतीय युवाओं को क्यों जाना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे देश में नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। बेरोजगारी का दंश युवाओं को झेलना पड़ रहा है। पिछले 10 साल में बेरोजगारी दर लगभग दोगुनी हो गई है। 45 साल में देश के इतिहास में इतनी बेरोजगारी कभी नहीं थी। केंद्रीय विभागों में लाखों पद खाली हैं और सरकारी क्षेत्रों की हालत काफी खराब है। भर्ती या तो की नहीं जाती है या सरकारी नौकरियों की भर्तियों के पेपर लीक हो जाते हैं और पूरी प्रक्रिया न्यायालय के अधीन चली जाती है। देश के युवाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। देश में बेरोजगारी के हालात ऐसे हैं कि हर एक घंटे में दो युवा आत्महत्या कर रहे हैं।कन्हैया कुमार ने कहा कि देश में रोजगार नहीं मिलने से आत्महत्या करने की स्थिति है। वहीं रोजगार पाने के उद्देश्य से युवाओं को दूसरे देश के युद्ध क्षेत्र में जबरदस्ती बंधक बनाकर नौकरी करवाने की स्थिति पैदा की गई है। मजबूरी का फायदा उठाकर, विदेश के सपने दिखाकर देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कन्हैया कुमार ने कहा कि देश के युवाओं को इजराइल में भी मजदूरी के लिए भेज दिया गया। इस तरह देश के युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने अमेरिका, आस्ट्रेलिया और अन्य यूरोपियन देशों में भी भारतीय युवाओं की मौत का उल्लेख किया। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि अगर देश में पर्याप्त रोज़गार के अवसर उपलब्ध होते, तो भारतीय युवाओं को विदेशों में रोज़गार तलाशने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ता।
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